World Habitat Day 2023: हर साल इस मकसद से बनाया जाता है हैबिटेट डे
World Habitat Day 2023 जीवन में घर का होना बहुत जरूरी होता है। घर सिर्फ सिर ढ़कने कि जगह ही नहीं देता बल्कि आपकी और आपके परिवार की कई यादें भी इसके साथ जुड़ी होती है। सभी को यह हक मिल सके इसलिए इस साल 2 अक्टूबर को वर्ल्ड हैबिटेट डे मनाया जा रहा है। जानें इसका क्या महत्व है क्यों मनाया जाता है और इसकी थीम क्या है।
02 अक्टूबर, 2023 – नई दिल्ली : World Habitat Day 2023: घर हमारी एक मौलिक जरूरत होती है, जहां हम अपने परिवार के साथ रहते हैं। घर की चार दीवारी धूप, सर्दी, बरसात से बचाने के साथ-साथ हमें अपनेपन का अहसास भी देती है। अच्छे जीवन के लिए एक अच्छे घर की जरूरत होती है। इसके साथ ही उसके आस-पास का माहौल भी बहुत मायने रखता है, लेकिन आज भी सभी के पास रहने के लिए घर नहीं है। यह एक बहुत गंभीर समस्या है। इस परेशानी को खत्म करने के लिए हर साल अक्टूबर के पहले सोमवार को वर्ल्ड हैबिटेट डे मनाया जाता है। इस साल यह दिन 2 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं क्या है इसका महत्व और इस साल की थीम।
क्या है इसका इतिहास
पहली बार वर्ल्ड हैबिटेट डे 1986 में केन्या में मनाया गया था, जिसकी थीम ‘शेल्टर इस माय राइट’ थी। इसके जरिए दुनिया भर में आवास और शहरों का विकास हो, इसका संदेश पहुंचाने कि कोशिश की गई थी। इसके बाद से हर साल यह अक्टूबर के पहले सोमवार को मनाया जाने लगा। इस साल इसका आयोजन अजरबैजान कर रहा है।
क्यों मनाया जाता है
हर इंसान के पास रहने के लिए घर हो और घर की स्थिति बेहतर हो इस बारे में लोगों में जागरूकता बढ़े इसलिए वर्ल्ड हैबिटेट डे मनाया जाता है। आप जहां रहते है और उसके आस-पास का माहौल आपके रहने और सोचने- समझने पर भी प्रभाव डालता है। इसलिए सभी के पास घर होना चाहिए और साथ-साथ उसकी स्थिति भी अच्छी होनी चाहिए। घर के आस-पास का वातावरण भी आपके विचारों पर प्रभाव डालता है इसलिए उसका भी ध्यान रखना जरूरी है।
क्या है इस साल की थीम
वैश्विक आर्थिक मंदी और कोविड-19 के प्रभाव से जूझते शहरों को ध्यान में रखते हुए इस साल कि थीम “Resilien Urban Economies: Cities as Drivers of Growth and Recovery” रखी गई है। इसके जरिए किसी भी देश के विकास में शहरों का कितना महत्वपूर्ण योगदान है, इस बात पर ध्यान खींचने कि कोशिश की गई है। शहरों को देश के विकास का इंजन मानते हुए यह संदेश देने कि कोशिश की जा रही है कि किन तरीकों से शहरों में विकास कर आर्थिक मंदी की समस्या का हल निकाला जा सकता है।
सौजन्य : दैनिक जागरण
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