Modi-Zelensky: भारत में खुलेंगी यूक्रेनी कंपनियां! मोदी से मुलाकात के बाद जेलेंस्की ने ‘मेड-इन-इंडिया‘ पर किया खास एलान
Modi Zelensky Meet पीएम मोदी ने बीते दिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात कर रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने का संदेश दिया। इस बीच पीएम मोदी से मुलाकात के बाद जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन भारत में कम्पनियां स्थापित करने के लिए इच्छुक है। जेलेंस्की ने कहा कि हम आपकी कंपनियों को कीव में खोलने के लिए भी तैयार हैं।
कीव। Modi Zelensky Meet पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे पर पूरी दुनिया की निगाहें लगी हुई है। पीएम मोदी ने बीते दिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात कर रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने का संदेश दिया। इस बीच पीएम मोदी से मुलाकात के बाद जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन भारत में कम्पनियां स्थापित करने के लिए इच्छुक है।
भारत से आर्थिक संबंध जोड़ने को तैयार
- राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन भारत में निर्मित उत्पादों को खरीदकर और भारतीय कंपनियों को कीव में खोलने की अनुमति देकर भारत के साथ सीधे जुड़ने के लिए तैयार है।
- जेलेंस्की ने कीव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस मेड-इन-इंडिया उत्पाद खरीदने पर भी सहमति जताई।
- जेलेंस्की ने कहा कि हम आपकी कंपनियों को कीव में खोलने के लिए तैयार हैं और हम भारत में अपनी कंपनियां भी खोलने के लिए तैयार हैं। इसलिए हम इस तरह की बातचीत और इस तरह के काम के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
जेलेंस्की को भारत आने का निमंत्रण
इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी वार्ता के दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को भारत आने का निमंत्रण दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण के बारे में पूछे जाने पर, जेलेंस्की ने कहा,
“हां, मेरी भारत यात्रा की योजना है, क्योंकि जब आप साझेदारी, रणनीतिक साझेदारी शुरू करते हैं और आप कुछ संवाद शुरू करते हैं तो मुझे लगता है कि आपको समय बर्बाद किए बिना मिलते रहना चाहिए। अगर हमारी मुलाकात भारत में होगी, तो मुझे खुशी होगी। मैंने आपके बड़े और महान देश के बारे में बहुत कुछ पढ़ा है। यह बहुत दिलचस्प है। “
हालांकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि अभी मेरे पास भारत जैसे देश को देखने का समय नहीं होगा। यह अफसोस की बात है, क्योंकि युद्ध के दौरान मेरे पास देखने और समझने का समय नहीं है।
‘भारत और यूक्रेन ने आज रच दिया इतिहास’, जेलेंस्की ने पीएम मोदी की यात्रा को बताया ऐतिहासिक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रने से शांति का संदेश दिया उन्होंने कहा कि हम महात्मा गांधी की भूमि से आए हैं जिन्होंने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया था। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि भारत उनके देश की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि आज इतिहास लिखा गया है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि नई दिल्ली का समर्थन उनके देश के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि दुनिया में हर किसी को संयुक्त राष्ट्र चार्टर का समान रूप से सम्मान करना चाहिए। मोदी के साथ बातचीत के बाद जेलेंस्की ने एक्स पर लिखा, आज इतिहास लिखा गया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे देश की स्वतंत्रता के बाद पहली बार यूक्रेन का दौरा किया।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि नई दिल्ली का समर्थन उनके देश के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि दुनिया में हर किसी को संयुक्त राष्ट्र चार्टर का समान रूप से सम्मान करना चाहिए। मोदी के साथ बातचीत के बाद जेलेंस्की ने एक्स पर लिखा, आज इतिहास लिखा गया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे देश की स्वतंत्रता के बाद पहली बार यूक्रेन का दौरा किया।
कुछ समय पहले जब मैं समरकंद में राष्ट्रपति पुतिन से मिला था, तो मैंने उनसे कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है। पिछले महीने जब मैं रूस गया था, तो मैंने साफ शब्दों में कहा था कि किसी भी समस्या का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं मिलता। बातचीत, संवाद और कूटनीति से समाधान निकलता है और हमें बिना समय बर्बाद किए उस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। दोनों पक्षों को एक साथ बैठकर इस संकट से बाहर निकलने का तरीका खोजना चाहिए- पीएम मोदी
रूस की यात्रा के ठीक छह सप्ताह बाद यूक्रेन पहुंचे मोदी ने वैश्विक समुदाय को संदेश दिया कि भारत दो वर्षों से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध में तटस्थ नहीं है। भारत हमेशा शांति के साथ रहा है। राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ मुलाकात के दौरान भी मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच सीधी बातचीत का आह्वान किया, ताकि युद्ध को शीघ्रता से समाप्त किया जा सके।
पीएम मोदी और जेलेंस्की दोनों नेताओं ने युद्ध में मारे गए बच्चों की स्मृति में निर्मित संग्रहालय का दौरा किया। वहां प्रदर्शित फिल्म को देख कर पीएम मोदी भावुक भी हुए। उन्होंने कहा कि मैंने आपके साथ बच्चों की स्मृति में बने म्यूजियम को देखा है। मेरा मन भरा हुआ है। दिल को गहरी चोट लगी है। अब मुझे लगता है कि युद्ध का पहला शिकार मानव होता है और उसमें भी बालक पहले शिकार बनते हैं। यह बहुत दर्दनाक होता है। किसी भी सभ्य समाज में इस तरह की घटनाओं को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
मोदी ने भी राष्ट्रपति जेलेंस्की को भारत आने का निमंत्रण दिया और कहा कि इस संकट की घड़ी में भारत ने जितना हो सका है, उतनी मदद का प्रयास किया है। आपको विश्वास दिलाता हूं कि मानवीय दृष्टिकोण से जिस तरह की भी जरूरत यूक्रेन को होगी, भारत आपके साथ खड़ा होगा और दो कदम आगे चलेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन की अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को चार भीष्म (भारत स्वास्थ्य सहयोग हित और मैत्री पहल) क्यूब्स भेंट किए। जेलेंस्की ने क्यूब्स की मानवीय सहायता के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया, जिससे घायलों के उपचार में तेजी आएगी और बहुमूल्य जीवन बचाने में मदद मिलेगी। प्रत्येक भीष्म क्यूब में सभी प्रकार की चोटों और चिकित्सा स्थितियों के लिए प्राथमिक देखभाल से जुड़ी दवाइयां और उपकरण शामिल हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं यूक्रेन में 140 करोड़ भारतीयों की भावनाएं लेकर आया हूं। 140 करोड़ भारतीयों की भावनाएं मानवता से प्रेरित हैं। आज मैं यूक्रेन की धरती पर शांति का संदेश लेकर आया हूं। उन्होंने कहा कि हमने जो दूसरा रास्ता चुना है, वह युद्ध से दूर रहना है, हम बहुत दृढ़ता से युद्ध से दूर रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम तटस्थ थे, हम तटस्थ नहीं थे, हम पहले दिन से ही पक्षकार रहे हैं और हमारा पक्ष है शांति, हम बुद्ध की भूमि से आते हैं जहां युद्ध के लिए कोई जगह नहीं है, हम महात्मा गांधी की भूमि से आते हैं, जिन्होंने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया।
कई बैठकों में हिस्सा लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूक्रेन की मेरी यात्रा ऐतिहासिक रही। मैं भारत-यूक्रेन मित्रता को और गहरा करने के उद्देश्य से इस महान देश में आया हूं। राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ मेरी सार्थक बातचीत हुई। भारत का दृढ़ विश्वास है कि शांति हमेशा बनी रहनी चाहिए। मैं यूक्रेन की सरकार और लोगों को उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं।
‘तटस्थ नहीं भारत, हमेशा शांति के साथ’, जेलेंस्की से मुलाकात में बोले पीएम मोदी
यूक्रेन पहुंचे पीएम मोदी ने एक बार फिर से शांति का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हम युद्ध से दूर रहे हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम तटस्थ रहे हैं। हम पहले दिन से ही पक्षकार रहे हैं और हमारा पक्ष शांति का है। राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ मुलाकात के दौरान भी मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच सीधी बातचीत का आह्वान किया
पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन के बीच सीधी बातचीत का किया आह्वान
राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ मुलाकात के दौरान भी मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच सीधी बातचीत का आह्वान किया, ताकि युद्ध को शीघ्रता से समाप्त किया जा सके। पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच आधिकारिक वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया है। इसमें भारत ने यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता व संप्रभुता के आदर की बात कही है। साथ ही दोनों देशों में सैन्य-तकनीक सहयोग को लेकर संयुक्त कार्य समूह की बैठक फिर से शुरू करने पर सहमति बनी है।
पीएम मोदी ने यात्रा को बताया ऐतिहासिक
मोदी ने स्वयं इस यात्रा को ऐतिहासिक करार दिया। पहला कारण तो यह है कि वर्ष 1991 में यूक्रेन के स्वतंत्र देश बनने के बाद पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने वहां का दौरा किया है। दूसरा, मोदी ऐसे पहले वैश्विक नेता हैं, जिन्होंने कुछ ही दिनों के अंतर में रूस के साथ यूक्रेन की यात्रा की है। उन्होंने दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के साथ न सिर्फ द्विपक्षीय वार्ता की, बल्कि उन्हें शांति का संदेश भी दिया है।
पोलैंड से रेल मार्ग से कीव पहुंचे पीएम मोदी
पोलैंड से रेल मार्ग से कीव पहुंचे पीएम मोदी का राष्ट्रपति जेलेंस्की ने मौजूदा तनाव भरे माहौल के बावजूद शानदार स्वागत किया। पीएम मोदी ने अपने खास अंदाज में उन्हें गले लगाकर अभिवादन किया। दोनों नेताओं ने युद्ध में मारे गए बच्चों की स्मृति में निर्मित संग्रहालय का दौरा किया। वहां प्रदर्शित फिल्म को देख कर पीएम मोदी भावुक भी हुए।
इस बारे में अपने प्रेस वक्तव्य में उन्होंने कहा- ‘मैंने आपके साथ बच्चों की स्मृति में बने म्यूजियम को देखा है। मेरा मन भरा हुआ है। दिल को गहरी चोट लगी है। अब मुझे लगता है कि युद्ध का पहला शिकार मानव होता है और उसमें भी बालक पहले शिकार बनते हैं। यह बहुत दर्दनाक होता है। किसी भी सभ्य समाज में इस तरह की घटनाओं को स्वीकार नहीं किया जा सकता।’
2021 में हुई थी दोनों नेताओं की पहली मुलाकात
शनिवार (24 अगस्त) को यूक्रेन का राष्ट्रीय दिवस है, जिस पर मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति और वहां की जनता को 140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से शुभकामना दी। पीएम मोदी की जेलेंस्की से पहली मुलाकात नवंबर, 2021 में हुई थी और तभी उन्हें यूक्रेन आने का निमंत्रण मिला था।
फरवरी, 2022 से रूस व यूक्रेन में युद्ध चल रहा है। मोदी ने कहा कि तब मैं कल्पना नहीं कर सकता था कि ऐसी परिस्थिति में यूक्रेन की यात्रा करनी होगी, लेकिन मौजूदा तनावपूर्ण माहौल के बावजूद दोनों देशों के रिश्तों में प्रगति हो रही है जो बताता है कि हम परिपक्वता से रिश्तों पर काम कर रहे हैं।
राष्ट्रपति जेलेंस्की को मिला भारत आने का न्योता
मोदी ने भी राष्ट्रपति जेलेंस्की को भारत आने का निमंत्रण दिया और कहा कि इस संकट की घड़ी में भारत ने जितना हो सका है, उतनी मदद का प्रयास किया है। आपको विश्वास दिलाता हूं कि मानवीय दृष्टिकोण से जिस तरह की भी जरूरत यूक्रेन को होगी, भारत आपके साथ खड़ा होगा और दो कदम आगे चलेगा।
हम युद्ध से दूर रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम तटस्थ रहे हैं। हम पहले दिन से ही पक्षकार रहे हैं और हमारा पक्ष शांति का है। उन्होंने कहा कि शांति के लिए भारत हरसंभव मदद को तैयार है। इसके लिए मैं व्यक्तिगत प्रयास भी करूंगा।
BHISHM Cube: क्या है भीष्म क्यूब, जिसे पीएम मोदी ने जेलेंस्की को किया गिफ्ट
पीएम मोदी ने अपने यूक्रेन दौरे के दौरान राष्ट्रपति राष्ट्रपति जेलेंस्की को चार भीष्म क्यूब गिफ्ट किया। इनका उपयोग युद्ध में घायल आम जनता के साथ ही सैनिकों को तत्काल चिकित्सा सहायता पहुंचाने में किया जा सकता है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इसके लिए भारत को धन्यवाद दिया है। मालूम हो कि 36 छोटे चिकित्सा पैकेटों को मिलाकर एक मदर क्यूब और दो मदर क्यूब से एक भीष्म क्यूब बनाया जाता है।
कैसे बनता है भीष्म क्यूब?
इसके तहत दवाइयों, मरहम-पट्टी, इंजेक्शन आदि का एक छोटा 15 इंच का चिकित्सा पैकेट होता है। इस तरह के 36 छोटे चिकित्सा पैकेटों को मिलाकर एक मदर क्यूब बनाया जाता है और दो मदर क्यूब को मिलाकर एक भीष्म क्यूब बनाया जाता है।
दोनों देशों के बीच हुए चार समझौते
बाद में जब पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई, उसमें भी चिकित्सा व मेडिकल क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ाने को लेकर बात हुई है। दोनों देशों के बीच चार समझौते हुए हैं, जिनमें एक समझौता स्वास्थ्य व ड्रग्स को लेकर है। इससे भारतीय दवाइयों व चिकित्सा उपकरणों को यूक्रेन निर्यात करने की राह आसान होगी।
आर्थिक व प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग पर भी बनी बात
अन्य समझौते कृषि व खाद्य प्रसंस्करण, भारत की तरफ से सामुदायिक विकास के लिए यूक्रेन को अनुदान देने और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने को लेकर है। दोनों देशों के बीच आर्थिक व प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर भी सहमति बनी है। इस संबंध में भारत-यूक्रेन के बीच अंतर-सरकारी आयोग का गठन पहले ही हो चुका है और इसकी एक बैठक मार्च, 2024 में हुई थी।
यह आयोग कारोबार, वाणिज्य, औद्योगिक, संस्कृति, विज्ञान व तकनीकी क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बनाने और उनको लागू करने का काम करता है। इसकी अगली बैठक इस साल के अंत तक होगी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी बताया कि दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक में आपसी सहयोग से जुड़े मुद्दों के अलावा रूस से तेल खरीद का मुद्दा भी उठा।
सौजन्य : दैनिक जागरण
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