2014 में 7 और 4 साल बाद 21 राज्यों में भाजपा के CM थे; अब 14 राज्यों में
26 मई, 2023 – नई दिल्ली : “मैं…नरेंद्र दामोदर दास मोदी…” आज ही के दिन साल 2014 में नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन से ये शब्द पूरे देश ने सुने थे। मौका था नई-नवेली सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का। समारोह में देश-विदेश के करीब 4 हजार चुनिंदा लोग मौजूद थे। उस वक्त के राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी ने स्टेज पर सबसे पहले नरेंद्र मोदी को शपथ के लिए बुलाया। मोदी ने शपथ ली और इसी के साथ देश को आज ही के दिन अपना 15वां प्रधानमंत्री मिला।
2014 का आम चुनाव इसलिए खास था, क्योंकि 30 साल बाद किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला था। भाजपा ने 282 सीटें जीती थीं। 1984 के आम चुनावों में कांग्रेस ने 414 सीटें जीती थीं। उसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 303 सीटें जीती थीं, जो किसी एक पार्टी द्वारा जीती गईं दूसरी ज्यादा सीटें थीं।
मोदी जब पहली बार पीएम बने थे तब देश के सात राज्यों में भाजपा की सरकार थी। गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा में भाजपा के मुख्यमंत्री थे, जबकि पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और आंध्र प्रदेश में TDP के साथ वह सत्ता की साझेदार थी।
2018 में भाजपा अपने चरम पर थी। तब 21 राज्यों में बीजेपी या सहयोगी पार्टियों की सरकार थी। अब सिर्फ 14 ऐसे राज्य हैं, जहां भाजपा या उसके गठबंधन की सरकार है।
दक्षिण भारत से बीजेपी साफ, नॉर्थ ईस्ट में बीजेपी के 3 सीएम
पूर्वोत्तर भारत (सिक्किम समेत): नॉर्थ ईस्ट के 8 राज्यों में कुल 498 विधायक हैं। इनमें से बीजेपी के 206 विधायक हैं, यानी 41.3%। इसी तरह नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों से कुल 25 सांसद आते हैं। इनमें बीजेपी के 15 सांसद हैं, यानी 60%। असम में हिमंत बिस्वा सरमा की अगुआई में बीजेपी की सरकार है। नगालैंड में NDPP यानी नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी की अगुआई में बीजेपी सत्ता में है। NDPP के ने नेफ्यू रियो सीएम हैं। मणिपुर में बीजेपी स्थानीय पार्टी NPP, NPF और KPA के साथ सत्ता में है। बीजेपी के बीरेन सिंह सीएम हैं।
मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट की सरकार है और जोरामथंगा वहां मुख्यमंत्री पद पर मौजूद हैं। त्रिपुरा में बीजेपी सत्ता में है। यहां मणिक साहा मुख्यमंत्री हैं। अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी सत्ता में है। यहां पेमा खांडू मुख्यमंत्री हैं। सिक्किम में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा सत्ता में है। प्रेम सिंह तमांग सीएम हैं। बीजेपी का राज्य में कोई विधायक नहीं, लेकिन SKM में बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए का हिस्सा है।
पश्चिम भारत (महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान): महाराष्ट्र में शिंदे की शिवसेना के साथ बीजेपी सरकार है। गुजरात में बीजेपी की पूर्ण बहुमत सरकार है और राजस्थान में कांग्रेस सरकार है। इन तीनों प्रदेशों के 670 विधायकों में से 331 बीजेपी के हैं, यानी 49%। इसी तरह इन प्रदेशों के कुल 99 सांसदों में से 73 बीजेपी के हैं, यानी 72%।
पूर्वी भारत (बिहार, बंगाल, झारखंड, ओडिशा): बिहार में महागठबंधन की सरकार है, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, झारखंड में जेएमएम की सरकार और ओडिशा में बीजेडी की सरकार है। यानी पूर्वी भारत में कहीं भी बीजेपी की सरकार नहीं है। यहां कुल 722 विधायकों में से 196 बीजेपी के हैं, यानी 27%। इसी तरह इन प्रदेशों के कुल 117 सांसदों में से 54 बीजेपी के हैं, यानी 46%।
उत्तर भारत (दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, यूपी, उत्तराखंड): उत्तर भारत में हरियाणा, यूपी और उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार है। उत्तर भारत से कुल 818 विधायक चुने जाते हैं, जिनमें से बीजेपी के कुल 377 विधायक हैं यानी 46%। इसी तरह कुल 189 सांसदों में से बीजेपी के 98 सांसद हैं, यानी 52%।
मध्य भारत (एमपी, छत्तीसगढ़): मध्य प्रदेश में बीजेपी और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार है। यहां कुल 420 विधायक चुने जाते हैं, जिनमें 144 बीजेपी के हैं, यानी 34%। इसी तरह कुल 40 में से 37 सांसद बीजेपी के हैं यानी 92%।
दक्षिण भारतः कर्नाटक की हार के बाद दक्षिण के 5 में से किसी भी राज्य में बीजेपी सरकार नहीं है। दक्षिण भारत के 5 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश से कुल 130 लोकसभा सांसद आते हैं। इनमें बीजेपी के केवल 29 सांसद है, यानी 22%। इनमें भी 25 सांसद कर्नाटक से और 4 तेलंगाना से हैं।
दक्षिण भारत के इन राज्यों की विधानसभाओं में कुल 923 विधायक हैं। कर्नाटक चुनाव से पहले तक इनमें से भी बीजेपी के पास कुल 135 विधायक थे। कर्नाटक में बीजेपी के 40 विधायक कम होने के बाद यह आंकड़ा भी घटकर 95 बचा है। यानी दक्षिण भारत के कुल विधायकों में बीजेपी के सिर्फ 10% विधायक हैं।
जिन 5 राज्यों से लोकसभा चुनाव में उम्मीद थी, वहां अब बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती
पिछले लोकसभा चुनाव में 303 सीटें हासिल करने वाली बीजेपी 14 राज्यों में अधिकतम सीटें हासिल करने की स्थिति में पहुंच चुकी है।
इन राज्यों में गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल, त्रिपुरा और हरियाणा की सभी सीटें बीजेपी के पास हैं। जबकि कर्नाटक में 28 में 25, मध्य प्रदेश में 29 में 28, बिहार में गठबंधन में 40 में 39, महाराष्ट्र में गठबंधन में 48 में से 41 सीटें जीती थीं। यूपी में 80 में 64, झारखंड में 14 में 12 और छत्तीसगढ़ में 11 में 9 सीटें बीजेपी के पास हैं। मतलब इन राज्यों में पार्टी अधिकतम प्रदर्शन कर चुकी है। कुल मिलाकर आगे नुकसान को देखते हुए बीजेपी को बंगाल, बिहार, तेलंगाना, कर्नाटक और ओडिशा में अपनी सीटें बढ़ने की उम्मीद थी।
अब कर्नाटक में हार से पार्टी को झटका लगा है, जबकि ओडिशा में नवीन पटनायक अब तक अपराजेय हैं। जदयू के अलग होने से बिहार में पुराना प्रदर्शन दोहराना संभव नहीं है। पिछले चुनाव में बंगाल में बीजेपी 18 और तेलंगाना में 4 सीटें जीती थी। अगर ममता कांग्रेस के साथ जाती हैं, तो वहां भी बीजेपी को मुश्किल होगी। कुल मिलाकर आगे इन 5 राज्यों में बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती है।
अब फोटोज में देखिए मोदी सरकार के 9 साल
20 मई 2014: BJP के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पहली बार संसद पहुंचे तो सीढ़ियों पर माथा टेका। लोकतंत्र के मंदिर के प्रति अपना आभार जताया। इसी दिन नरेंद्र मोदी को BJP संसदीय दल का नेता चुना गया था।
26 मई 2014: राष्ट्रपति भवन में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ 45 अन्य मंत्री भी मौजूद थे। मेहमानों में SAARC देशों के प्रमुखों को खास तौर पर आमंत्रित किया गया था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी शिरकत की।
24 सितंबर 2014: मार्स ऑर्बिट मिशन के तहत ऑर्बिटर को सफलतापूर्वक मार्स की कक्षा में स्थापित किया गया। PM मोदी ने अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के साथ अंतिम क्षणों को देखने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष के. राधाकृष्णन की पीठ थपथपाई। इस दौरान पीएम ने ISRO सहित पूरे देश को बधाई दी।
4 अक्टूबर 2014: PM मोदी ने पहली बार ‘मन की बात’ के जरिए देश को संबोधित किया। दशहरा के अवसर पर पहली बार मन की बात करते हुए PM ने स्वच्छ भारत और बुराई पर अच्छाई की जीत जैसी कई बातें जनता से साझा कीं।
8 नवंबर 2014: वाराणसी के अस्सी घाट पर PM मोदी श्रमदान करते हुए। मोदी सरकार ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छता अभियान की शुरुआत की थी। सरकार ने अगले पांच साल में 1.2 करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा था।
26 जनवरी 2015: भारत के 66वें गणतंत्र दिवस परेड पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा के साथ नरेंद्र मोदी। ओबामा गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि थे। ओबामा ने कहा कि PM मोदी के साथ उनकी दोस्ती खूब पक्की हुई है।
21 जून 2015: 27 सितंबर 2014 को, UN असेंबली में भाषण के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘योग दिवस’ के लिए अपना सुझाव रखा। भारत के प्रस्ताव को तब रिकॉर्ड 177 सदस्य देशों ने समर्थन दिया था। 21 जून 2015 को दुनिया भर में पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।
25 दिसंबर 2015: लाहौर एयरपोर्ट पर PM मोदी का स्वागत करते पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ। मोदी रूस और अफगानिस्तान की यात्रा पर गए थे और अचानक लाहौर में लैंड कर गए। मोदी की 150 मिनट की पाकिस्तान यात्रा करीब 11 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली पाक यात्रा थी।
1 मई 2016: गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की महिलाओं को 50 मिलियन LPG कनेक्शन देने के लिए 1 मई 2016 को भारत के PM मोदी ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत की। इस दौरान योजना के लिए ₹80 बिलियन का बजटीय आवंटन किया गया था।
8 नवंबर, 2016: प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को रात 8 बजे नोटबंदी की घोषणा की। इसके तहत देशभर में 1000 और 500 के नोट बैन कर दिए गए। नोटबंदी के पीछे 4 कारण थे- पाकिस्तान से हो रही टेरर फंडिंग की जांच, नकली नोटों को छापने पर रोक लगाना, काला धन जब्त करना और भ्रष्टाचार कम करना।
1 जुलाई 2017: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टैक्स सुधार सेवा GST को लॉन्च किया। PM मोदी ने GST को गुड एंड सिंपल टैक्स बताते हुए कहा कि यह किसी एक पार्टी या सरकार की उपलब्धि नहीं है, बल्कि पूरे देश की सफलता है। इस दौरान कांग्रेस और कई दूसरी विपक्षी पार्टियों ने समारोह का बहिष्कार किया।
26 फरवरी 2019: 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा हमले के बाद, PM मोदी ने पाकिस्तान के बालाकोट आतंकवादी कैंप पर एयरस्ट्राइक की इजाजत दी। IAF के 12 मिराज 2000 फाइटर जेट्स ने LoC को पार किया और पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के आतंकी कैंप को तबाह कर दिया।
30 मई 2019: देश में हुए आम चुनाव में NDA को मिली 353 सीटों के साथ PM मोदी ने दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में PM मोदी को शपथ दिलाई।
5 अगस्त 2019: मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया। गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35 A हटाने और जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग प्रदेश बनाने का ऐलान किया। ऐहतियातन कश्मीर में इंटरनेट बंद कर दिया गया और सेना, अर्धसैनिक बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस के 2.70 लाख जवान तैनात किए गए।
11 दिसंबर 2019: लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित हो गया। इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न से भाग रहे हिंदू, ईसाई, बौद्ध, सिख और पारसी शरणार्थियों को देश की नागरिकता दी जाएगी। 12 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिल पर हस्ताक्षर कर दिए।
19 मार्च 2020: COVID-19 से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार राष्ट्र को संबोधित किया। PM ने नागरिकों से 22 मार्च 2020 को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक ‘जनता कर्फ्यू’ का पालन करने को कहा। इसके बाद 24 मार्च को पीएम मोदी ने COVID-19 से बचाव के लिए 21 दिनों तक लॉकडाउन की घोषणा की।
15 जून 2020: लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई। इसमें 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दौरान चीन ने भी अपने 30 से ज्यादा सैनिकों को खोया। सीमा पर शांति के लिए दोनों देशों के बीच 11 दौर की बातचीत हुई थी।
5 अगस्त 2020: PM मोदी ने अयोध्या में राम जन्मभूमि का भूमिपूजन किया। PM ने कहा कि जिस तरह 15 अगस्त स्वतंत्रता संग्राम के प्रति देश भर के लोगों के बलिदान को दिखाता है, उसी तरह ये दिन राम मंदिर के लिए समर्पण और संघर्ष का प्रतीक है। इस दौरान PM मोदी ने उन लोगों को याद किया जिनके संघर्षों के बाद राम मंदिर का सपना साकार हुआ।
14 सितंबर, 2020: तीन कृषि कानून वाला बिल संसद में पेश हुआ। 17 सितंबर को लोकसभा में विधेयक पारित हो गया। 20 सितंबर को राज्यसभा में ध्वनि मत से विधेयक पारित हुआ। 24 सितंबर 2020 को पंजाब में किसानों ने कृषि कानून के खिलाफ तीन दिन के रेल रोको आंदोलन की घोषणा की। बाद में सरकार ने तीनों कानून वापस ले लिए थे।
1 मार्च 2021: पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन का पहला डोज लगवाया। PM ने ट्वीट कर कोरोना वैक्सीनेशन की जानकारी दी। PM ने लिखा कि आज एम्स जाकर कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवाई। उन्होंने सभी देशवासियों से अपना नंबर आने पर वैक्सीन लगवाने की अपील की थी।
सौजन्य : दैनिक भास्कर
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