कोर्ट ने पीड़िता को उन्हीं दबंगों को सौंपा; 12 साल में 14000 धर्म-परिवर्तन के केस
26 मई, 2023 – जयपुर : पाकिस्तान में हिंदू महिलाओं, बच्चियों पर हो रहे अत्याचार की कहानियां भयावह हैं। लड़कियों के अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म, धर्म परिवर्तन के 12 साल में 14 हजार मामले सामने आए हैं। ऐसी एक रिपोर्ट और वीडियो पाकिस्तान की ही लियाकत यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल के डॉक्टर वीरजी लूंड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को भेजे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में एक हिंदू लड़की चंदू का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया। उसने कोर्ट में गुहार लगाई तो कोर्ट ने उसे दबंगों को ही सौंप दिया। एक महिला के साथ करीब 12 लोगों ने रेप किया और फिर उसका धर्म परिवर्तन कराया। दैनिक भास्कर ने जोधपुर के जैसलमेर से ग्राउंड रिपोर्ट की है। यहां आए हिंदू परिवारों और पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं से बात की तो हर परिवार में ऐसे अत्याचार की कहानियां मिलीं।
पत्नी-बेटी उठा ले गए, फोटो आखिरी याद बची
भीलजी राणा उस पार रहीमयार खान में मजदूरी करते थे। एक दिन उनकी पत्नी समदी खेत में मजदूरी कर रही थी। अचानक कुछ दाढ़ी वाले आए और उसे जबरन उठा ले गए। 6 माह की बेटी भी ले गए। कुछ दिनों बाद पता चला कि उनकी पत्नी से 12 लोगों ने गैंगरेप किया। मिन्नतें कीं तो बेटी की जान बक्श दी। पत्नी का धर्म बदल नाम गुलाम फातिमा कर दिया गया। राणा का कहना है कि वो बेटी लेकर हिंदुस्तान आ गए। अब पत्नी की पासपोर्ट साइज फोटो ही बचा है। पता नहीं जिंदा है या नहीं? हालांकि, यहां आकर भी ठोकरें ही मिलीं।
जमना डेढ़ माह की बच्ची छोड़ आई
हिंदू महिला से दुष्कर्म हुआ, धर्म बदला गया तो पाक के कोटगुलाममामन की जमना डेढ़ माह की बेटी रिश्तेदारों के यहां छोड़कर भारत आ गईं। अभी वे जोधपुर की हिंदू विस्थापित बस्ती में रहती हैं। जैसलमेर में मिले वजीर ने बताया कि उसे 7 दिन के बच्चे को उस पार छोड़ पत्नी के साथ आना पड़ा। विजय तो 3 दिन के बच्चे को छोड़ जोधपुर आए हैं। अंबेडकरनगर काली बेरी भील बस्ती के विस्थापित गोविंद भील बताते हैं कि हालात ऐसे हैं कि वीजा या मौका मिलते ही हिंदू परिवार सामान तो क्या बच्चे तक छोड़ भागते हैं।
पाक से नोरून बोले- बेटी स्कूल से कभी नहीं लौटी
सामाजिक कार्यकर्ता रोशन ने पाक के मीरपुरखास में रह रहे एक परिवार से बात कराई। पिता नोरून ने बताया कि 9वीं में पढ़ रही बेटी को एक दबंग पुलिसवाले के बेटे ने कट्टरपंथियों की मदद से उठा लिया। मैं कुछ नहीं कर पाया। बेटी के साथ क्या हुआ, पता ही नहीं चला। ऐसे ही पाक विस्थापित भागचंद भील का कहना है कि इज्जत बचाने के लिए सैकड़ों परिवार दर्द बयां करने सामने ही नहीं आते, क्योंकि वो डरते हैं कि ऐसा करने से उनके पाकिस्तान में रह रहे परिवार, रिश्तेदारों पर अत्याचार बढ़ जाएगा।
1971 से 7 लाख हिंदू पाकिस्तान से राजस्थान आए
सीमांत लोक संगठन की स्टडी के अनुसार, 1971 से करीब 7 लाख पाक विस्थापित राजस्थान आए हैं। सिलसिला जारी है। संगठन अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढ़ा ने केंद्र सरकार विस्थापितों के हितों की रक्षा की मांग रखी। बोले- जीवन यापन के लिए कश्मीरी शरणार्थियों जैसा पुनर्वास पैकेज इन्हें भी मिले।
सौजन्य : दैनिक भास्कर
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