22 फरवरी, 2023 – भाषा के नाम पर बनी पंजाबी यूनिवर्सिटी को वित्तीय संकट से बचाने के लिए स्टूडेंट्स जत्थेबंदियां अब सड़कों पर उतर आई हैं और मातृभाषा दिवस के अवसर पर 5 स्टूडेंट जत्थेबंदियों ने पीयू के दोनों गेट बंद कर दिए और करीब 4 घंटे प्रदर्शन करते हुए सरकार और अथॉरिटी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जत्थेबंदियों ने सुबह 8 बजे गेट बंद किए और दोपहर 12 बजे खोले। इसके चलते दूर दराज से आए स्टूडेंट्स काफी परेशान हुए और उनको आपने काम करवाने के लिए गेट के बाहर ही इंतजार करना पड़ा।
इन 5 छात्र संगठनों में पीएसयू, पीआरएसयू, एआईएसएफ, एसएफआई ने पंजाबी यूनिवर्सिटी रेस्क्यू अभियान शुरू किया जिसको लेकर संयुक्त छात्र मोर्चा का गठन किया है। सैकड़ों छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन और पंजाब सरकार पर आरोप लगाते हुए यूनिवर्सिटी का मुख्य गेट बंद कर रैली निकाली। छात्र नेताओं ने कहा कि एक तरफ पंजाब सरकार मातृभाषा की संरक्षक होने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ पंजाबी भाषा के विस्तार और विकास के लिए बने पंजाबी यूनिवर्सिटी की तरफ ध्यान नहीं दे रही है।
पंजाबी विभाग में 15 में से 6, भाषा विकास में 8 में से 7 और भाषा विज्ञान में 10 में 9 पद खाली
स्टूडेंट्स जत्थेबंदियों ने बताया कि पीयू छात्र-छात्रावास जर्जर हालत में है। नए छात्रावासों के निर्माण और पुराने छात्रावासों के जीर्णोद्धार के लिए भी पैसा नहीं है। यूनिवर्सिटी के पंजाबी विभाग में प्रोफेसर, एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर के कुल 15 पद हैं, जिनमें से 6 खाली हैं। पंजाबी भाषा विकास विभाग में 8 में से 7 अनुविभागीय पद रिक्त हैं। इसी तरह भाषा विज्ञान एवं पंजाबी कोषविज्ञान विभाग में 10 अनुभागीय पदों में से 9 पद रिक्त हैं। राजनीति विज्ञान में 10 अनुभागीय पदों में से 8 पद रिक्त हैं। इसके कारण पीएचडी सीटें भी खत्म हो रही हैं।
छात्रों को पढ़ाने के लिए पीएचडी शोधार्थियों को लगाया जा रहा है। इस प्रदर्शन में कर्मचारी व शिक्षक संगठन भी शामिल हुए। बता दें कि 2022-23 के बजट के मुताबिक पीयू को टोटल बजट करीबन 548 है, जबकि आमदनी 342 करोड़ दिखाई गई है और 207 करोड़ का घटा है। जबकि 150 करोड़ का कर्ज है। स्टूडेंट्स नेताओं ने मांग की कि पंजाब सरकार पंजाबी यूनिवर्सिटी की पूरी वित्तीय जिम्मेदारी ले और 150 करोड़ का कर्ज माफ करे। छात्रावासों का निर्माण किया जाए। यहां छात्र नेता अमनदीप सिंह, रशपिंदर जिम्मी, अमृतपाल, वरिंदर खुराना, गुरप्रीत, कर्मचारी हरदास व कुलविंदर ककराला, सुखी व शिक्षक नेता के रूप में पुटा के महासचिव डॉ. मनिंदर सिंह मौजूद रहे।
सौजन्य : दैनिक भास्कर
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