पंजाब में विशेषज्ञों व स्टूडेंट्स ने तैयार किया बहुउद्देश्यीय ड्रोन
पंजाब स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों व 40 विद्यार्थियों ने मिलकर बहुउद्देश्यीय ड्रोन तैयार किया है। यहा ड्रोन किसानों के लिए मददगार साबित होगा। इस फ्लाइंग फार्मर ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव व फसल के नुकसान की जानकारी मिल सकेगी।
12 नवम्बर, 2021 – जालंधर : पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये हथियार और नशीले पदार्थ भेजने की खबरों के बीच यह जानना काफी सुखद है कि लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) के कृषि विशेषज्ञों ने 40 विद्यार्थियों के साथ मिलकर एक ऐसा बहुउद्देश्यीय ड्रोन तैयार किया है जो किसानों के लिए बहुत मददगार साबित होगा। जालंधर से करीब 22 किलोमीटर दूर कपूरथला जिले के फगवाड़ा में खेतों के ऊपर उड़ते ड्रोन देखकर एक बार लोग भले ही चौंक जाते हों, लेकिन किसान इसे बड़ी उम्मीद से देख रहे हैं।
कई महीनों की मेहनत से तैयार किए गए इस ड्रोन को ‘फ्लाइंग फार्मर’ नाम दिया गया है। इसकी मदद से किसान फसल पर बेहतर ढंग से छिड़काव कर सकते हैं। इसकी मदद से आंधी व बारिश से खराब हुई फसल की सही जानकारी भी मिल सकती है। साथ ही फसल में कहां कितना पानी लग गया है, इसकी लाइव तस्वीरें देखकर किसान उसी हिसाब से सिंचाई कर सकते हैं। इससे फसल के उत्पादन में भी सुधार होगा। इसका इस्तेमाल खेती के काम में कई तरह से किया जा सकता है। किसान इसे यूनिवर्सिटी से संपर्क कर खरीद सकते हैं। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
पंजाब में शादियों, चुनावी रैलियों और सुरक्षा के लिए ड्रोन का इस्तेमाल आम है, लेकिन ऐसा पहली बार है, जब इसे कृषि उद्देश्य से इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे खेती की लागत कम होगी और किसानों का काम आसान होगा। क्योंकि छिड़काव के लिए श्रमिकों पर काफी खर्च करना पड़ता है। इसे बीटेक सीएसई थर्ड ईयर के विद्यार्थी आशीष जांगड़ा और स्कश अवस्थी ने इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल और कृषि इंजीनियरिंग विभाग के 45 विद्यार्थियों के साथ पांच संकाय सदस्यों की मदद से छह माह में तैयार किया है।
फ्लाइंग फार्मर हवा में उड़कर खेतों में बाढ़ आने या आंधी से नुकसान की सही जानकारी किसान को देता है। किसान अपने कमरे में बैठकर इससी मदद से पूरे खेत की लाइव तस्वीरें देख सकते हैं कि खेत में कहां-कहां पर ज्यादा पानी लग गया है या ज्यादा फसल का नुकसान हो गया है। इससे वह समय रहते पानी की निकासी की व्यवस्था कर सकते हैं।
एलपीयू के चांसलर अशोक मित्तल का कहना है कि इस ड्रोन से किसान कभी धोखा नहीं खाएगा। ये दो तरह से उपयोगी है। एक तो इससे कीटनाशकों की बर्बादी रुकेगी। दूसरा, कीटनाशकों का अति प्रयोग भी नियंत्रित होगा। इसे अगले छह माह में किसानों को समर्पित कर दिया जाएगा। इसे कोई भी किसान हासिल कर सकता है। एलपीय़ू की टीम ने इसे किसानों से फीडबैक के आधार पर तैयार किया है। फसल के उत्पादन में 15 से 20 प्रतिशत का सुधार हुआ है।
एक बार में 10 लीटर तक कीटनाशक का छिड़काव
फ्लाइंग फार्मर एक बार में 10 लीटर तक कीटनाशक का छिड़काव 15 से 20 मिनट में कर सकता है, जबकि किसान हाथ वाली मशीनों से या अन्य विधियों से तीन घंटे में इतना छिड़काव कर पाते हैं। इसमें 50 प्रतिशत कम खर्च होगा। खासियत यह है कि कीटनाशकों के छिड़काव में फसल में बराबर मात्र डाली जा सकती है। इससे कीटनाशक का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल भी नहीं होगा। किसान टीवी स्क्रीन पर छिड़काव को लाइव भी देख सकते हैं।
यह है खासियत
- बैटरी संचालित ड्रोन फुल चार्ज होने पर 25 मिनट तक उड़ सकता है।
- ड्रोन की कीमत लगभग 10 हजार से 15 हजार के बीच होगी।
- पहले चरण में कीटनाशक का छिड़काव व उपचार और खरपतवार का पता लगाने के लिए इसे तैयार कर किया गया है।
- कंप्यूटर विजन एल्गोरिदम और इन्फ्रारेड सेंसर के साथ इसे प्रोग्राम किया गया है।
- खरपतवार की सटीक स्थिति का पता लगाकर किसान को जानकारी भेजता है।
जानवरों और पक्षियों से भी रखवाली
किसानों के सामने यह चुनौती होती है कि वह जानवरों व पक्षियों से खेतों की रखवाली कैसे करें। इसके लिए किसान पारंपरिक तरीके का इस्तेमाल करते हुए खेतों के बीच में पुतले बनाकर खड़ा कर देते हैं। फ्लाई फार्मर की मदद से पशु-पक्षियों को आसानी के भगाया जा सकता है। इसके लिए इसमें से विभिन्न प्रकार की आवाजें निकालने व फ्लैश लाइट की सुविधा है।
सौजन्य : दैनिक जागरण
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