25 मई, 2023 – चंडीगढ़ : बीती 7 जनवरी से सिख बंदियों की रिहाई को लेकर मोहाली में चल रहे पक्के मोर्चे को हटाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान बुधवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मोर्चे के वकील से पूछा कि ऐसे कब तक धरने पर बैठे रहोगे? लोगों को हो रही परेशानी को समझा जाए। सुनवाई के दौरान पंजाब के डीजीपी गौरव यादव भी कोर्ट में उपस्थित थे।
पंजाब के एडवोकेट जनरल विनोद घई ने कहा कि बातचीत जारी है और जुलाई तक का समय दिया जाए। मोर्चे की तरफ से वकील नवकिरण सिंह ने थोड़ा समय देने की मांग की। जस्टिस एजी मसीह व जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ की खंडपीठ ने इस पर एक सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट तलब करते हुए मामले पर 31 मई के लिए सुनवाई तय की है।
स्वयं सेवी संस्था अराइव सेफ सोसायटी ने याचिका दायर कर कहा था कि पंजाब सरकार और संबंधित अफसरों को आदेश दिए जाएं कि मोहाली के वाईपीएस चौक, फेज-7 व फेज-3ए में प्रदर्शनकारियों द्वारा किए गए अतिक्रमण को जल्द हटाया जाए। जनवरी से लगाए गए इस मोर्चे से आम लोगों को वहां से गुजरने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही लोगों की जान-माल और स्वतंत्रता की सुरक्षा की जाए।
फोर्स का इस्तेमाल किया तो नकारात्मक प्रभाव होगा
चंडीगढ़ के एसपी सिटी मृदुल की तरफ से स्टेटस रिपोर्ट दायर कर कहा गया कि स्थिति से शांतिपूर्ण ढंग से निपटने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों में निहंग भी मौजूद हैं जो घोड़ों व तलवारों के साथ पारंपरिक हथियारों से लैस हैं। ऐसे में बैरिकेड्स को हटाने का सुझाव नहीं दिया जा सकता। यदि ऐसा किया तो प्रदर्शनकारी शहर में दाखिल हो सकते हैं। इन पर यदि फोर्स का इस्तेमाल किया गया तो इसका राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर नकारात्मक प्रभाव होगा। ऐसे में बातचीत के जरिए हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है।
241 पुलिसकर्मी तैनात…
एसपी की तरफ से कहा गया कि चंडीगढ़ के एक डीएसपी, तीन इंस्पेक्टरों के साथ 241 पुलिसकर्मी मौके पर किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैनात हैं। दो प्रदर्शनकारियों के मौत के मामले पर स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया कि दोनों ही अस्पताल पहुंचने से पहले दम तोड़ चुके थे। इन मामलों में सीएफएसएल की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
सौजन्य : दैनिक भास्कर
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