कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे निहंगों के समूह ने इस नृशंस हत्या की जिम्मेदारी ली थी। निहंगों के समूह का दावा था कि लखबीर ने सिखों की पवित्र किताब की बेअदबी करने की कोशिश की थी।
26 अक्टूबर, 2021 – नई दिल्ली: दिल्ली-हरियाणा की सीमा सिंघु पर बर्बरता का शिकार हुए अनुसूचित जाति के युवक लखबीर सिंह का परिवार सोमवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes) पहुंचा और इसके अध्यक्ष विजय सांपला से मुलाकात की।
इस दौरान नई दिल्ली स्थित एनसीएससी के कर्यालय में लखबीर सिंह के परिवार के साथ राष्ट्रीय अनुसूचित जाति गठबंधन का एक दल भी मौजूद रहा। एनएससीए के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ कर रहे थे। उनके साथ लखबीर सिंह की पत्नी, बच्चे और परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद थे।
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे निहंगों के समूह ने इस नृशंस हत्या की जिम्मेदारी ली थी। उसके शरीर पर धारदार हथियार से वार के निशान थे। निहंगों के समूह का दावा था कि लखबीर ने सिखों की पवित्र किताब की बेअदबी करने की कोशिश की थी।
इससे पहले लखबीर की हत्या के मामले में करीब 15 दलित संगठनों ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को एक ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने आयोग से इस मामले की निष्पक्ष जांच होने और दोषियों को कड़ी सजा सुनिश्चित करने की मांग की थी। उधर, हरियाणा के सोनीपत जिले की एक अदालत ने हत्या में गिरफ्तार चार निहंगों की पुलिस रिमांड को बढ़ा दिया है। पुलिस ने सरबजीत सिंह, नारायण सिंह, गोविंदप्रीत सिंह और भगवंत सिंह को अदालत में पेश किया था।
सौजन्य : दैनिक जागरण
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