India Canada Row: भारत ने गिनाए आतंकियों के नाम; कब कार्रवाई करेंगे ट्रूडो
India Canada Relation News In Hindi कनाडा अब खालिस्तानी आतंकी के साथ-साथ गैंगस्टरों और ड्रग्स तस्करों का भी अड्डा बन चुका है। इन गैंगस्टरों और ड्रग तस्करों के गठजोड़ में विदेश में बैठे कई लोग शामिल हैं। जिस हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत-कनाडा रिश्ते रसातल में चले गए हैं उसके खालिस्तानी आतंकी होने के ठोस सबूत कनाडा सरकार को सौंपे जा चुके हैं।
18 अक्टूबर, 2024 – नई दिल्ली : कनाडा सिर्फ खालिस्तानी आतंकी ही नहीं, बल्कि गैंगस्टरों और ड्रग्स तस्करों की भी शरणस्थली बन गया है, जो वहीं से पंजाब में अवैध वसूली, टारगेट किलिंग से लेकर ड्रग्स तस्करी को अंजाम दे रहे हैं। गैंगस्टरों, ड्रग्स तस्करों और आतंकियों का गठजोड़ भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी चिंता का सबब बन गया है।
भारत में वांछित इन अपराधियों को रोकने की बजाय कनाडा अपने लाभ के लिए उन्हें वहां संरक्षण दे रहा है। हालात यह है कि पंजाब के लगभग 29 गैंगस्टर फर्जी पासपोर्ट पर कनाडा में शरण लिए हुए हैं जिनमें से कइयों को भारत ने आतंकी घोषित कर रखा है।
सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कनाडा को अपने यहां रह रहे आतंकियों और गैंगस्टरों के बारे में अच्छी तरह पता है। भारत सरकार की ओर से कई डोजियर भी सौंपे जा चुके हैं।
राजनीतिक हित साधने में व्यस्त ट्रूडो
2018 में जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत दौरे पर आए थे तो पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें 10 ऐसे लोगों की सूची सौंपी थी, जो कानूनी प्रक्रिया से बचकर भाग गए थे और कनाडा में रह रहे थे। लेकिन बोलने की आजादी की आड़ लेकर राजनीतिक हित साधने के लिए मौजूदा जस्टिन ट्रूडो सरकार इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रह है।
कनाडा को दिए सबूत
इन गैंगस्टरों और ड्रग तस्करों के गठजोड़ में विदेश में बैठे कई लोग शामिल हैं। जिस हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत-कनाडा रिश्ते रसातल में चले गए हैं, उसके खालिस्तानी आतंकी होने के ठोस सबूत कनाडा सरकार को सौंपे जा चुके हैं।
कनाडा में मिली शरण
आतंकी गुरजीत चीमा, मलकीत फौजी, सुलिंदर सिंह, हरदीप सोहोता, गुरजंट सिंह पन्नू, परमिंदर सिंह दुलाई, भगत सिंह बराड़, टहल सिंह जैसे खालिस्तानी आतंकी वर्षों से कनाडा में शरण लिए हुए हैं। इसके साथ ही गोल्डी बराड़, लारेंस बिश्नोई का भाई अनमोल बिश्नोई, गुरविंदर सिंह उर्फ बाबा डल्ला, सतविंदर सिंह उर्फ सैम, सनोवर ढिल्लों, लखवीर सिंह उर्फ लंडा, अर्श डल्ला उर्फ अर्शदीप सिंह अर्श, गगना उर्फ गगनदीप, दीप नवांशहरिया, रिंकू बिहला, रमन जज जैसे गैंगस्टरों को कनाडा में मिल हुआ है।
वर्चस्व की लड़ाई
जस्टिन ट्रूडो भले ही अपने राजनीतिक लाभ के लिए आतंकियों, गैंगस्टरों और ड्रग्स तस्करों को पनाह दे रखा हो, लेकिन इसका खामियाजा खुद उसे भी भुगतना पड़ रहा है। जिस आतंकी निर्झर की हत्या का दोष कनाडा भारत को दे रहा है, उसकी मौत की असली वजह विभिन्न गैंग के बीच वर्चस्व की लड़ाई बताई जा रही है। कभी शांति और संवृद्धि के लिए प्रसिद्ध कनाडा में गैंगवार की घटनाएं अब सामान्य होती जा रही हैं।
सौजन्य : दैनिक जागरण
‘कनाडा को 26 लोगों के नाम की प्रत्यर्पण लिस्ट भेजी, लॉरेंस गैंग के लोगों पर भी एक्शन लेने को कहा’,
भारत ने ट्रूडो को फिर सुनाया
India Canada Row कनाडा की ओर से भारत पर कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद अब भारत ने भी बदले में कनाडा पर इन सबके पीछे राजनीतिक मकसद होने का आरोप लगाया है। साथ ही विदेश मंत्रालय ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि उसने कनाडा से लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लोगों को गिरफ्तार करने को भी कहा था।
नई दिल्ली। भारत और कनाडा के बीच जारी कूटनीतिक घमासान के बीच भारत ने एक और बड़ा आरोप कनाडा पर लगाया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि कनाडा के पास भारत के कम से कम 26 प्रत्यर्पण अनुरोध लंबित हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, ‘ये पिछले एक दशक या उससे भी अधिक समय से लंबित हैं।’ गौरतलब है कि कनाडा में एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या से भारत को जोड़े जाने के बाद इस सप्ताह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और भी खराब हो गए हैं।
‘कहने के बाद भी नहीं की गिरफ्तारी’
साथ ही भारत ने आरोप लगाया कि उसने लॉरेंस गैंग के गिरोह के लोगों की गिरफ्तारी का भी कनाडा से अनुरोध साझा किया था, लेकिन उसने कोई एक्शन नहीं लिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हमने लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह के लोगों की गिरफ्तारी के लिए कनाडाई पक्ष से कुछ अनुरोध साझा किए थे। उन्होंने हमारी मुख्य चिंताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की है। इसके पीछे एक राजनीतिक मकसद भी है।’
MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, “We had shared some requests with the Canadian side for the arrest of those from Lawrence Bishnoi’s gang. They haven’t taken any action on our core concerns. There is a political motive also behind this.”
कनाडा ने नहीं दिया कोई सबूत: भारत
भारत ने गुरुवार को कहा कि कनाडा के साथ मौजूदा कूटनीतिक विवाद ट्रूडो सरकार के निराधार आरोपों के कारण बढ़ा है। साथ ही भारत ने दोहराया कि नई दिल्ली के खिलाफ कनाडा के गंभीर आरोपों के समर्थन में कोई सबूत साझा नहीं किया गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सार्वजनिक जांच के दौरान स्वीकार करना बताता है कि भारत के खिलाफ लगाए गए आरोप कितने अहम हैं। इससे पहले ट्रूडो ने बुधवार को स्वीकार किया कि पिछले साल खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंटों की संलिप्तता का आरोप लगाते समय उनके पास केवल खुफिया जानकारी थी और कोई ठोस साक्ष्य नहीं था।
‘भारत के रुख की पुष्टि’
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि उसने जो सुना है, वह नई दिल्ली के इस लगातार रुख की पुष्टि करता है कि कनाडा ने भारत और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया है। ब्रीफिंग के दौरान, जायसवाल ने दोहराया कि अभी तक कनाडा द्वारा कोई सबूत साझा नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘वर्तमान संकट (भारत-कनाडा संबंधों में) ट्रूडो सरकार के निराधार आरोपों के कारण हुआ है।’ एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, जायसवाल ने कहा कि भारत की ओर से 26 प्रत्यर्पण अनुरोध एक दशक या उससे अधिक समय से कनाडा की ओर से लंबित हैं।
सौजन्य : दैनिक जागरण
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