आतंकियों के इशारे पर दिया वारदात को अंजाम; आरोपी ने किया खुलासा
Chandigarh Bomb Blast चंडीगढ़ में हुए ग्रेनेड हमले की साजिश पाकिस्तान से रची गई थी। आईएसआई की मदद से बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के आतंकवादी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और अमेरिका में बैठे गैंगस्टर हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासीया ने इस हमले को अंजाम दिया। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है जबकि दूसरे की तलाश जारी है।
14 सितम्बर, 2024 – चंडीगढ़ : सेक्टर-10 की कोठी पर जो हैंड ग्रेनेड फेंका गया था वह ड्रोन के जरिए सीमा पार से पंजाब पहुंचा। फिर उसे चंडीगढ़ पहुंचाया गया। घटना में इस्तेमाल किया गया हैंड ग्रेनेड मिलिटरी ग्रेड का है।
डीजीपी गौरव यादव ने इस बात का खुलासा किया। डीजीपी ने बताया कि पंजाब पुलिस कांउटर इंटेलिजेंस यूनिट ने केंद्रीय एजेंसियों के साथ साझा ऑपरेशन में ग्रेनेड हमले के मुख्य साजिशकर्ता की गिरफ्तारी करने में सफलता हासिल की है।
घटना को आईएसआई की सहायता प्राप्त बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से संबंधित पाकिस्तान आधारित आतंकवादी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और अमेरिका में बैठे गैंगस्टर हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासीया के निर्देश पर अंजाम दिया गया था।
अमृतसर का रहने वाला है आरोपी
यादव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित की पहचान अमृतसर के गांव पासीया के निवासी रोहन मसीह के रूप में हुई है। आरोपित के कब्जे से अत्याधुनिक 9 एमएमगलाक पिस्टल और गोली-छर्रे भी बरामद किए हैं।
यादव ने कहा कि दूसरे आरोपी की भी पहचान कर ली गई है और उसे पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है। पूछताछ के दौरान आरोपित रोहन ने ग्रेनेड धमाके में शामिल होने की बात स्वीकार की।
आरोपी को उपलब्ध करवाए गए हैंड ग्रेनेड और हथियार
पूछताछ में बताया कि हैप्पी पासीया के कहने पर इस घटना को अंजाम दिया। हैप्पी पासीया ने उसे अपने साथियों के माध्यम से हैंड ग्रेनेड और हथियार मुहैया कराए। रोहन ने बताया कि हैप्पी पासीया ने उनके लिए पैसे और लॉजिस्टिक्स का प्रबंध भी किया था।
उन्होंने कहा कि इस पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए चंडीगढ़ पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के समन्वय से आगे की जांच की जा रही है। हैंड ग्रेनेड को आरोपितों तक पहुंचाने में जो भी आरोपित शामिल हाेंगे उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
घटना को अंजाम देने के बाद अलग-अलग हो गए आरोपी
एआईजी स्टेट स्पेशल आपरेशन सेल (एसएसओसी) अमृतसर सुखमिंदर सिंह मान ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद आरोपित रोहन और उसका साथी पहले अमृतसर गए और फिर दोनों अलग अलग हो गए।
रोहन शुरू में खन्ना में अपने जान-पहचान वाले किसी व्यक्ति के पास गया था लेकिन फिर अमृतसर वापस आ गया क्योंकि उसने आगे जम्मू-कश्मीर जाने की योजना बनाई थी, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
अधिकारी को निशाना बनाने चाहता था आतंकी मॉड्यूल
एआईजी ने कहा कि पहले नजर में यह प्रतीत होता है कि यह आतंकवादी मॉड्यूल किसी अधिकारी को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा था। क्योंकि इस समूह ने पिछले साल भी उसी स्थान पर इस प्रकार के हमले की कोशिश की थी।
उन्होंने बताया कि उस समय पंजाब पुलिस ने इस प्रयास को सफलतापूर्वक विफल करते हुए दो गुर्गों को गिरफ्तार किया था, जिनकी पहचान बिक्रमजीत सिंह उर्फ राजा निवासी बटाला और बावा सिंह मजीठा के रूप में हुई थी।
सौजन्य : दैनिक जागरण
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