नशे की तीन पुड़ियों के लिए ग्रेनेड अटैक और दस हजार रुपये में फायरिंग
पंजाब में नशे की लत में डूबे और बेरोजगार युवाओं को आतंकी और गैंगस्टर अपने जाल में फंसा रहे हैं। उन्हें नशे की पुड़िया पैसे और विदेश भेजने का लालच देकर ग्रेनेड हमले और रंगदारी के लिए फायरिंग करवाई जा रही है। हाल ही में कई ऐसे मामलों का खुलासा हुआ है जिसमें युवाओं ने महज दस हजार रुपये के लिए गंभीर अपराध किए हैं।
03 मार्च, 2025 – अमृतसर : घाटी में पैसे लेकर युवाओं की ओर से पत्थरबाजी करने की घटनाएं तो आपने सुनी होंगी। लेकिन पंजाब में युवा नशे की तीन पुड़ियों के लिए ग्रेनेड फेंकने और दस हजार रुपये में रंगदारी के लिए लोगों के घरों, दुकानों में फायरिंग तक घर रहे हैं।
ये युवा वे हैं जो नशे की दलदल में फंसे हुए हैं या बेरोजगार होने के साथ ही विदेश जाने की इच्छा रखते हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई , आतंकी और गैंगस्टर राज्य के इन्हीं युवकों को नशा अथवा पैसे देने या विदेश बुलाने का लालच देकर अपने चंगुल में फंसा रहे है।
घटनाओं को अंजाम देने के लिए क्या जाता मजबूर
खास बात यह है कि एक बार इस तरह की घटना को अंजाम देने के बाद इन युवकों को पूरे पैसे भी नहीं दिए जाते और इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने के लिए मजबूर किया जाता है। यदि कोई ऐसा करने से मना करे तो उनको जान से मारने की धमकी तक दी जाती है।
राज्य में पिछले कुछ समय से पुलिस थानों, चौकियों और कारोबारियों के घरों में ग्रेनेड हमले व रंगदारी के लिए फायरिंग के मामले में पकड़े गए युवाओं से पूछताछ में इस बात का राजफाश हुआ है।
11 सितंबर 2024 को चंडीगढ़ में पुलिस अफसर के घर पर ग्रेनेड हमले में पकड़े गए आरोपित रोहन मसीह और उसके साथी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वे दोनों नशे के आदी हैं।
हैप्पी पासियां ने किया 35 हजार रुपये देने का वादा
अमृतसर के गांव पासियां के रहने वाले रोहन ने बताया कि आतंकी हैप्पी पासियां ने उन्हें इसके बदले 35-35 हजार रुपये देने का वादा किया था लेकिन घटना को अंजाम देने के बाद ही आतंकी पासियां ने अपना फोन बंद कर दिया। दोनों के पास भागने के पैसे तक नहीं थे। बाद में उन्हें केवल दस हजार रुपये दिए गए।
13 दिसंबर 2024 को अजनाला थाने के बाहर आइइडी लगाने के आरोप में गिरफ्तार जश्नदीप और उसके नाबालिग भाई ने पूछताछ में माना कि दोनों नशे के आदी हैं। विदेश बैठे गैंगस्टर हैप्पी पासियां ने उन्हें इस काम के बदले में दस-दस हजार रुपये देने का वादा किया।
लेकिन आइईडी में धमाका नहीं होने पर कोई पैसा नहीं दिया। पैसे मांगने पर उनकी हत्या करवाने की धमकी दी गई। इसके बाद दोनों ने नशे की तीन पुड़ियों के लिए अमृतसर के गुरबख्श नगर में बंद पड़ी पुलिस चौकी में ग्रेनेड फेंका।
दस-दस हजार रुपये का भी दिया गया लालच
28 दिसंबर को तरनतारन के बलजीत सिंह और गुरजीत सिंह को जब इस्लामाबाद थाने पर हमला करने के आरोप में काबू किया तो आरोपितों ने माना कि हमले के लिए उन्हें दस-दस हजार रुपये दिए गए थे।
इसी तरह अमृतसर में 25 फरवरी को गिरफ्तार किए गए रोहित पूछताछ में बताया कि विदेश में बैठे गैंगस्टर डोनी बल के कहने पर उसने दस हजार रुपये के लिए रंगदारी के लिए मेहता के कारोबारी पर गोली चलाई थी। लुधियाना के कोट मंगल सिंह नगर इलाके में 23 फरवरी को जेल से ही 50 हजार की सुपारी देकर एक घर पर नशे के पैसे के लेनदेन को लेकर गोलियां चलवा दी गईं।
लुधियाना के ही डेहलों इलाके में 16 फरवरी को कारोबारी अनोख मित्तल ने अपनी पत्नी लिप्सी मित्तल की ढाई लाख रुपये देकर हत्या करवा दी।
अभी तक ग्रेनेड फेंकने और रंगदारी के लिए फायरिंग करने के आरोप में पकड़े गए युवाओं से पूछताछ में पता चला है कि वे या तो नशे के आदी हैं या फिर बेरोजगार हैं। उनको नशा, पैसा और विदेश में सेटल करने का प्रलोभन देकर आईएसआई , आतंकी और गैंगस्टर राज्य में घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। राज्य में इसी मॉड्यूल को तोड़ने के लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। शीघ्र ही इसके परिणाम भी सामने आएंगे।
-गौरव यादव, डीजीपी, पंजाब
सौजन्य : दैनिक जागरण
test