चारों सीटों पर 63 प्रतिशत वोटिंग
21 नवंबर, 2024 – चंडीगढ़ : पंजाब के डेरा बाबा नानक, गिद्दड़बाहा, बरनाला और चब्बेवाल हलके में हो रहे उपचुनाव के लिए बुधवार को मतदान प्रक्रिया संपन्न हुई है। चारों सीटों पर 63 प्रतिशत वोटिंग हुई है। गिद्दड़बाहा में सबसे ज्यादा तो चब्बेवाल में सबसे कम मतदान हुआ है।
पंजाब के चार विधानसभा हलकों में उपचुनाव को लेकर बुधवार को मतदान हुआ। इन चारों सीटों पर प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। अब 23 नवंबर को नतीजे बताएंगे, जनता ने किसे बहुमत देकर अपना चेहरा चुना है। शाम छह बजे तक चारों सीटों पर 63 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई।
उपचुनाव की सबसे हॉट सीट गिद्दड़बाहा में रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग हुई है। यहां पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए जनता ने 81 प्रतिशत मतदान किया। दूसरी तरफ सबसे कम वोटिंग चब्बेवाल सीट पर देखने को मिली, यहां 53 प्रतिशत मतदान हुआ। चारों सीटों पर उपचुनाव में इस बार वोटिंग प्रतिशत के भी कई मायने निकलकर सामने आ रहे हैं। इसे सीधा जनता की नाराजगी और बदलाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
पंजाब की क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के उपचुनाव में नहीं उतरने से बेशक चारों सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला रहा, लेकिन चुनाव के अंतिम दौर में शिअद के नेताओं ने बाकी दलों के प्रत्याशियों को बैकडोर से समर्थन देकर चुनावी जंग को दिलचस्प बना दिया। इस उपचुनाव में आम आदमी पार्टी से चब्बेवाल सीट पर सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल के बेटे इशांक चब्बेवाल, गिद्दड़बाहा से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की पत्नी अमृता वड़िंग और भाजपा से मनप्रीत बादल और डेरा बाबा नानक से जतिंदर कौर रंधावा की साख दांव पर लगी है।
गिद्दड़बाहा में शिअद का वोट बैंक होगा निर्णायक
गिद्दड़बाहा में 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव की तरह बंपर वोटिंग देखने को मिली। यहां जनता ने 81 प्रतिशत मतदान किया। 2017 और 2022 में भी इसी अंदाज में हुई वोटिंग ने कांग्रेस के लिए जमीन तैयार की थी। हालांकि इस बार अकाली दल के मैदान में नहीं उतरने से उसका वोट बैंक निर्णायक साबित होगा, क्योंकि 2017 और 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस और शिअद के बीच टक्कर देखने को मिली थी। इस बार कांग्रेस के सामने भाजपा और आप हैं। रोचक बात ये है कि भाजपा और आप से जो प्रत्याशी मैदान में हैं, वह पूर्व अकाली रह चुके हैं। 2017 में 88.79, 2022 में 84.93 और इस बार उपचुनाव में 81 प्रतिशत मतदान हुआ है। पिछली बार भी तीन से चार प्रतिशत कम वोटिंग के बावजूद नतीजे कांग्रेस के हक में देखने को मिले थे। हालांकि इस बार भाजपा और आप से दो पूर्व अकाली नेता मैदान में हैं। बादल परिवार से तालुक रखने वाले भाजपा से मनप्रीत सिंह बादल और आप से पूर्व अकाली नेता हरदीप डिंपी ढिल्लों मैदान में हैं। गिद्दड़बाहा में शिअद का अच्छा खासा वोट बैंक माना जाता है, ऐसे में मतदान से ठीक पहले सुखबीर बादल और डिंपी ढिल्लों के पोस्टरों ने जिस तरह हलचल पैदा की, उससे यह स्पष्ट है कि अकाली दल का वोट बैंक जीत-हार का फैसला करेगा।
चब्बेवाल में सामने आई लोगों की नाराजगी
कंडी क्षेत्र चब्बेवाल सीट पर उपचुनाव के नतीजे हैरान कर सकते हैं। उपचुनाव में यहां सबसे कम 53 प्रतिशत वोटिंग देखने को मिली है। 2017 में हुए विधानसभा में यहां 74.20 और 2022 में 71.19 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। यहां तक कि लोकसभा चुनाव में भी यहां 61.30 प्रतिशत वोटिंग देखने को मिली थी, लेकिन उपचुनाव में केवल 53 प्रतिशत वोटिंग यह बता रही है कि हलके के लोग वोट डालने के लिए घरों से बाहर नहीं निकले। इसे जनता की नाराजगी और बदलाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन लोकसभा चुनाव में उनके हलके से 61.30 प्रतिशत वोटिंग ने उनकी जीत में अहम योगदान दिया था, जिसे उनके राजनीतिक वर्चस्व से भी जोड़कर देखा जाता है। यहां से आप के सामने भाजपा से सोहन सिंह ठंडल और कांग्रेस से रंजीत कुमार मैदान में हैं। ठंडल चार बार विधायक और मंत्री भी रह चुके हैं, ऐसे में आप और भाजपा के बीच यहां कड़ी टक्कर देखी जा रही है।
डेरा बाबा नानक में नए चेहरे पर भरोसा
सीमावर्ती क्षेत्र डेरा बाबा नानक में कांग्रेस के नए चेहरे पर भी भरोसा जताया जा रहा है। उपचुनाव में यहां 63 प्रतिशत वोटिंग हुई है। 2017 और 2022 के मुकाबले बेशक वोटिंग प्रतिशत कम देखने को मिली है, लेकिन कांग्रेस के गढ़ में सेंधमारी आसान नहीं बताई जा रही। 2017 में यहां 78.29 और 2022 विधानसभा चुनाव में 73.70 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। यहां तक कि लोकसभा चुनाव की अगर बात करें तो 65.30 प्रतिशत वोटिंग के साथ कांग्रेस के सांसद सुखजिंदर रंधावा ने यहां से जीत दर्ज की थी। अब उनकी पत्नी जतिंदर कौर रंधावा मैदान में हैं। यहां आप से गुरदीप सिंह रंधावा और भाजपा से रवि करण सिंह काहलों मैदान में हैं। जतिंदर कौर और काहलों सियासी वजूद रखते हैं। हालांकि रंधावा भी 2022 में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। वोटिंग प्रतिशत कम होने के बावजूद कांग्रेस के नए चेहरे पर भी भरोसा जताया जा रहा है।
बरनाला में आप के सामने बागी की सबसे बड़ी चुनौती
शहरी इलाके बरनाला में उपचुनाव में केवल 54 प्रतिशत वोटिंग हुई है। बरनाला में आप के सामने बागी नेता गुरदीप बाठ ने पार्टी के लिए अच्छी खासी चुनौती बनाई रखी। आप के पूर्व जिला प्रधान गुरदीप बाठ ने टिकट नहीं मिलने पर पार्टी छोड़ आप के प्रत्याशी हरिंदर सिंह धालीवाल के खिलाफ ताल ठोक दी थी। संगरूर से सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर के क्लासमेट धालीवाल को उनके चलते ही पार्टी से टिकट मिली थी। बरनाला में 2017 में 78.17 प्रतिशत और 2022 में 71.45 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, लेकिन उपचुनाव में एकदम से वोटिंग प्रतिशत सिमटने के पीछे कारण अपनों की नाराजगी बताई जा रही है। यहां भाजपा से केवल सिंह ढिल्लों और कांग्रेस से कुलदीप सिंह ढिल्लों मैदान में है।
सौजन्य : अमर उजाला
Punjab Bye Election: चार सीटों पर 63 प्रतिशत मतदान, 23 को आएंगे नतीजे; गिद्दड़बाहा में सबसे अधिक वोटिंग
पंजाब में विधानसभा की चार सीटों पर उपचुनाव के लिए बुधवार को शांतिपूर्वक मतदान हुआ। शाम छह बजे तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार गिद्दड़बाहा में सबसे अधिक 81 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच मुकाबलाडेरा बाबा नानक में 63 प्रतिशत बरनाला में 54 प्रतिशत और चब्बेवाल में 53 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है।
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