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चमत्कार में डेरों से मुकाबला कर रहे पंजाब के ईसाई प्रॉफेट, पादरी – PART-3

December 21, 2022 By Guest Author

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Pastor Deol Khojewala -Jesus Healing Ministry - indiasthan.com

प्रमुख मिनिस्ट्रीज, कुछ विवादित नेता

अपोस्त्ले अंकुर नरूला मिनिस्ट्रीज अपनी वेबसाइट पर, ‘पंजाब में सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ता चर्च मिनिस्ट्रीज’ होने का दावा करता है.

जालंधर के खंब्रा गांव में स्थित ‘चर्च ऑफ साइंस एंड वंडर्स’ वाले अपने घरेलू आधार के साथ, इसके द्वारा लगभग तीन लाख सदस्य होने का दावा किया जाता है.

इसके नेता, अंकुर नरूला, एक हिंदू खत्री व्यवसायी परिवार से आते हैं, और एक ड्रग एडिक्ट रूप से उबरने का दावा करते हैं. इसकी वेबसाइट के अनुसार, नरूला को ‘नशे और बीमारी से निराश होकर आत्महत्या करने के समय प्रभु यीशु मसीह के बारे में पता चला. उन्होंने इस गॉस्पेल (ईसोपदेश) के बाद खुद को ईश्वर के प्रति समर्पित कर दिया और वर्ष 2008 में चर्च में 3 लोगों के साथ अपना मिनिस्ट्रीज शुरू किया…’

यह साइट आगे घोषणा करती है कि नरूला अब ‘चर्च ऑफ साइन्स एंड वंडर्स’ में हर हफ्ते 100,000 से अधिक लोगों की एक मंडली को यीशु मसीह के बारे में शुभ समाचार सुनाते हैं.

इसमें कहा गया है कि ‘चमत्कार की सेवाओं, सम्मेलनों, टीवी प्रसारण, इंटरनेट, मुद्रित पृष्ठ (मसिही संसार), और ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से’, नरूला का संदेश अब ‘दुनिया भर में हजारों लोगों’ को प्रेरित करता है. नरूला पंजाब के पहले उन मिनिस्ट्रीज में से एक थे, जिन्होंने बड़ी संख्या में अनुयायी बनाये थे.’

अमृत संधू, हरजीत सिंह, पंकज रंधावा और पवन चौहान जैसे पादरियों के कई उभरते हुए मिनिस्ट्रीज ने घोषणा की है कि नरूला उनके आध्यात्मिक पिता (स्पिरिचुअल फादर) हैं और वे उनके ही नक्शेकदम पर चल रहे हैं.

इस जनवरी में, नरूला ने पादरियों के लिए एक परामर्श कार्यक्रम भी शुरू करने वाला है.

अंकुर नरूला मिनिस्ट्रीज के साथ काम करने वाले एक पादरी यूनुस मसीह के अनुसार, यह चर्च पूरी तरह से ‘परोपकार’ के लिए काम करता है.

मसीह ने दिप्रिंट को बताया, ‘हम लोगों को राशन देते हैं, गरीबों की शादी में मदद करते हैं – एक-एक पैसे का हिसाब है. हम पूरी तरह से स्वैच्छिक दान पर काम करते हैं. उपचार या अन्य सेवाओं के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है. और किसी का भी धर्म परिवर्तन नहीं होता है.’

जैसा कि इस आलेख में पहले ही उल्लेख किया गया है, अपोस्त्ले अंकुर नरूला मिनिस्ट्रीज अपने फंड की वजह से जांच के दायरे में आ गया है, और इसे हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों से भी कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा है.

Christian Invasion of Punjab: A Major Demographic Change in Offing For God So Loved Punjab Karminder Singh Dhillon

नवंबर 2020 में, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े एक समूह ‘लीगल राइट्स ऑब्जर्वेटरी’ ने एक ट्विटर थ्रेड में दावा किया था कि उसने विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट – एफसीआरए) के कथित उल्लंघन के लिए नरूला के खिलाफ केंद्रीय गृह मिनिस्ट्रीज में शिकायत दर्ज कराई थी. इस समूह ने आरोप लगाया कि नरूला ने ब्रिटेन में दस दिनों के लिए एक मुखौटा कंपनी बनाई और फिर इसे ‘मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क’ स्थापित करने की नीयत से भंग कर दिया.

पिछले साल 23 नवंबर को, नरूला ने अपने चर्च की दिल्ली शाखा खोली, जिसमें कथित तौर पर एक हफ्ते बाद बजरंग दल के सदस्यों ने तोड़-फोड़ की थी और तब से यह बंद है. हालांकि तोड़-फोड़ करने वाले उपद्रवियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, मगर मिनिस्ट्रीज के कर्मचारियों पर भी सामाजिक दूरी की परवाह किये बिना बड़ी सभा आयोजित करके आपदा प्रबंधन अधिनियम की शर्तों के उल्लंघन के लिए एक मामला दर्ज किया गया था.

प्रॉफेट बजिंदर सिंह मिनिस्ट्रीज ने काफी तीव्र गति से वृद्धि की है और अब वह नरूला को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. इस सारे परिदृश्य में नवागंतुक माने जाने बजिंदर सिंह ने अपने अनुयायियों का बड़ा आधार बना लिया है. अब चाहे इसका जो भी महत्व हो परन्तु यूट्यूब उनके 13.5 लाख अनुयायी हैं जबकि नरूला के अनुयायियों की संख्या 6.83 लाख ही हैं.

बजिंदर सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अपने बारे में बहुत कम खुलासा किया है, लेकिन पंजाब पुलिस की खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, वह हरियाणा के यमुनानगर के एक हिंदू जाट परिवार से आता है और उसके पास मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री है.

इसी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बजिंदर को, जब वह 20 वर्ष का था, एक हत्या के मामले में उसकी संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया था और उसके बाद परिवार ने उसे छोड़ दिया. दिप्रिंट ने हत्या के इस मामले की पूछताछ के लिए यमुनानगर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कमलदीप गोयल से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने कहा कि जानकारी तुरंत उपलब्ध नहीं है और वह इस बारे में और खोज-बीन करेंगे (इन विवरणों से अवगत होने के बाद यह रिपोर्ट अपडेट की जाएगी).

चमत्कार, इलाज, विजा, मरे को जिलाना.. बलात्कारी-ठग पादरी के झूठ के कारोबार  की हकीकत | डूपॉलिटिक्स

पंजाब पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार जो पता चलता है, वह यह है कि बजिंदर ने अपने गिरफ्तार होने के दौरान ईसाई धर्म की ओर झुकना शुरू कर दिया था, और उसने अपनी रिहाई के बाद इसकी बातों को फैलाने का फैसला किया.

उसने 2008 में अपना धर्म परिवर्तन कराया और 2012 तक लोगों को ‘चंगा’ करने के लिए छोटी-छोटी सभाओं का आयोजन करना शुरू कर दिया.

बजिंदर की किस्मत में कैसे बदलाव आया इस बात का विवरण देते हुए रिपोर्ट में बताया गया है कि, ‘शुरुआत में, वह जालंधर जिले के एक चर्च के पादरी था, लेकिन 2015 में, वह चंडीगढ़ चला गया और बाद में, चर्च ऑफ़ ग्लोरी एंड विज़डम, चंडीगढ़ का अध्यक्ष बन गया. साल 2017 और अगस्त 2021 के बीच उसने कथित तौर पर 24 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की, और इसी अवधि के दौरान उसने शादी भी की और उसके तीन बच्चे भी पैदा हुए.

हालांकि, यह सब उसके लिए एकदम से आसान सफर भी नहीं रहा है. अप्रैल 2018 में, चर्च के ही एक स्वयंसेवक ने बजिंदर पर मोहाली में अपने आवास पर उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था. इसके बाद भाग कर लंदन जाने के लिए उड़ान भरने से पहले ही उसे जुलाई 2018 में दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था. हालांकि बजिंदर ने केवल दो महीने जेल में बिताए और अभी जमानत पर बाहर हैं, वह वर्तमान में उसके खिलाफ इस कथित बलात्कार के मुकदमे को लेकर मोहाली में चल रहा है. अभियोजन पक्ष द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत करने के काम के लगभग समाप्त होने के साथ ही मामला सुनवाई के अंतिम चरण में है; इस मामले में आखिरी सुनवाई 22 दिसंबर को हुई थी. बजिंदर ने अपने प्रवचनों में दावा किया है कि उसके खिलाफ लगे सभी आरोप झूठे हैं.

सितंबर 2021 में, बजिंदर को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की तरफ से भी परेशानी का सामना करना पड़ा, जब उसके खिलाफ धर्मांतरण के उदेश्य से बच्चों का इस्तेमाल करने के लिए शिकायत दर्ज की गई थी. हालांकि बच्चे के परिवार द्वारा मिनिस्ट्रीज के पक्ष में गवाही दिए जाने के बाद इस शिकायत को बंद कर दिया गया था.

जुलाई 2021 में, नई चंडीगढ़ के बूथगढ़ गांव, जहां बजिंदर ने अपने प्रार्थना सत्र चलाने के लिए जमीन का एक बड़ा सा टुकड़ा किराए पर लिया हुआ है, में मिनिस्ट्रीज के कर्मचारियों और किसानों के बीच एक हिंसक विवाद हुआ था. इस गांव के एक निवासी ने उनका नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, ‘उसने अपने कर्मचारियों से कहा था कि जब तक वह मंच पर उपदेश दे रहा है, तब तक वे किसानों को अपने ट्रैक्टरों का उपयोग बंद करने के लिए कहें. इस बात पर किसानों ने विरोध किया और इसी को लेकर बजिंदर के आदमियों और किसानों के बीच हिंसक लड़ाई हुई. बाद में यह सारा मामला पुलिस थाने में सुलझा लिया गया था.’

बूथगढ़ गांव के इस निवासी ने आगे यह भी दावा किया कि बजिंदर के सत्र ‘गोपनीयता’ से सरोबार होते हैं और अधिकांश आगंतुक इस इलाके के से नहीं होते हैं. उन्होंने कहा,’वे (आगंतुक) रात में ठहरने के लिए जगह की तलाश में गांव में हमारे पास आते रहते हैं. हमें यह भी पता चला है कि जिन लोगों को अंदर जाने दिया जाता है, उनसे कहा जाता है कि वे अपने मोबाइल फोन बाहर छोड़ दें ताकि वे किसी असफल उपचार के अनुभव के बारे में, या तब जब कोई व्यक्ति उपचार के लिए पैसे देने के बारे में बोल रहा हो; वीडियो न बना पाएं.’

जैसा कि पहले उल्लेख किया जा चुका है, न तो बजिंदर सिंह और न ही उसके प्रतिनिधियों ने एक साक्षात्कार के लिए दिप्रिंट के फोन कॉल और मोबाइल संदेशों का कोई जवाब दिया.

पादरी हरप्रीत देओल खोजेवाला मिनिस्ट्रीज पंजाब में इस तरह के सबसे पुराने प्रतिष्ठानों में से एक है. सिख धर्म से धर्मांतरित हरप्रीत के पिता हरभजन सिंह ने 1991 में कपूरथला के खोजेवाला गांव में ‘ओपन डोर चर्च’ की शुरुआत की थी.

हरप्रीत देओल ने 2020 में दिए गए एक साक्षात्कार में कहा था, ‘मेरे पिता 1980 के दशक में ऑस्ट्रेलिया चले गए थे, जहां वे बीमार पड़ गए और फिर एक ईसाई पादरी ने उनका इलाज किया. इसके बाद वह ईसाई धर्म में परिवर्तित हो गया और यीशु मसीह के वचनों का प्रचार करने और लोगों को चंगा करने के लिए भारत वापस आ गए.’ उन्होंने इसी साक्षात्कार में कहा था कि वह पहले तो मिनिस्ट्रीज में काम करने के प्रति अनिच्छुक थे लेकिन कुछ ‘असाधारण अनुभवों’ ने इस बारे में उनका विचार बदल दिया.

हरप्रीत देओल की पत्नी गुरशरण कौर भी उनके साथ ही काम करती हैं. वह उपदेश भी देती हैं और उपचार सत्र भी आयोजित करती हैं. वर्तमान में, देओल की मिनिस्ट्रीज उनके गांव में एक विशाल चर्च भवन का निर्माण कर रहा है.

राजनेता चाहते हैं ‘आशीर्वाद’

कैंसर का इलाज, मरे को जिंदा करना : चमत्कार में डेरों से मुकाबला कर रहे पंजाब  के ईसाई प्रोफेट, पादरी

पंजाब में कई शीर्ष राजनेता अपने राजनीतिक संपर्क के प्रयासों के तहत प्रमुख मिनिस्ट्रीज के ‘प्रार्थना और उपचार’ सत्रों, शाखा-उद्घाटन समारोहों और क्रिसमस पूर्व समारोहों में दिखाई दिए हैं.

14 दिसंबर को, उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा, जिनके पास गृह विभाग भी है, ने गुरदासपुर के कलानौर (जो रंधावा के निर्वाचन क्षेत्र, डेरा बाबा नानक का हिस्सा है) में अपोस्त्ले अंकुर योसेफ नरूला मिनिस्ट्रीज के एक विशेष सत्र में भाग लिया. हजारों की संख्या में उपस्थित भीड़ के सामने ही नरूला ने रंधावा को ‘आशीर्वाद’ दिया, जिन्होंने उत्साही हलेलुजाहों के साथ इसका जवाब दिया और कृतज्ञता में अपना सिर झुका लिया. रंधावा के सार्वजनिक फेसबुक पेज पर उपलब्ध इस सारी कार्यवाही के वीडियो में नरूला को सत्ता पर काबिज लोगों के लिए ‘विशेष प्रार्थना’ करते हुए दिखाया गया है, जबकि डिप्टी सीएम उसके सामने हाथ जोड़कर खड़े दिखते हैं.

Govt committed to protect rights of Christians: Sidhu - Hindustan Times

20 नवंबर को, रंधावा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू के साथ, प्रॉफेट बजिंदर सिंह मिनिस्ट्रीज की अमृतसर शाखा के उद्घाटन में भी शामिल हुए.

रंधावा का बजिंदर सिंह मिनिस्ट्रीज के साथ पुराना इतिहास रहा है. जुलाई 2019 में, जब वह कैबिनेट मंत्री थे, तो उन्हें बजिंदर सिंह का आशीर्वाद मिला था. इसके बाद, बजिंदर ने सितंबर 2021 में रंधावा के डिप्टी सीएम के रूप में पदोन्नत करने पर अपना श्रेय लेना सुनिश्चित किया.

दिप्रिंट ने इन कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी पर एक टिप्पणी के लिए कई फोन कॉल और टेक्स्ट संदेशों के माध्यम से रंधावा तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने तक उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई थी.

इसी तरह, 30 नवंबर को, कैबिनेट मंत्री और कपूरथला के विधायक राणा गुरजीत सिंह ने पादरी हरप्रीत सिंह देओल खोजेवाला मिनिस्ट्रीज द्वारा आयोजित पेंटेकोस्टल क्रिश्चियन प्रबंधक कमेटी (पीसीपीसी) के ‘भव्य उद्घाटन समारोह’ में भाग लिया था .

Churchanity on Twitter: "Pastor Harpreet Deol Khojewala Ministries is one  of the oldest such establishments in Punjab. Harpreet's father Harbhajan  Singh, who converted from Sikhism, started the Open Door Church in Khojewala

राणा ने वहां जुटी एक विशाल भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैंने पादरी देओल के साथ दो घंटे से अधिक समय बिताया है और मैं आपको बता दूं कि उनके बारे में कुछ तो खास है. मैं भी धीरे-धीरे उनका प्रशंसक बन रहा हूं. सभी धर्म एक भगवान की ओर ले जाते हैं, चाहे हम कोई भी रास्ता चुने’.

राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इमानुएल नाहर भी वहां मौजूद थे. उन्होंने कहा, ‘पंजाब में कभी कोई ईसाई विधायक या सांसद नहीं बना है. इसे बदलने की जरूरत है. हमें बेहतर प्रतिनिधित्व की जरूरत है.’

इन मिनिस्ट्रीज में नेताओं की अन्य उल्लेखनीय यात्राओं में जलालाबाद के विधायक रमिंदर सिंह आवला और फिरोजपुर के पूर्व कांग्रेस सांसद शेर सिंह गुबया द्वारा फाजिल्का में बजिंदर सिंह के ‘उपचार सत्र’ में 10 दिसंबर की उपस्थिति और पंजाब के शिक्षा मंत्री परगट सिंह की ट्रैकसूट पहने अंकुर नरूला से क्रिसमस के अवसर पर हुई ‘शिष्टाचार भेंट‘, शामिल हैं.

https://hindi.theprint.in/india/cure-cancer-undo-death-punjab-christian-prophet-posters-compete-deras-in-miracles/262532/


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