सिंधु समझौते के बाद भारत का एक और कड़ा कदम; अब बगलिहार बांध से रोका चिनाब नदी का पानी
पाकिस्तान से सिंधु जल समझौता रद करने के बाद भारत ने बगलिहार बांध का पानी रोक दिया है। इससे सिंधु नदी में पानी का बहाव कम हो सकता है। यही नहीं भारत झेलम नदी की सहायक नदी नीलम पर बने किशनगंगा बांध को भी बंद करने की तैयारी कर रहा है। अगर ऐसा होता है तो नदी का बहाव काफी गिर जाएगा।
05 मई, 2025 – नई दिल्ली : पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल समझौता रद कर दिया था। वहीं अब, इस तरफ पहला कदम उठाते हुए बगलिहार बांध का पानी रोक दिया गया है। सूत्रों के अनुसार सरकार ने चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध का पानी बंद कर दिया है। सरकार जल्द ही झेलम नदी पर बने किशनगंगा बांध का पानी रोकने की भी योजना बना रही है।
पानी का बहाव रोकेगा भारत
सिंधु जल समझौता रद होने के बाद भारत सरकार पाकिस्तान में पानी के बहाव कंट्रोल कर सकती है। जम्मू कश्मीर के रामबन में बना बगलिहार बांध और उत्तरी कश्मीर में बना किशनगंगा बांध की मदद से भारत सरकार जब चाहे पानी का बहाव रोक सकती है और किसी भी समय बांध खोल सकती है।
पाकिस्तान को क्या होगा नुकसान?
बगलिहार और किशनगंगा बांध बंद करके भारत झेलम और चिनाब नदी का बहाव कम कर सकता है। इससे पाकिस्तान में सूखा पड़ने के आसार रहेंगे। यही नहीं, भारत किसी भी समय बांध को खोल भी सकता है, जिससे पाकिस्तान में बाढ़ आने की संभावना बनी रहेगी।
पहलगाम हमले का रिएक्शन
बता दें कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी पर हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद ही भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रद कर दिया था।
क्या था सिंधु जल समझौता?
सिंधु जल समझौता 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था। इस समझौते के तहत ऊपर की तीन नदियों – सिंधु, चिनाब और झेलम का पानी पाकिस्तान को मिलना था और नीचे की तीन नदियों – रावि, ब्यास और सतलज का पानी भारत इस्तेमाल कर सकता था। हालांकि 23 अप्रैल को इस संधि को तत्काल प्रभाव से रद कर दिया गया है।
सौजन्य : दैनिक जागरण
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