डीजल के बढ़ते दाम और महिलाओं को फ्री यात्रा से काम प्रभावित, 30 ऑपरेटरों ने काम छोड़ा
22 फरवरी, 2023 – डीजल के बढ़ते दाम, किराए में जीरो बढ़ोतरी और सरकारी बसों में महिलाओं की फ्री सवारी सुविधा ने पंजाब के प्राइवेट बस ऑपरेटरों को कारोबार बंद करने पर मजबूर कर दिया है। राज्य में प्राइवेट बस ट्रांसपोर्टर्स ने 30 फीसदी बसों को पहले ही सड़कों से हटा दिया है और बाकी बची बसें में से भी अधिकांश अगले कुछ महीनों में सड़कों से दूर हो सकती हैं। पंजाब मोटर यूनियन (पीएमयू) का कहना है कि अब बसें चलाना उनके बस में नहीं रह गया है। राज्य में प्राइवेट बस ऑपरेटर्स की हालत ये है कि 30 बस ऑपरेटरों ने बीते एक साल में कारोबार बंद कर 250 बसों को बेच दिया है।
अकेले लिबड़ा ट्रांसपोर्ट ने ही अपनी 130 बसों को रूट्स से हटाकर पार्क कर दिया है। बसों को सड़क पर उतारना प्रतिदिन लाखों का घाटा बन गया था। वहीं 500 से अधिक बसों को ट्रांसपोर्ट मालिकों ने रूट्स से हटा अलग-अलग जगहों पर पार्क कर दिया है।
महिलाओं की फ्री यात्रा ने हालात और खराब किए: खटड़ा
पीएमयू के सदस्य अजीत सिंह खटड़ा ने कहा कि सरकारी बसों में महिलाओं को फ्री सवारी की सुविधा ने उनकी सवारी को भी आधा कर दिया है। महिलाएं अब सरकारी बस में ही फ्री में सफर करना पसंद करती हैं तो उनके साथ परिवार के अन्य सदस्य भी सरकारी बस में ही चले जाते हैं। करीब 40 फीसदी महिला सवारियां पूरी तरह से प्राइवेट बसों से दूर हो गई हैं। ऐसे में प्राइवेट बसों में सवारी ही आधी रह गई है और उनकी संख्या भी लगातार कम होती जा रही है।
सरकार हमारी बात नहीं सुनती:बाजवा
पीएमयू के सेक्रेटरी आर.एस. बाजवा ने कहा कि सरकार ने बीते तीन साल में बसों के किराए में कोई बढ़ोतरी नहीं की है और इस दौरान डीजल 30 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ गया है। वहीं ट्रांसपोर्ट टैक्स को 2.69 रुपए प्रति किलोमीटर पर 10 फीसदी सेस लगातार 2.96 रुपए प्रति किलोमीटर से अधिक कर दिया गया है। वहीं मेंटेनेंस के लिए प्रति माह 6 दिन ऑफ की सुविधा को कम कर 4 कर दिया गया। सरकार प्राइवेट बस इंडस्ट्री की किसी बात को सुनने के लिए तैयार नहीं है। फाइनेंस और ट्रांसपोर्ट मंत्री बैठकों में मुद्दों को सुलझाने का वादा करती है लेकिन किया कुछ नहीं जाता। हम कई बार मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांग चुके हैं लेकिन मिलने का मौका नहीं दिया जा रहा। हालात यहीं रहे तो अगले कुछ महीनों में पंजाब में सरकारी बसें ही बाकी बची रह जाएंगी
प्रतिवर्ष बढ़ना चाहिए किराया
^पीएमयू सदस्य संदीप शर्मा ने कहा कि 2013 में जारी अधिसूचना के अनुसार बस का किराया प्रति वर्ष 3 प्रतिशत बढ़ना चाहिए, पर तीन वर्षों से किराए में कोई वृद्धि नहीं की गई। इससे ट्रांसपोर्ट्स को अपना काम करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और कई ट्रांसपोर्टस काम छोड़ने पर मजबूर हाे रहे हैं।
क्या हैं प्रमुख मांगें
- ट्रांसपोर्ट टैक्स को 1 रुपए प्रति किलोमीटर किया जाए
- किराए में बढ़ोतरी की जाए
- न्यूनतम टिकट को 10 रुपए की बजाए 20 रुपए किया जाए
- डीजल सब्सिडी दी जाए।
सौजन्य : दैनिक भास्कर
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