‘हारे तो EVM खराब और जीते तो चुप्पी’, सुप्रीम कोर्ट ने सियासी दलों को दिया कड़ा संदेश;
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देश में पेपर बैलेट से चुनाव में मतदान कराने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से छेड़छाड़ के आरोप तभी लगते हैं जब चुनाव हारते हैं। मगर जीतने पर इससे छेड़छाड़ नहीं होती है। अदालत ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई और सियासी दलों को भी कड़ा संदेश दिया।
27 नवंबर, 2024 – नई दिल्ली : महाराष्ट्र चुनाव में हार के बाद विपक्ष फिर से ईवीएम ( इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के मुद्दे को तूल देने में जुटा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को ईवीएम पर सवाल खड़ा करते हुए देशभर में बैलेट पेपर से चुनाव कराने को लेकर अभियान चलाने का एलान कर दिया। हालांकि उनके इस एलान से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग वाली एक याचिका पर न सिर्फ याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगाई बल्कि राजनीतिक दलों को भी कड़ा संदेश दिया।
कोर्ट ने कहा कि जब चुनाव हार जाते हैं तो ईवीएम खराब हो जाती है और जीत जाते हैं तो चुप्पी। हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ना ठीक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश विक्रम नाथ और पीबी वराले की पीठ ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। कोर्ट में यह जनहित याचिका डा. केए पॉल ने दायर की थी।
कोर्ट ने पूछा- यह शानदार विचार कैसे आया?
कोर्ट ने इस दौरान याचिकाकर्ता से पूछा कि इस याचिका को दायर करने का शानदार विचार आपको कैसे मिला? इस पर पॉल ने कहा कि वह एक ऐसे संगठन के अध्यक्ष है, जिसने तीन से अधिक अनाथों और 40 लाख विधवाओं को बचाया है। कोर्ट ने कहा कि आपका यह क्षेत्र तो बहुत अच्छा है। फिर आप क्यों राजनीतिक क्षेत्र में आ रहे है? इस पर पॉल ने कहा कि दुनिया के 150 से अधिक देशों में जा चुके है। इनमें से ज्यादातर देशों में अब बैलेट पेपर से मतदान होता है।
कोर्ट ने कहा कि आप दुनिया के दूसरे देशों से अलग क्यों नहीं रहना चाहते है? पॉल ने कहा कि इससे भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग ने ही नौ हजार करोड़ से अधिक राशि जब्त की है। कोर्ट ने कहा कि आप यह कैसे कह सकते है कि बैलेट पेपर से चुनाव होने पर भ्रष्टाचार नहीं होगा।
एलन मस्क का किया जिक्र
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि उनकी इस याचिका को 18 से ज्यादा राजनीतिक दलों का समर्थन है। साथ ही टेस्ला के सीईओ एलन मस्क और आंध्र प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी कह चुके है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हो सकती है। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री जगन मोहन रेड्डी ने भी कहा है कि ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है।
इस पर कोर्ट ने चंद्रबाबू जब चुनाव हार जाते है तो उनके लिए ईवीएम खराब हो जाती है और जब वे जीत जाते है और मुख्यमंत्री बन जाते है तो ईवीएम ठीक हो जाती है। जगन रेड्डी ने भी यह आरोप तब लगाया जब वह चुनाव हार गए। कोर्ट ने लंबी चर्चा के बाद याचिका को खारिज कर दिया।
सौजन्य : दैनिक जागरण
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