29 नवंबर, 2024 – ढाका : अमेरिका में धार्मिक स्वतंत्रता के शीर्ष संगठन (USCIRF) के पूर्व आयुक्त जॉनी मूरे ने बांग्लादेश में हिंदुओं के हालात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ‘मैं इस बात से हैरान हूं कि मौजूदा बाइडन सरकार बांग्लादेश के हालात पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है।’
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर भारत में भारी गुस्सा है। हैरानी की बात ये है कि अमेरिका जो पूरी दुनिया में मानवाधिकारों का झंडाबरदार बनता है, उसकी तरफ से अभी तक बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया गया है। खुद अमेरिका में धार्मिक स्वतंत्रता के शीर्ष संगठन के पूर्व प्रमुख ने इसे लेकर अपनी ही सरकार से नाराजगी जाहिर की है। साथ ही उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आ रहे हैं और उनके आने से हालात जरूर बदलेंगे।
मूरे ने बाइडन सरकार के प्रति जताई नाराजगी
अमेरिका में धार्मिक स्वतंत्रता के शीर्ष संगठन (USCIRF) के पूर्व आयुक्त जॉनी मूरे ने बांग्लादेश में हिंदुओं के हालात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ‘मैं इस बात से हैरान हूं कि मौजूदा बाइडन सरकार बांग्लादेश के हालात पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है। लेकिन कुछ ही हफ्तों में सरकार बदल जाएगी और डोनाल्ड ट्रंप सत्ता पर काबिज हो जाएंगे। मुझे विश्वास है कि ट्रंप और उनकी टीम जो अमेरिकी मूल्यों की पक्षधर है और भारत को वे अपना मजबूत सहयोगी मानते हैं, उनके आने से हालात बदलेंगे।’ मूरे ने कहा कि ‘दुनिया में ऐसी कोई चुनौती नहीं है, जिसे भारत और अमेरिकी संस्कृति के विशेषज्ञ हल न कर सकें। मूरे ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता, ट्रंप सरकार की प्राथमिकता होगी।’
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार पर दुनिया की चुप्पी पर उठाए सवाल
मूरे ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचार को लेकर दुनिया, खासकर पश्चिमी देशों की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार संगठन और धार्मिक संगठन हर दूसरे मुद्दे पर आवाज उठाते हैं, लेकिन जब हिंदू समुदाय पर अत्याचार होता है तो दुर्भाग्य से बहुत कम लोग इसके बारे में बोलते हैं। हम इसे बदलेंगे और पूरी दुनिया को इस मुद्दे पर ध्यान दिलाने की कोशिश करेंगे।
बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार पर लगाए आरोप
यूएससीआरआईएफ के पूर्व आयुक्त मूरे ने बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार की भी आलोचना की और कहा कि जब मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख बने तो उन्होंने लोकतंत्र को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे, कानून के शासन और मूल्यों की बात की थी, लेकिन अब न सिर्फ बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों बल्कि पूरे देश के अस्तित्व को खतरा है। उन्होंने यूनुस सरकार पर बुरी तरह असफल रहने का आरोप लगाया।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर नाराजगी जाहिर करते हुए मूरे ने कहा कि अगर बांग्लादेश पुलिस चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार कर सकती है तो वे किसी को भी गिरफ्तार सकते हैं। मूरे ने कहा कि वैश्विक ईसाई समुदाय बांग्लादेश के हिंदू समुदाय के समर्थन में खड़ा है।
सौजन्य : अमर उजाला
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