25 नवंबर, 2024 – पठानकोट (पंजाब) : पिछले कुछ दिनों से विदेश में बैठे अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर समेत कई जिलों के तस्कर पठानकोट के बॉर्डर क्षेत्र में स्थानीय युवाओं को अपने साथ जोड़ रहे हैं। पुलिस ने हाल ही में एक गिरोह के दो लोगों पकड़ा था। पूछताछ में उन्होंने इस नेटवर्क का खुलासा किया।
पठानकोट के बॉर्डर क्षेत्र में नशा तस्करी बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। अभी तक अवैध खनन के लिए बदनाम इस क्षेत्र में युवा बड़े स्तर पर नशा तस्करी में शामिल हो रहे हैं। यह खुलासा पंजाब पुलिस की जांच में हुआ है। जांच के अनुसार विदेश में बैठे तस्कर 18 से 20 साल के युवाओं से बॉर्डर में ड्रोन मूवमेंट व नशा तस्करी करवा रहे हैं।
पठानकोट के एसएसपी दलजिंदर सिंह ढिल्लों के अनुसार पठानकोट के सीमावर्ती क्षेत्र में बड़े पैमाने पर ड्रोन मूवमेंट, नशा तस्करी और अवैध माइनिंग हो रही है। जेएंडके और हिमाचल प्रदेश से सटा हुए पठानकोट क्षेत्र के युवाओं को पैसों का लालच दिया जा रहा है।
ऐसी हो रही ड्रोन मूवमेंट और नशा तस्करी
एसएसपी दलजिंदर सिंह ढिल्लों ने बताया कि कुछ समय पहले विदेश में बैठे अमृतसर, तरनतारन और फिरोजपुर के जिलों के युवकों ने करीब एक साल पहले जेएंडके के कठुआ में एक पार्टी के दौरान यह गिरोह बनाया था। इसके बाद युवक विदेश चले गए और वहां से अन्य युवकों को अमीर बनने का लालच देकर बॉर्डर क्षेत्र में तस्करी के लिए ऑनलाइन लोकेशन मंगवाने लगे। जेएंडके में से एक युवक उन्हें पैसे ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करवाता था। एसएसपी ने कहा कि विदेश में बैठे तस्कर 18-20 साल तक के युवकों को गिरोह में शामिल करने लगे हैं। अब जो नशा तस्करी और ड्रोन मूवमेंट हो रही है, उसमें भी उनका हाथ है।
चार गांव ज्यादा संवेदनशील
बॉर्डर क्षेत्र के चार ऐसे गांव हैं, जहां ड्रोन से सबसे ज्यादा नशा गिराया जा रहा है। अब वहां पुलिस ने टेंट लगाकर पोस्टें बनाई हैं। यहां क्यूआरटी, ईआरटी व्हीकल, घातक कमांडो भी तैनात किए जा रहे हैं। एसएसपी का कहना है कि नशा तस्करी के अलावा अवैध खनन भी यहां बड़ी चुनौती है। पठानकोट में 144 क्रशर है। उन्होंने आशंका जताई कि आने वाले समय में यहां अवैध खनन से जुड़ा अपराध बढ़ सकता है। एक क्रशर पर अगर गैर कानूनी माइनिंग ढंग से खनन सामग्री आ रही है तो उनके साथ बदमाश भी आने लगे हैं। माइनिंग माफिया से जुड़े लोग हिमाचल व पंजाब सीमा पर अवैध माइनिंग करने से पहले एरिया को गूगल पर सर्च करते हैं।
सौजन्य : अमर उजाला
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