भारत ने सिंधु जल संधि की समीक्षा के लिए पाकिस्तान को नोटिस भेजा था। भारत के नोटिस पर पाकिस्तान तिलमिला गया है। पाकिस्तान ने नोटिस का जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने संवाददाताओं से कहा कि पाकिस्तान सिंधु जल संधि को महत्वपूर्ण मानता है और उम्मीद करता है कि भारत भी इसके प्रविधानों का पालन करेगा।
20 सितम्बर, 2024 – इस्लामाबाद : भारत द्वारा सिंधु जल संधि की समीक्षा के लिए औपचारिक नोटिस दिए जाने से पाकिस्तान तिलमिला गया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने संवाददाताओं से कहा कि पाकिस्तान सिंधु जल संधि को महत्वपूर्ण मानता है और उम्मीद करता है कि भारत भी इसके प्रविधानों का पालन करेगा।
भारत ने की समीक्षा की मांग
नई दिल्ली में सरकारी सूत्रों ने बुधवार को बताया कि भारत ने 30 अगस्त को पाकिस्तान को एक औपचारिक नोटिस भेजा, जिसमें उसने 64 साल पुराने समझौते की समीक्षा करने की मांग की।
विशेषज्ञों का मानना है कि विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि पाकिस्तान समझौते की समीक्षा में दिलचस्पी नहीं रखता है, जिसके तहत दोनों देशों के बीच जल बंटवारे के जटिल मुद्दे का समाधान किया गया था।
नोटिस में क्या कहा?
भारत सरकार का कहना है कि परिस्थितियों में मूलभूत और अप्रत्याशित बदलाव हुए हैं, जिससे इस समझौते का पुनर्मूल्यांकन जरूरी हो गया है। इसके साथ ही भारत सरकार ने सीमा पार से लगातार जारी आतंकवाद का भी हवाला दिया है।
पिछले महीने भेजा था नोटिस
सरकारी सूत्रों ने बुधवार को बताया कि यह नोटिस 30 अगस्त को सिंधु जल समझौते के अनुच्छेद 12 (3) के तहत भेजा गया है। नौ वर्षों तक चली बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान ने 19 सितंबर, 1960 को इस संधि पर हस्ताक्षर किया था। इस संधि में विश्व बैंक भी एक हस्ताक्षरकर्ता था। इस संधि का मकसद दोनों देशों के बीच बहने वाली विभिन्न नदियों के जल वितरण पर सहयोग और जानकारी का आदान-प्रदान करना है।
सौजन्य : दैनिक जागरण
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भारत ने पाकिस्तान के साथ हुए 64 साल पुराने सिंधु जल समझौते में बदलाव की मांग कर दी है। भारत की तरफ से 30 अगस्त को पड़ोसी मुल्क को एक नोटिस दिया गया है। भारत ने समझौते में बदलाव के कारण भी गिनाए हैं। भारत ने इसके पीछे सीमा पार से जारी आतंकवाद को भी वजह बताया है। पाकिस्तान की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।
20 सितम्बर, 2024 – नई दिल्ली : दशकों पुराने सिंधु जल संधि को लेकर भारत ने पाकिस्तान को नोटिस जारी किया है। भारत ने इस समझौते में बदलाव की मांग उठाई है। भारत ने पाकिस्तान से दो टूक कहा है कि सिंधु जल समझौते की समीक्षा किया जाना जरूरी है।
भारत ने भेजा नोटिस
समाचार एजेंसी को सरकारी सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी है। सूत्रों ने कहा कि बीते महीने 30 तारीख को पाकिस्तान को नोटिस जारी किया गया है। समझौते की जो वजह बताई गई हैं, उनमें- जनसंख्या में बदलाव, पर्यावरण संबंधी मुद्दे और भारत के उत्सर्जन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा के विकास में तेजी लाने की आवश्यकता शामिल है। भारत ने कहा कि समझौते के बाद से परिस्थितियां काफी बदल चुकी हैं।
आतंकवाद भी कारण
भारत ने समीक्षा के पीछे सीमा पार से जारी आतंकी गतिविधियों को भी कारण बताया है। भारत ने कहा कि आतंकवाद के चलते संधि के सुचारू तरीके से संचालन में बाधा आ रही है।
समझौते के बाद से एकतरफा संधि चली आ रही है। समझौते के बाद बहुत कुछ अब बदल चुका है। जनसंख्या में इजाफा हुआ है। खेती के लिए और अधिक पानी की आवश्यकता है। साथ ही क्लीन ऊर्जा के लिए पानी की जरूरत है।
क्या है सिंधु जल समझौता?
भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर हुए थे। विश्व बैंक की मध्यस्थता में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान ने कराची में इस पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के तहत भारत को तीन पूर्वी नदियों रावी, ब्यास और सतलुज का नियंत्रण मिला, जबकि पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम का नियंत्रण प्राप्त हुआ।
सौजन्य : दैनिक जागरण
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