सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ हिंदुओं का देशव्यापी प्रदर्शन
बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के संगठन बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद ने देश में हुई सांप्रदायिक हिंसा की संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में स्वतंत्र और निष्पक्ष कराए जाने की मांग की है। मांगों को लेकर शनिवार को ढाका सहित पूरे देश में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन होगा एवं रैलियां आयोजित की जाएंगी। बांग्लादेश में 69 पूजा स्थलों पर हमला कर तोड़फोड़ लूटपाट की गई।
20 सितम्बर, 2024 – ढाका : बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के संगठन ‘बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद’ ने देश में हुई सांप्रदायिक हिंसा की संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में स्वतंत्र और निष्पक्ष कराए जाने की मांग की है।
गुरुवार को संगठन के उपाध्यक्ष निर्मल रोजारियो ने कहा कि चार से 20 अगस्त के बीच देशभर के 76 जिलों और महानगरीय क्षेत्रों में से 68 में सांप्रदायिक हिंसा की कुल 2,010 घटनाएं हुईं, जिसके परिणामस्वरूप नौ लोगों की मौत हो गई। 69 पूजा स्थलों पर हमला कर तोड़फोड़, लूटपाट की गई। इन्हें आग के हवाले भी कर दिया गया।
उन्होंने परिषद के महासचिव राणा दासगुप्ता और अन्य नेताओं के खिलाफ झूठे मामलों को वापस लेने, चल रही सांप्रदायिक हिंसा को समाप्त करने और अपराधियों की गिरफ्तारी और सजा की भी मांग की। उन्होंने कहा कि मांगों को लेकर शनिवार को ढाका सहित पूरे देश में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन होगा एवं रैलियां आयोजित की जाएंगी।
कुछ अल्पसंख्यक परिवारों की जमीनों पर कब्जा किया
शेख हसीना को पीएम पद से अपदस्थ करने वाले राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा का विवरण देते हुए एक प्रेस कांफ्रेंस में निर्मल ने कहा कि अल्पसंख्यकों के कुछ व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को लूटा गया, तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई। निर्मल ने कहा कि ये परिवार अब बहुत ही खराब स्थिति में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि खुलना डिवीजन में सबसे ज्यादा हिंसा हुई, जहां चार महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया। कुछ अल्पसंख्यक परिवारों की जमीनों पर कब्जा कर लिया गया।
सौजन्य : दैनिक जागरण
Bangladesh : बांग्लादेश हिंसा में नौ अल्पसंख्यकों की मौत, 69 पूजा स्थलों पर तोड़फोड़; सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
Bangladesh News बांग्लादेश में 4 से 20 अगस्त के बीच हुई हिंसा को लेकर एक अल्पसंख्यक संगठन ने अपनी रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश में हिंसा की दो हजार से अधिक घटनाओं में कम से कम नौ अल्पसंख्यकों की मौत हो गई और 69 पूजा स्थलों पर तोड़फोड़ की गई। इसके साथ ही कई महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं भी हुईं।
20 सितम्बर, 2024 – ढाका : बांग्लादेश हिंसा में कितने अल्पसंख्यक लोगों की मौत हुई और कितने घायल हुए इसपर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। गुरुवार को बांग्लादेश के एक अल्पसंख्यक संगठन ने बताया कि बांग्लादेश में 4 से 20 अगस्त के बीच सांप्रदायिक हिंसा की दो हजार से अधिक घटनाओं में कम से कम नौ अल्पसंख्यकों की मौत हो गई और 69 पूजा स्थलों पर तोड़फोड़ की गई।
सांप्रदायिक हिंसा की कुल 2010 घटनाएं हुईं
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद के नेता निर्मल रोजारियो ने संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में सांप्रदायिक हिंसा की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की। निर्मल रोजारियो ने बताया कि 4 से 20 अगस्त के बीच देश भर के 76 जिलों और महानगरीय क्षेत्रों में से 68 में सांप्रदायिक हिंसा की कुल 2010 घटनाएं हुईं, जिसके परिणामस्वरूप नौ अल्पसंख्यक लोगों जान गंवानी पड़ी।
हिंसा से 1705 परिवार सीधे तौर पर प्रभावित
प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने वाले राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान सांप्रदायिक हिंसा का ब्यौरा देते हुए निर्मल ने कहा कि हिंसा से 1705 परिवार सीधे तौर पर प्रभावित हुए। उनमें से 157 परिवारों के घरों पर हमला किया गया। इतना ही नहीं, इन घरों में लूटपाट, तोड़फोड़ करने के बाद आग लगा दी गई।
चार महिलाओं के साथ बलात्कार
ढाका रिपोर्टर्स यूनिटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि उनके कुछ व्यवसायों को भी लूटा गया, उनके ऑफिस में तोड़फोड़ करने के बाद आग लगा दी गई। निर्मल ने कहा कि ये परिवार अब बहुत खराब स्थिति में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि खुलना डिवीजन में सबसे ज्यादा हिंसा हुई, जहां चार महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया।
सेना को मिली मजिस्ट्रेटी शक्तियां
उन्होंने अपनी मांगों पर जोर देने के लिए ढाका सहित पूरे देश में शनिवार को राष्ट्रव्यापी विरोध और रैली की भी घोषणा की। वहीं, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने मंगलवार को हिंसा प्रभावित देश में कानून और व्यवस्था को बेहतर बनाने और विध्वंसकारी गतिविधियों को रोकने के लिए सेना को दो महीने के लिए मजिस्ट्रेटी शक्तियां प्रदान कीं।
सौजन्य : दैनिक जागरण
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