Crops MSP फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि का सबसे अधिक लाभ हरियाणा और पंजाब के किसानों को होता है। इसके साथ ही एक सर्वे में खुलासा हुआ था कि आमदनी के मामले में पंजाब एवं हरियाणा के किसान देशभर में सबसे आगे हैं।
11 सितम्बर, 2021 – चंडीगढ़: Crops MSP: फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि का सबये अधिक फायदा किसानों को होता है। पिछले कुछ सालों में इन दो राज्यों के किसानों की आय कई गुना बढ़ गई है। हालांकि यह भी हकीकत है कि ,खेती पर लागत भी बढ़ी है। इसके साथ ही यह तथ्य सामने आया है कि आय के मामले में पंजाब एवं हरियाणा के किसान देश में सबसे आगे हैं।
आठ साल पहले हुए सर्वे में पंजाब के किसानों की आय सबसे अधिक, हरियाणा के किसान दूसरे नंबर पर
केंद्र सरकार के सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने करीब आठ साल पहले 2012-13 में जुलाई से जून माह के बीच एक सर्वे कराया था, जिसमें पंजाब और हरियाणा के किसानों की आय सबसे अधिक आंकी गई थी। पंजाब के किसानों की औसत मासिक आमदनी 18 हजार 59 रुपये और हरियाणा के किसानों की मासिक आमदनी 14 हजार 434 रुपये थी। उत्तर प्रदेश और बिहार के किसानों का नंबर काफी नीचे था।
इसके बाद से ऐसा कोई सर्वे नहीं हुआ, लेकिन केंद्र की मौजूदा सरकार जिस तरह फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में लगातार बढ़ोतरी कर रही है, उसके मद्देनजर हरियाणा और पंजाब के किसानों की यह आमदनी बढ़कर तीन से पांच गुणा तक ज्यादा हो चुकी है। यह दावा केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार के मंत्री कर रहे हैं।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बीते साल राज्यसभा में एक अतारांकित सवाल के जवाब में यह जानकारी दी थी। इसके साथ ही उन्होंने किसानों की मौजूदा आमदनी का आकलन करने के लिए नए सर्वे की जरूरत भी बताई थी। पंजाब के बाद हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य है, जो सबसे अधिक अन्न पैदा कर केंद्रीय पूल में देता है। इन दोनों राज्यों के किसान आज सबसे ज्यादा आंदोलनरत हैं।
इस बार छह फसलों के दाम में 40 से 400 रुपये तक बढ़ोतरी, लागत पर 100 फीसद तक बढ़ा मुनाफा
किसान संगठनों का मुद्दा है केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून वापस लेने का, लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्री का कहना है कि केंद्र सरकार ने जिस तरह हाल ही में छह फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 40 से 400 रुपये क्विंटल तक बढ़ोतरी की है, वह फसलों की लागत पर 100 फीसद तक मुनाफा प्रदान करने की ओर इशारा कर रही है।
उनका कहना है कि स्वामीनाथ आयोग की रिपोर्ट में किसानों को फसलों की लागत का 50 फीसद लाभ जोड़कर देने की सिफारिश की गई थी, लेकिन मौजूदा सरकार ने लागत में इस लाभ को बढ़ाकर 100 फीसद तक कर दिया है। केंद्र सरकार द्वारा गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों और सूरजमुखी की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में की गई बढ़ोतरी का सबसे अधिक फायदा हरियाणा और पंजाब के किसानों को मिलने जा रहा है।
गेहूं व धान के अलावा सरसों व सूरजमुखी की सबसे ज्यादा फसल हरियाणा में होती है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार ने अपने यहां देश में गन्ने का सबसे अधिक 362 रुपये क्विंटल रेट कर दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अनुसार फसलों की एमएसपी में की गई बढ़ोतरी ने यह तो साबित कर दिया कि किसान की एमएसपी नहीं मिलने की आशंका निर्मूल है। इसके विपरीत उन्हें लागत पर 50 से 100 फीसद तक मुनाफा देने का इंतजाम किया गया है।
फसल – उत्पादन लागत – मौजूदा एमएसपी – पिछले साल की अपेक्षा बढ़ोतरी – लागत पर मुनाफा
गेहूं – 1008 रुपये प्रति क्विंटल – 2015 रुपये प्रति क्विंटल – 40 रुपये – 100 फीसद
जौ – 1019 – रुपये प्रति क्विंटल 1635 प्रति क्विंटल– 35 रुपये – 60 फीसद
चना – 3004 प्रति क्विंटल – 5230 प्रति क्विंटल– 130 रुपये – 74 प्रतिशत
मसूर – 3079 प्रति क्विंटल– 550 प्रति क्विंटल– 400 रुपये – 79 प्रतिशत
सरसों – 2523 प्रति क्विंटल– 5050 प्रति क्विंटल – 400 रुपये – 100 प्रतिशत
सूरजमुखी – 3627 प्रति क्विंटल– 5441प्रति क्विंटल – 114 रुपये – 50 प्रतिशत
प्रधानमंत्री के दावे के अनुरूप बढ़ रही किसानों की आय‘
” रबी की फसलों के एमएसपी की बढ़ोतरी का निर्णय किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करेगा। हरियाणा भी किसानों की आय दोगुनी करने में अहम भूमिका निभा रहा है। हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य है जहां गन्ने का सर्वाधिक भाव दिया जा रहा है। इस वर्ष हरियाणा ने गन्ने का भाव 12 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर इसे 350 रुपये से 362 रुपये किया है। रबी की छह फसलों में न्यूनतम समर्थन मूल्यों में 40 से 400 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई। यहां तक कि कई फसलों में तो 100 प्रतिशत तक की भी बढ़ोतरी हुई है। अगले वर्ष भी इसी तरह न्यूनतम समर्थन मूल्यों में वृद्घि की जाती रहेगी तो निश्चित रूप से किसानों की आय प्रधानमंत्री के लक्ष्य के अनुरूप वर्ष 2022 तक दोगुनी होगी।
सौजन्य : दैनिक जागरण
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