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Mohan Bhagwat: दुनिया में शांति कायम करने के लिए भारत की संस्कृति अपनाने की जरूरत

October 25, 2023 By News Bureau

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‘देश की अस्मिता और अखंडता को ध्यान में रखते हुए ही दें वोट’,

मणिपुर हिंसा से लेकर इजरायल युद्ध पर क्या बोले सरसंघचालक

विजयदशमी के मौके पर आरएसएस की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर का मुद्दा उठाया। उन्होंने राज्य में हुई हिंसा के लिए बाहरी ताकतों को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि राज्य में हिंसा भड़काने से किसे फायदा होगा?

बहकावे और उकसावे में न आएं', 2024 के चुनाव को लेकर RSS प्रमुख मोहन भागवत की  बड़ी अपील | mohan bhagwat rss in nagpur vijayadashmi dussehra shastra puja  | TV9 Bharatvarsh

25 अक्टूबर, 2023 – नई दिल्ली: नागपुर में विजयदशमी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर में हुई हालिया हिंसा का मुद्दा उठाया। उन्होंने राज्य में हुई हिंसा के लिए बाहरी ताकतों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मणिपुर में साजिश रचकर पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया गया है।

राज्य में अचानक क्यों लगी आग?

मणिपुर हिंसा पर सवालिया निशान लगाते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि मणिपुर में मैतेई और कुकी समाज के लोग पिछले काफी वक्त से एक साथ रह रहे हैं। अचानक ऐसा क्या हुआ कि दोनों समुदायों के बीच आग लग गई। मोहन भागवत ने सवाल किया कि ऐसे अलगाववाद और आंतरिक संघर्ष से किसे लाभ होता है? क्या मणिपुर में जो कुछ हुआ उसमें बाहर के लोग भी शामिल थे?

हिंसा हो नहीं रही है, इसे कराया जा रहा है

नागपुर में आरएसएस की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि मार्क्सवादी समेत असामाजिक तत्व शिक्षा और संस्कृति को खराब करने के लिए मीडिया और शिक्षा जगत में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रहे हैं। भागवत ने कहा कि राज्य में हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री तीन दिनों तक मणिपुर के दौरे पर थे। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उन्होंने कई सार्थक प्रयास किए। इस बीच उन्होंने सवाल किया कि वास्तव में राज्य के दोनों समुदायों के बीच संघर्ष को किसने बढ़ावा दिया? राज्य में हिंसा हो नहीं रही है, इसे कराया जा रहा है।

कौन उठा रहा है फायदा?

कार्यक्रम के दौरान भागवत ने सवाल किया कि कौन-सी विदेशी शक्तियां मणिपुर में अशांति और अस्थिरता का फायदा उठाने की फिराक में हैं? क्या इन घटनाओं में दक्षिण पूर्व एशिया की भू-राजनीति की भी कोई भूमिका है। उन्होंने कहा कि जब-जब शांति बहाल करने की कोशिश होती है, तब कुछ न कुछ घटित होता है। जो लोग ऐसी हरकतें कर रहे थे उनके पीछे कौन है? हिंसा कौन भड़का रहा है?

संघ कार्यकर्ताओं की सराहना

मोहन भागवत ने मणिपुर हिंसा के बीच वहां शांति बहाल करने के काम में लगे संघ कार्यकर्ताओं को जमकर सराहा। इस बीच उन्होंने देश की जनता से एकता, अखंडता, अस्मिता और विकास को ध्यान में रखकर वोट करने की अपील की। साथ ही लोगों को साल 2024 में होने वाले आम चुनाव से पहले भावनाएं भड़काकर वोट हासिल करने की कोशिशों को लेकर भी आगाह किया।

राम मंदिर पर क्या बोले भागवत

आरएसएस की रैली के दौरान भागवत ने कहा कि हमारे संविधान की मूल प्रति के एक पृष्ठ पर जिनका चित्र अंकित है, ऐसे धर्म के मूर्तिमान प्रतीक श्रीराम के बालक रूप का मंदिर अयोध्या जी में बन रहा है। आने वाली 22 जनवरी को मंदिर के गर्भगृह में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। व्यवस्थागत कठिनाइयों के तथा सुरक्षाओं की सावधानियों के चलते उस पावन अवसर पर अयोध्या में बहुत मर्यादित संख्या ही उपस्थित रह सकेगी।

भारत की ओर देख रहा विश्व

इजराइल और हमास के बीच छिड़े सैन्य संघर्ष का मुद्दा उठाते हुए मोहन भागवत ने कहा कि समूचा विश्व शांति का रास्ता दिखाने के लिए भारत से आस लगाए हुए है। उन्होंने कहा कि पूरा विश्व इस वक्त एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है। ऐसे में विश्व की जरूरतों और चुनौतियों को पूरा करने के लिए भारत अपने स्वयं के मूल्यों के आधार पर एक नई दृष्टि के साथ उभरेगा।

मजूबत नेतृत्व की जरूरत

भागवत ने कहा कि दुनिया धार्मिक संप्रदायवाद से पैदा हुए कट्टरता, अहंकार और उन्माद के संकट का सामना कर रही है। यूक्रेन या गाजा पट्टी में युद्ध जैसे संघर्षों का कोई भी समाधान नहीं निकल रहा है। इससे आतंकवाद, शोषण और अधिनायकवाद को कहर बरपाने की खुली छूट मिल रही है। इससे यह साफ हो गया है कि विश्व बिना किसी मजूबत नेतृत्व के इन समस्याओं का मुकाबला नहीं कर सकता।

सौजन्य : दैनिक जागरण

https://www.jagran.com/news/national-mohan-bhagwat-blames-external-forces-for-unrest-in-manipur-23564045.html

Mohan Bhagwat: दुनिया में शांति कायम करने के लिए भारत की संस्कृति अपनाने की जरूरत

नागपुर : नागपुर में दशहरा रैली में शांति स्थापित करने के लिए दुनिया में हुए कई प्रयोगों का हवाला देते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि समाजवाद, पूंजीवाद अपनाने के बावजूद संघर्ष नहीं रुके। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया इस्राइल के युद्ध का सामना कर रही है।

भारत की उन्नति का आधार बनेगा राम मंदिर': विजयादशमी पर संघ प्रमुख मोहन भागवत  | RSS chief Mohan Bhagwat calls radicalisation a global problem

https://www.amarujala.com/india-news/mohan-bhagwat-need-to-adopt-indian-culture-maintain-peace-in-world-sangh-chief-in-nagpur-2023-10-25


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