ग्रांट में कटौती, वित्तीय हालात और बिगड़ने के आसार
Punjab News राज्य सरकार की ओर से यूनिवर्सिटी को प्रति महीने मिलने वाली 30 करोड़ की ग्रांट को कम करके बीस करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस संबंधी सरकार ने यूनिवर्सिटी को पत्र भी जारी किया है। ग्रांट में कटौती के बाद यूनिवर्सिटी के वित्तीय हालात और बिगड़ने के आसार हैं। उधर वेतन न मिलने के कारण कर्मचारी संघर्ष करने की तैयारी कर रहे हैं।
20 नवम्बर, 2023 – पटियाला : पंजाबी यूनिवर्सिटी (पीयू) पटियाला को राज्य सरकार की तरफ से एक बड़ा झटका लगा है। सरकार की ओर से यूनिवर्सिटी को प्रति महीने मिलने वाली 30 करोड़ की ग्रांट को कम करके बीस करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस संबंधी सरकार ने यूनिवर्सिटी को पत्र भी जारी किया है। ग्रांट में कटौती के बाद यूनिवर्सिटी के वित्तीय हालात और बिगड़ने के आसार हैं। उधर, वेतन न मिलने के कारण कर्मचारी संघर्ष करने की तैयारी कर रहे हैं।
90 करोड़ रुपये ग्रांट जारी करने का एलान
बता दें कि मार्च 2023 में पंजाबी यूनिवर्सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यूनिवर्सिटी को तीन महीने के लिए 90 करोड़ रुपये ग्रांट जारी करने का एलान किया था। इसके अलावा कार्यक्रम में सीएम ने यूनिवर्सिटी को सरकार द्वारा कर्ज मुक्त कराने का एलान भी किया था। एलान के अनुसार यूनिवर्सिटी को छह महीने के लिए कुल 180 करोड़ रुपये की ग्रांट जारी की गई।
स्टाफ की सैलरी, पेंशन व अन्य खर्च शामिल
दीपावली से पहले ही सरकार ने ग्रांट में कटौती कर दी और तीन महीने के लिए केवल 60 करोड़ रुपये जारी किए गए। खास बात यह है कि सीएम के एलान से पहले यूनिवर्सिटी को 18.5 करोड़ रुपये की ग्रांट प्रति महीना सरकार से जारी होती थी। पंजाबी यूनिवर्सिटी का प्रति माह 40 करोड़ रुपये से अधिक का बजट है। इसमें यूनिवर्सिटी स्टाफ की सैलरी, पेंशन व अन्य खर्च शामिल हैं।
नॉन टीचिंग स्टाफ को ही सैलरी जारी
ग्रांट में कटौती के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन सिर्फ नॉन टीचिंग स्टाफ को ही सैलरी जारी कर सकी है। टीचिंग स्टाफ को सैलरी व पेंशनर्स को पेंशन जारी करने के लिए यूनिवर्सिटी के पास बजट तक नहीं है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी पर 150 करोड रुपये के करीब कर्ज है। पंजाबी यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चे के सदस्य डा. राजदीप सिंह व अमनदीप सिंह ने कहा कि मोर्चे के संघर्ष के बाद सरकार द्वारा यूनिवर्सिटी को प्रति महीना तीस करोड रुपये, यानी तीन महीने की 90 करोड़ ग्रांट कर दी गई थी।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा यूनिवर्सिटी को 60 करोड़ की ग्रांट जारी करने का पत्र भेजा गया है। सरकार को वादा पूरा करना चाहिए। पंजाबी यूनिवर्सिटी के फाइनांस अफसर (एफओ) प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि पहले छह माह के दौरान हर महीने के लिए तीस-तीस करोड़ रुपये की ग्रांट जारी होती रही है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी द्वारा सरकार को ग्रांट में बढ़ोतरी को लेकर पत्र भेजा गया है, पर कोई जवाब नहीं आया है।
सौजन्य : दैनिक जागरण
test