डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट ने लगाए गंभीर आरोप
मोगा में डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट ने स्कूल ऑफ एमीनेंस (School of Eminence) के उद्घाटन को एक राजनीतिक ड्रामेबाजी बताते हुए कहा कि अध्यापकों को नोडल अफसर लगाकर एक राजनीतिक कार्यक्रम में ले जाना नियमों के खिलाफ है। स्कूल ऑफ एमीनेंस प्रोग्राम गांवों के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों से पक्षपात में इजाफा करेगा। साथ ही सरकारी स्कूलों में शिक्षण का स्तर भी गिरेगा।
16 सितम्बर, 2023 – मोगा : डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट पंजाब ने स्कूल ऑफ एमीनेंस (School of Eminence) के उद्घाटन के मौके पर अध्यापकों को कार्यक्रम में भाग लेने पर मजबूर करने का आरोप लगाया है। साथ ही इसको राजनीतिक ड्रामेबाजी बताया है।
फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजयपाल शर्मा और प्रदेश महासचिव बलवीर लोंगोवाल ने कहा है कि अमृतसर का कार्यक्रम सिर्फ आम आदमी पार्टी की राजनीतिक ड्रामेबाजी से ज्यादा कुछ नहीं था। वहां पर अध्यापकों की ड्यूटी लगाना नियमों के खिलाफ है।
पंजाब सरकार का एमीनेंस स्कूल महज एक राजनीतिक कार्यक्रम
फ्रंट के नेताओं ने कहा कि 117 एमीनेंस स्कूलों के लिए सरकारी खजाना खोल देना, बाकी 19 हजार स्कूलों की अनदेखी ये सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास है। इससे शिक्षा का कोई भला नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों की ड्यूटी बतौर नोडल अफसर लगाकर एक राजनीतिक हलके के लोगों को बसों में बैठाकर अमृतसर ले जाने के लिए कहना गैर कानूनी था। पंजाब सरकार का यह समागम कोरा राजनीतिक प्रोग्राम है, इसका बच्चों की शिक्षा से कोई संबंध नहीं है।
सरकारी स्कूल के बच्चों में बढ़ेगा पक्षपात
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के ऐसे कदम से पता चलता है कि पंजाब सरकार जन शिक्षा के प्रति कितनी चिंतित है। स्कूली शिक्षा की बेहतरी के लिए ढिंढोरा पीटने की जरूरत नहीं है। स्कूल ऑफ एमीनेंस प्रोग्राम गांवों के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों से पक्षपात में इजाफा करेगा।
जन शिक्षा को नुकसान पहुंचाने वाला कदम
इस मौके पर जत्थेबंदी सचिव करनेल सिंह और प्रेस सचिव गुरमीत कोटली ने कहा कि स्कूलों के स्कूल पहले ही अध्यापकों की गैर शिक्षण ड्यूटी कारण अध्यापकों से वंचित है। ऐसे में इस तरह की बेसिर पैर की डयूटियां लगाकर और अध्यापकों को स्कूलों में से बाहर निकालना जन शिक्षा का नुकसान करने वाला कदम है।
नेताओं ने कहा कि जन शिक्षा की बेहतरी के लिए पंजाब सरकार वोट लेने की राजनीति त्याग कर जमीनी स्तर पर शिक्षा की बेहतरी के लिए कार्य करें।
सौजन्य : दैनिक जागरण
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