हाईकोर्ट सख्त : कहा- रोपड़ ही नहीं पूरे पंजाब में हो रहा अवैध खनन, हर जिला आएगा रडार पर
16 सितम्बर, 2023 – चंडीगढ़ : हाईकोर्ट ने असंतुष्टि जताते हुए एसएसपी को आदेश दिया है कि वह पिछले एक साल में अवैध खनन को लेकर दर्ज सभी एफआईआर की जानकारी दें। इसके आरोपी कौन थे, जांच कहां तक पहुंची, जांच अधिकारी कौन थे और भूमि मालिकों का ब्योरा हाईकोर्ट में सौंपें।
पंजाब-हरियाणा कोर्ट ने रोपड़ एसएसपी को पिछले एक साल के दौरान अवैध खनन को लेकर दर्ज हुए सभी मामलों का ब्योरा अगली सुनवाई पर हाईकोर्ट में सौंपने का आदेश दिया है। रोपड़ में अवैध खनन से जुड़े मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि यह गैर कानूनी धंधा केवल एक जिले तक सीमित नहीं है बल्कि पूरे प्रदेश में फैला है। अभी नंबर रोपड़ का है लेकिन धीरे-धीरे हर जिला रडार पर आएगा।
मामले में गुरुवार को जारी आदेश के अनुसार रोपड़ के एसएसपी, नंगल के तहसीलदार, माइनिंग और ड्रेनेज विभाग के एक्सईएन हाईकोर्ट में हाजिर हुए। हाईकोर्ट ने तहसीलदार को फटकार लगाते हुए कहा कि जब पुलिस ने आपसे डिमार्केशन रिपोर्ट मांगी थी तो आपने इसे समय से क्यों नहीं उपलब्ध करवाया। इसके साथ ही माइनिंग विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए पूछा कि आखिर क्यों आपके रहते अवैध खनन का कार्य हो रहा है। साथ ही फटकार लगाते हुए अवैध खनन के दर्ज मामलों में केवल छोटे लोगों तक जांच सीमित होने के सवालों के घेरे में एसएसपी को खड़ा किया।
तीनों के जवाब से हाईकोर्ट ने असंतुष्टि जताते हुए एसएसपी को आदेश दिया है कि वह पिछले एक साल में अवैध खनन को लेकर दर्ज सभी एफआईआर की जानकारी दें। इसके आरोपी कौन थे, जांच कहां तक पहुंची, जांच अधिकारी कौन थे और भूमि मालिकों का ब्योरा हाईकोर्ट में सौंपें।
कोताही मिली तो अधिकारियों की संपत्ति की जांच करवाई जाएगी
कोर्ट ने कहा कि अगर हमने पाया कि इन मामलों की जांच में कोताही बरती गई है तो सभी मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी जा सकती है। साथ ही जांच अधिकारियों की संपत्ति की जांच करवाई जाएगी और ईडी को भी जांच में शामिल करने का आदेश दिया जा सकता है। अवैध खनन केवल रोपड़ तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे राज्य में फैला है।
अभी सबसे पहले रोपड़ का नंबर आया है और इसके बाद बाकी के जिलों का भी आएगा। कोर्ट ने कहा कि वह अधिकारियों को एक मौका देना चाहते हैं कि वह अपनी गलती सुधारें। अवैध खनन के मामलों में जांच गरीबों तक ही सीमित न रहे, जमीन के मालिक व खनन माफियाओं पर शिकंजा कसा जाए।
गरीब लोगों को बलि का बकरा बनाने पर लिया संज्ञान
रोपड़ के नंगल पुलिस स्टेशन में अवैध खनन को लेकर 27 जुलाई को एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में एक टिप्पर चालक को जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने अवैध खनन में केवल गरीब लोगों को बलि का बकरा बनाने पर संज्ञान लिया था। कोर्ट ने कहा था कि पुलिस असली दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है।
गुरुवार को हाईकोर्ट ने एसएसपी, नंगल के तहसीलदार, माइनिंग और ड्रेनेज विभाग के एक्सईएन को तलब कर शुक्रवार को पेश होने का आदेश दिया था। कोर्ट ने पंजाब पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस खनन माफिया से मिलकर काम कर रही है। केवल गरीब लोग निशाना बनाए जाते हैं और खनन माफिया पुलिस के शिकंजे से दूर है।
सौजन्य : अमर उजाला
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