विदेशी लोन को घटाकर किया 25 अरब डॉलर
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने इस वित्तीय वर्ष के लिए पाकिस्तान की विदेशी लोन की आवश्यकता को संशोधित कर 25 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर दिया है। IMF ने इसमें 3.4 अरब अमेरिकी डॉलर की कटौती की है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने सरकार के आर्थिक पूर्वानुमानों को खारिज करते हुए पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाकर केवल दो प्रतिशत कर दिया है।
20 नवम्बर, 2023 – इस्लामाबाद : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने इस वित्तीय वर्ष के लिए पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। IMF ने पाकिस्तान की विदेशी लोन की जरूरत को घटाकर 25 अरब अमेरिकी डॉलर कर दिया है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के हवाले से बताया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने इस वित्तीय वर्ष के लिए पाकिस्तान की विदेशी लोन की आवश्यकता को संशोधित कर 25 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर दिया है। IMF ने इसमें 3.4 अरब अमेरिकी डॉलर की कटौती की है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने सरकार के आर्थिक पूर्वानुमानों को किया खारिज
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने सरकार के आर्थिक पूर्वानुमानों को खारिज करते हुए पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाकर केवल दो प्रतिशत कर दिया है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की एक रिपोर्ट में शनिवार को यह जानकारी दी गई है।
मुद्रास्फीति अनुमान को 22.8 प्रतिशत किया
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, आईएमएफ ने भी इस वित्त वर्ष के लिए पाकिस्तान के अपने मुद्रास्फीति अनुमान को 25.9 प्रतिशत से घटाकर 22.8 प्रतिशत कर दिया है। आईएमएफ ने चालू खाता घाटा (सीएडी), आयात, आर्थिक वृद्धि, मुद्रास्फीति और सकल वित्तीय आवश्यकताओं के लिए वित्त मंत्रालय के अनुमानों को स्वीकार नहीं किया है।
चार महीनों में छह अरब अमेरिकी डॉलर उधार ले चुकी है पाकिस्तान सरकार
हालांकि, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, IMF ने इस वर्ष जुलाई के अनुमानों की तुलना में पहली समीक्षा वार्ता के दौरान इन सभी नंबरों को समायोजित किया है। रिपोर्ट में कहा गया कि इस साल जुलाई की तुलना में आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष के लिए विदेशी ऋण आवश्यकताओं को 28.4 अरब अमेरिकी डॉलर से घटाकर 25 अरब अमेरिकी डॉलर कर दिया है। सरकार पहले ही चार महीनों में छह अरब अमेरिकी डॉलर उधार ले चुकी है।
वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता कमर अब्बासी ने इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, सूत्रों ने कहा कि शेष जरूरतें लगभग 6.5 अरब अमेरिकी डॉलर की हैं और 12.5 अरब अमेरिकी डॉलर के कर्ज की कमी को पूरा करने का प्रयास किया गया है।
सौजन्य : दैनिक जागरण
बद से बदतर होते जा रहे पाकिस्तान के हालात, बंद होने के कगार पर पहुंचे 6 अस्पताल;
डॉक्टरों और नर्सों की रोक दी सैलरी
आर्थिक तंगी से गुजर रहा पाकिस्तान के 6 अस्पताल अब बंद होने की कगार पर पहुंच गए है। इसका मुख्य कारण यह है कि वित्त प्रभाग ने इन अस्पतालों के सुचारू कामकाज के लिए संघीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 11 बिलियन पाकिस्तानी रुपया ( पीकेआर) प्रदान करने के अनुरोध को खारिज कर दिया। टेस्टिंग किट के स्टॉक खत्म होने के कारण इन अस्पतालों की लैब भी जल्द ही बंद हो जाएगी।
20 नवम्बर, 2023 – इस्लामाबाद : Pakistan Shut Down: आर्थिक तंगी से गुजर रहे पाकिस्तान में अब अस्पतालों के बंद होने की नौबत आ गई है। इस्लामाबाद के 5 पब्लिक सेक्टर के अस्पताल और लाहौर के शेख जायद अस्पताल बंद होने के कगार पर पहुंच गया है। इसका मुख्य कारण यह है कि वित्त प्रभाग ने इन अस्पतालों के सुचारू कामकाज के लिए संघीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 11 बिलियन पाकिस्तानी रुपया (पीकेआर) प्रदान करने के अनुरोध को खारिज कर दिया।
पाकिस्तान के डॉन अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल के कई कर्मचारियों की सैलरी रोक दी गई है। इसके कारण पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (Pims) की नर्सें एक हफ्ते से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। टेस्टिंग किट के स्टॉक खत्म होने के कारण इन अस्पतालों की लैब भी जल्द ही पूरी तरह से काम करना बंद कर देंगी।
मरीजों को नहीं मिल रही दवाइयां
डॉन के अनुसार, रेडियोलॉजी टेस्ट को भी बंद कर दिया जा रहा है क्योंकि फिल्में उपलब्ध नहीं हैं। वहीं, मरीजों को दवाएं नहीं मिल रही है क्योंकि कंपनियों को टेंडर राशि का भुगतान नहीं किया गया है। इसके कारण जो अस्पताल और विभाग प्रभावित होंगे उनमें संघीय राजधानी के पांच अस्पताल पिम्स, पॉलीक्लिनिक, फेडरल जनरल हॉस्पिटल, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिहैबिलिटेशन मेडिसिन (NIRM), डिस्पेंसरी, बुनियादी स्वास्थ्य यूनिट, स्वास्थ्य मंत्रालय के सहायक विभाग और संस्थान शामिल हैं।
लाहौर अस्पताल के हालात बेहद खराब
लाहौर का शेख जायद अस्पताल भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है क्योंकि यह संघीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वित्त पोषण से चलता है। वित्त प्रभाग ने स्वास्थ्य मंत्रालय को लिखित रूप में सूचित किया है कि, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की पूर्व शर्तों के अनुसार, धन केवल आपदा की स्थिति में ही जारी किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि, पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले महीने वित्त मंत्रालय से अस्पतालों, संगठनों और मंत्रालय के सहायक विभागों के सुचारू कामकाज के लिए 11.096 बिलियन पीकेआर का पूरक अनुदान जारी करने का अनुरोध किया था।
क्यों आ रही ऐसी समस्या
वित्त प्रभाग द्वारा लिखे गए और डॉन के पास उपलब्ध पत्र में कहा गया है, ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय के 11.096 बिलियन पीकेआर के पूरक/तकनीकी अनुपूरक अनुदान के प्रस्ताव पर वित्त प्रभाग में विचार किया गया है।
आईएमएफ के साथ प्रतिबद्धता के अनुसार, नई सरकार के गठन तक (गंभीर राष्ट्रीय आपदा होने को छोड़कर) वित्त वर्ष 2023-24 में संसदीय अनुमोदित स्तर से अधिक किसी भी अतिरिक्त अनबजट खर्च के लिए कोई अनुपूरक अनुदान की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
दवाईयों की भारी कमी, पैदा हुआ संकट
सूत्रों के मुताबिक, वित्त विभाग के इनकार से संघीय मंत्रालय द्वारा संचालित अस्पतालों में संकट पैदा हो सकता है और मरीजों को एक रुपये मूल्य की दवाएं भी नहीं मिल पाएंगी। अस्पताल के एक सूत्र ने डॉन को बताया, ‘हमें वर्तमान में दवाओं की भारी कमी की आशंका है क्योंकि हमारे पास निविदाओं के लिए भुगतान करने और लंबित स्टॉक जारी करने के लिए पर्याप्त राशि नहीं है। इसके अलावा, प्रयोगशालाओं में परीक्षण किट, एक्स-रे फिल्मों और अन्य की भी भारी कमी है।’
सूत्र ने कहा कि स्थिति और भी खराब हो सकती है क्योंकि अस्पतालों में कई डॉक्टरों, नर्सों और अन्य कर्मचारियों को या तो वेतन नहीं मिल रहा है या धन की अनुपलब्धता के कारण अगले महीने उनका वेतन रोक दिया जाएगा।
आने वाले महीनों में डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, दवाइयों और जांच की सुविधाओं की भारी कमी हो सकती है। यहां तक कि आपातकालीन विभाग भी बंद हो सकते हैं।’
सौजन्य : दैनिक जागरण
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