अस्पतालों में मरीजों की संख्या में 5 गुना इजाफा
मोगा में प्रदूषित हवा और धुंध के कारण सांस लेने में तकलीफ हो रही है। पिछले तीन से चार दिनों से ठंड भी बढ़ गई है। वहीं बदलते मौसम ने बच्चों को बीमार कर दिया है। अस्पतालों में बच्चों की संख्या में 5 गुना तक इजाफा हुआ है। बच्चों में सर्दी खांसी बुखार एवं निमोनिया होने की संभावना अधिक रहती है। जानिए बच्चों को कैसे सुरक्षित रखें।
19 नवंबर, 2024 – मोगा : पिछले कई दिन से धान की पराली जलाने से शहर की हवा बेहद प्रदूषित हो चुकी है। प्रदूषित हवा और धुंध से बने जहरीली स्मॉग ने शहर को अपनी आगोश में लिया हुआ है। पिछले तीन से चार दिनों से ठंड भी बढ़ गई है।
इसके चलते बच्चों की सेहत पर काफी असर पड़ रहा है। उनकी छाती में इंफेक्शन से खांसी, जुकाम, नाक बंद, नाक बहने और बुखार की शिकायत आ रही है। समय पर इलाज न मिलने पर अस्पताल में भर्ती करवाने की नौबत तक आ रही है।
मौसम बदलने से बच्चे हो रहे हैं बीमार
सिविल अस्पताल समेत अन्य प्राइवेट अस्पतालों में शिशु रोग माहिर डॉक्टर के पास जहां रोजाना पहले 50 के करीब बच्चों को अभिभावक बीमार होने पर लेकर आ रहे थे, वहीं अब 80- 90 बच्चे बीमार होकर इलाज करवाने के लिए पहुंच रहे है।
गौरतलब है कि ठंड के साथ ही मौसम भी बदल रहा है। ऐसे में हर किसी को अपनी सेहत के प्रति जागरूक रहने की जरूरत है। खासकर बदलते मौसम में बच्चों और नवजात को सुरक्षित रखने की जरूरत है।
बच्चों को ठंड के मौसम में हो सकता है निमोनिया
अगर बच्चों को ठंड के मौसम में कपड़े पहनाने में लापरवाही बरती तो उसे निमोनिया हो सकता है। यह बीमारी पांच साल से छोटे बच्चों में अधिक होती है। सिविल अस्पताल में सबसे अधिक लोग अपने बच्चे का इलाज करवाने पहुंच रहे हैं। हालांकि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है।
ठंड में बचाव के उपाय
- बच्चों के शरीर को ढकने वाले गर्म कपड़े पहनाएं
- ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन करने से परहेज करें
- चाय, गर्म पानी, फलों का रस का सेवन कर सकते हैं
- बच्चों को धूप निकलने पर ही घर से निकलें
- बाजार के खान-पान से परहेज करते हुए साफ-सुथरा माहौल बनाए रखें
बच्चों के खानपान पर रखें विशेष ध्यान
मथुरा दास सिविल अस्पताल में तैनात शिशु रोग माहिर डॉ. साहिल मित्तल बताते हैं कि मौसम बदल रहा है और ठंड बढ़ रही है, ऐसे में नवजात शिशु व छोटे बच्चे का विशेष ख्याल रखना आवश्यक है।
इस मौसम में नवजात शिशु एवं छोटे बच्चों में सर्दी, खांसी, बुखार एवं निमोनिया होने की संभावना अधिक रहती है। ऐसे में सभी लोगों को बदले मौसम के अनुसार सुरक्षित रहने की जरूरत है। खासकर बच्चे की मां को उसकी सेहत एवं खान-पान पर विशेष ध्यान रखना चाहिए।
बच्चों में निमोनिया के लक्षण
- बच्चों को बुखार आना
- खांसी का लगातार होना
- तेज सांस लेना, भूख लगना
- उल्टी दस्त होना
- शरीर में पानी की कमी होना
सर्दी में बेवजह घर से बाहर न निकलने दें
डॉ. साहिल मित्तल ने बताया कि सर्दी की दस्तक के साथ ही बच्चों में सर्दी, जुकाम, निमोनिया, उल्टी दस्त, खांसी, रेशा होने के केस बढ़ गए है। उन्होंने हिदायत के तौर पर कहा कि बच्चों के लिए पौष्टिक आहार का सेवन जरूरी है।
नवजात शिशु के लिए छह माह तक मां का दूध बहुत जरूरी है। बच्चों को सर्दी में बेवजह घर से बाहर न निकलने दें। बच्चों का शरीर गर्म कपड़ों से ढका रहना चाहिए।
सौजन्य : दैनिक जागरण
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