अब आस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड व अमेरिका में करना चाहते हैं पढ़ाई; जानिए क्या है वजह
कनाडा और भारत के बीच तनाव के कारण भारतीय छात्र अब कनाडा जाने से कतरा रहे हैं। पहले हर साल लगभग तीन लाख भारतीय छात्र कनाडा पढ़ने जाते थे जिनमें से 70% पंजाब के होते थे। अब पंजाब के छात्र ऑस्ट्रेलिया अमेरिका स्विट्जरलैंड जर्मनी और न्यूजीलैंड में पढ़ाई करने का मन बना रहे हैं। एजुकेशन कंसल्टेंट भी इन देशों में पढ़ाई के लिए जाने की सलाह दे रहे हैं।
12 नवम्बर, 2024 – जालंधर : भारत और कनाडा के बीच जारी तनातनी के कारण अब भारतीय छात्रों का कनाडा से मोह भंग होना शुरू हो गया है। हर वर्ष लगभग तीन लाख भारतीय विद्यार्थी स्टडी वीजा पर कनाडा पढ़ने के लिए जाते थे। इनमें पंजाबियों की संख्या 70 प्रतिशत (1.75 लाख) होती थी। अब पंजाब के विद्यार्थी आस्ट्रेलिया, अमेरिका, स्विटजरलैंड, जर्मनी व न्यूजीलैंड में पढ़ाई करने का मन बना रहे हैं।
एजुकेशन कंसल्टेंट भी इन देशों में पढ़ाई के लिए जाने को कह रहे हैं। अगर विद्यार्थी कनाडा के बजाय इन देशों में पढ़ना शुरू कर देते हैं तो पंजाबियों की गिनती में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। विद्यार्थियों का एक बार इन देशों में पढ़ने का रुझान बढ़ जाएगा।
एसकोस (एसोसिएशन आफ कंसल्टेंटस आफ स्टूडेंट स्टडीज) के अनुसार आस्ट्रेलिया में 55000, अमेरिका में 35000, जर्मनी में 20000, न्यूजीलैंड में 18000 के करीब पंजाब के विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इन देशों में विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ काम कर सकते हैं, लेकिन स्थायी होना मुश्किल था।
आखिर क्यों हुआ मोह भंग
कनाडा ने पढ़ाई के साथ-साथ वर्क परमिट व जल्द पीआर मिल जाती थी। इसके चलते विद्यार्थियों ने कनाडा की तरफ रुख कर दिया। अब कनाडा के विजिटर वीजा व अन्य वीजा नियमों में बदलाव के कारण पंजाब के विद्यार्थियों पर इसका असर पड़ा है।
विद्यार्थियों की संख्या 15 से 20 प्रतिशत बढ़ेगी एसकोस के महासचिव दविंदर कुमार व सचिव सुखविंदर नंद्रा ने कहा कि कनाडा के स्टडी वीजा नियमों में हो रहे बदलाव के कारण विद्यार्थी दूसरे देशों में पढ़ाई करने के बारे सोच सकते हैं।
कनाडा से मोह भंग होने पर आस्ट्रेलिया, अमेरिका, न्यूजीलैंड, स्विटरलैंड में पंजाबी विद्यार्थियों की संख्या में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। इन देशों में पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों को काम आसानी से मिल जाता है।
सौजन्य : दैनिक जागरण
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