नए बोए गेहूं में फंगस और सूंडी की बीमारी, कई एकड़ फसल नष्ट, पराली पर उठे सवाल
22 नवंबर, 2024 – माछीवाड़ा साहिब/ लुधियाना (पंजाब) : पंजाब में नई बोई गई गेहूं की फसल खराब हुई है। लुधियाना के माछीवाड़ा साहिब में कई किसानों की फसल गेहूं में फंगस और सूंडी की बीमारी से प्रभावित हुई है। किसानों ने मुआवजे की मांग की है।
पंजाब के किसानों के लिए नई परेशानी खड़ी हो गई है। पंजाब के माछीवाड़ा क्षेत्र में नई बोई गेहूं की फसल सूंडी और फंगस बीमारी से प्रभावित हो गई है, जिसके कारण किसानों को इसकी बुआई करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। माछीवाड़ा के नजदीक गांव तक्खरां के किसान महिंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने 17 एकड़ गेहूं सरकार की हिदायतों के मुताबिक पराली को आग न लगाकर खेतों में बुआई कर गेहूं की बिजाई की थी।
उन्होंने कहा कि कुछ दिनों के बाद उन्होंने देखा कि खेतों में गेहूं पूरी तरह से विकसित नहीं हो रहा था और जब उन्होंने उसे खोदा तो उसकी जड़ में सूंडी और फंगस बीमारी फैल गई थी। किसानों का आरोप है कि इस बार सख्ती के चलते उन्होंने पराली में आग नहीं लगाई और उसे खेतों में ही बुआई कर गेहूं की बिजाई कर दी, जिससे यह बीमारी हुई।
किसान महिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने गेहूं की बुआई पर प्रति एकड़ करीब 8 से 10 हजार रुपये प्रति एकड़ खर्च किए, लेकिन अब वह बुआई करने को मजबूर हैं और दोबारा गेहूं की बुआई करेंगे। किसान ने बताया कि उसे काफी आर्थिक नुकसान हुआ है और अब नई बोई गई गेहूं की पैदावार भी कम होगी, जिससे यह फसल उसके लिए काफी घाटे का सौदा साबित होगी।
दोबारा की फसल की बिजाई
गांव तक्खरां के किसान बलदेव सिंह ने बताया कि उनकी 6 एकड़ गेहूं की फसल में भी यही रोग लगा और उन्होंने फसल को बुआई कर दोबारा बिजाई भी कर दी। इसके अलावा किसान नायब सिंह और जसविंदर सिंह ने बताया कि उनकी नई लगाई गई फसल में फंगस और सूंडी रोग लगने के कारण उन्होंने इस फसल की बुआई कर दी।
सरकार करे नुकसान की भरपाई
किसानों ने बताया कि राणवां, तक्खरां व आसपास के अन्य गांवों में नई बोई गई गेहूं की फसल इस बीमारी की चपेट में आ गई है, जिसका मुख्य कारण खेतों में पराली की बुआई करना है। किसानों की मांग है कि सरकार उन्हें हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई करे।
अधिकारी क्यों नहीं ले रहे किसानों की सुध
बीकेयू एकता सिद्धुपुर के नेता हरदीप सिंह राणवां ने कहा कि सेटेलाइट के जरिये पराली में आग लगाने वाले किसान के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकारी तुरंत पहुंच जाते हैं, लेकिन आज जब किसान बीमारी के कारण नई बोई गई गेहूं की फसल की बुआई कर रहा है तो कोई भी अधिकारी सुध लेने नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा कि किसानों की नई बोई गई गेहूं की फसल बीमारी के कारण राख हो गई और अब नई बुआई में अधिक लागत आएगी। किसान नेता ने कहा कि माछीवाड़ा क्षेत्र के गांवों में कई जगहों पर नई बोई गई गेहूं की फसल बीमारी से ग्रस्त है, जिसके लिए सरकार और कृषि अधिकारियों को जांच करनी चाहिए कि यह बीमारी क्यों हुई। उन्होंने कहा कि सरकार के निर्देश पर किसानों ने बिना पराली जलाए गेहूं की बुआई की, लेकिन इसके बावजूद किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। किसान यूनियन एकता सिद्धुपुर ने सरकार से मांग की कि किसानों को जो भी आर्थिक नुकसान हुआ है, उसका मुआवजा तुरंत दिया जाए।
क्या कहना है कृषि विभाग का
इस संबंध में जब कृषि विभाग के अधिकारी गगनदीप से बात की गई तो उन्होंने कहा कि नई बोई गई गेहूं की फसल को बीमारी लगने की उन्हें कोई जानकारी नहीं है और न ही कोई शिकायत मिली है। उन्होंने कहा कि वे तुरंत राणवां और तक्खरां गांव का दौरा करेंगे और खेतों में जाकर इस बात का जायजा लेंगे कि यह बीमारी क्यों हो रही है।
सौजन्य : अमर उजाला
test