ISI के दो एजेंटों को भेज रहा था खुफिया जानकारी
अमृतसर में ISI के लिए जासूसी के आरोप में पकड़े गए सूरज मसीह ने बताया कि एक साल पहले उसका मतांतरण हुआ था। वह ईसाई बन गया लेकिन पैसे नहीं मिले। वह और फलक शेर मसीह डेढ़ साल से ISI एजेंटों के संपर्क में थे और सैन्य ठिकानों की जानकारी भेज रहे थे। अदालत ने दोनों को पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
06 मई, 2025 – अमृतसर : पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़े गए सूरज मसीह और फलक शेर मसीह ने कई राजफाश किए हैं। पुलिस हिरासत में सूरज मसीह ने बताया कि दो साल पहले वह ईसाई समुदाय के कुछ लोगों के संपर्क में आया था।
उसे ईसाई बनाने के बदले कुछ पैसे देने का झांसा दिया गया। एक साल पहले उसका मतांतरण तो करवा दिया गया, लेकिन पैसे नहीं दिए गए। उधर, पुलिस ने आरोपित सूरज और फलक शेर मसीह को कोर्ट में पेश किया। अदालत ने दोनों को सात मई तक पुलिस रिमांड पर भेजा है।
सैन्य ठिकानों की जानकारी भेज रहे थे
वहीं, पाक के लिए जासूसी करने वाले दोनों आरोपितों को सोमवार की सुबह ज्वाइंट इंटेरोगेशन सेंटर ले जाया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपितों ने कई राज खोले हैं। वह पिछले डेढ़ साल से ISI के चाचा और पठान नाम के दो एजेंटों के संपर्क में थे। उन्हीं के इशारे पर यहां से सैन्य ठिकानों, पुलिस थानों, बीएसएफ के जवानों की गश्त वाली मूवमेंट आदि इंटरनेट मीडिया से अपने मोबाइलों से भेज रहे थे।
पैसे के लालच में किया ये काम
बलड़वाल गांव के लोग सोमवार को सूरज मसीह के पिता चूघा मसीह और फलक शेर मसीह के पिता जिंदर मसीह के घर पहुंचे। दोनों परिवारों को खौफ सता रहा है कि पुलिस कहीं उन्हें भी किसी मामले में फंसा न दे। गांव के कुछ लोगों ने बताया कि दोनों पैसों के लालच में यह काम करने लग पड़े।
उन्होंने बताया कि सीमावर्ती इलाके में कई लोग तस्करी कर रहे हैं और उनके रौब और ठाठ-बाठ को देखकर सूरज और फलक शेर मसीह जैसे कई युवा भटक रहे हैं। पुलिस और सरकार को चाहिए कि तस्करों और देशविरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ शिकंजा तो कसें, लेकिन जानबूझ कर फंसाए जाने वाले युवकों पर रहम भी करें।
सौजन्य : दैनिक जागरण
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