बिजली संकट: पंजाब में टूटा रिकॉर्ड, 10155 मेगावाट बिजली की मांग के सामने बेबस हो गया पावरकॉम
02 मई, 2022 – पंजाब में गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग में भी इजाफा हो रहा है। शनिवार को पंजाब में बिजली की मांग का रिकॉर्ड टूट गया। शनिवार को इस सीजन की सबसे अधिक 10155 मेगावाट बिजली की मांग दर्ज की गई। इसके मुकाबले पावरकॉम के पास बिजली की उपलब्धता केवल 4782 मेगावाट की रही। मांग को पूरा करने के लिए पावरकॉम ने बाहर से भी बिजली खरीदी, फिर भी करीब 2273 मेगावाट बिजली की कमी रही।
पंजाब में शनिवार को बिजली की अधिकतम मांग रही है। इसके मुकाबले पावरकॉम को अपने रोपड़ व लहरा मुहब्बत के सभी आठ यूनिटों से 1493 मेगावाट, प्राइवेट में राजपुरा के दो, तलवंडी साबो के दो और गोइंदवाल के एक यूनिट से 2729 मेगावाट व हाइडल प्रोजेक्टों से 510 मेगावाट बिजली मिली। तलवंडी साबो का 660 मेगावाट का एक यूनिट और गोइंदवाल का 270 मेगावाट का एक यूनिट बंद होने से 930 मेगावाट बिजली सप्लाई शनिवार को भी ठप रही।
बाहर से खरीदी 3100 मेगावाट बिजली
बिजली की बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए पावरकॉम ने बाहर से 3100 मेगावाट बिजली खरीदी। इसके बावजूद कमी रही, जिस कारण लंबे-लंबे कट लगाने पड़े। शनिवार को जहां शहरों में साढ़े तीन घंटे के कट लगे, वहीं गांवों में 11 घंटे और शहरी उद्योगों में पांच घंटे तक के कट लगे। बिजली कटों के कारण भीषण गर्मी में लोगों को काफी परेशान किया गया।
गोइंदवाल यूनिट में दो दिन का कोयला शेष
शनिवार को राजपुरा प्लांट में सात, लहरा मुहब्बत में तीन, तलवंडी साबो में सात, राजपुरा में 18 और गोइंदवाल में दो दिनों का कोयला शेष है। कोयला संकट के चलते फिलहाल पंजाब में बिजली संकट खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। उधर, पावरकॉम के अधिकारी जून महीने में पचवारा खदान के शुरू होने के बाद कोयले का संकट खत्म होने का दावा कर रहे हैं।
सौजन्य : अमर उजाला
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