लुधियाना सिविल अस्पताल में 234 तरह की दवाएं, फिर भी मरीज बाहर से लाने पर मजबूर
04 अगस्त, 2022 – पंजाब सरकार जनता को निशुल्क व बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन ज्यादातर मरीजों तक इन सेवाओं का लाभ नहीं पहुंच रहा है। सिविल अस्पताल लुधियाना में आने वाले मरीजों को बाहर से दवाएं न खरीदनी पड़ें, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने करीब 234 तरह की दवाएं, इंजेक्शन और सर्जिकल सामान उपलब्ध करवाया है। इन दवाओं की लिस्ट अस्पताल में बनी डिस्पेंसरी के बाहर भी लगाई गई है।
इसके बावजूद अधिकतर मरीजों को मजबूरन बाहर से महंगी दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। मरीज की पर्ची पर आमतौर पर एक या दो दवाएं ऐसी लिखी जाती हैं जो कि डिस्पेंसरी में उपलब्ध नहीं होती। मजबूरी में मरीज को जेब ढीली कर बाहर से खरीदना पड़ता है। यह भी सामने आया है कि सिविल अस्पताल से डॉक्टरों की ओर से महंगी दवाओं की लिखी हुई पर्ची लगातार बाहर आती रहे, इसके लिए दवा कंपनियों के प्रतिनिधि और केमिस्ट शॉप संचालक पूरा दिन अस्पताल में मंडराते रहते हैं।
वहीं डिस्पेंसरी और ओटी स्टाफ कम पढ़े-लिखे व अंजान मरीजों को दवाएं खत्म होने का बहाना बनाकर बाहर से दवाएं लेने भेज देते हैं। सिविल अस्पताल से इलाज करवा रहे मरीजों ने बताया कि उनसे कॉटन और साफ्ट पैड जैसा जरूरी सामान भी बाहर से मंगवाया जा रहा है, जबकि ऐसी चीजें किसी छोटे से छोटे अस्पताल में भी उपलब्ध होती हैं। इससे सरकार की सभी कोशिशें बेकार साबित हो रही हैं, जबकि अस्पताल की एसएमओ और बाकी स्वास्थ्य अधिकारी सबकुछ जानते हुए भी अंजान बने हैं।
सिविल अस्पताल में दवाइयों की कमीं नहीं है। हमारे पास सभी जरूरी दवाइयां मौजूद हैं। हमारे डॉक्टर भी यही दवाइयां लिखने की कोशिश करते हैं। अगर कहीं पर कोई कमीं है तो हम उसे जल्द दूर करने की कोशिश करेंगे। – डॉ. दीपिका गोयल, एसएमओ, सिविल अस्पताल, लुधियाना।
सौजन्य : अमर उजाला
Patiala: माता कौशल्या अस्पताल में दवाओं की किल्लत, सिरिंज तक नहीं, मरीज उठा रहे परेशानी
पंजाब का प्रमुख जच्चा-बच्चा सरकारी माता कौशल्या अस्पताल इस समय दवाओं की किल्लत से जूझ रहा है। हालात ये हैं कि इस समय अस्पताल में सिरिंज तक उपलब्ध नहीं हैं। ज्यादातर दवाएं मरीजों को बाहर से लाने को कहा जा रहा है। गरीब मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि माता कौशल्या अस्पताल में रोजाना की 10-12 डिलीवरी होती हैं और यहां हरियाणा तक से भी डिलीवरी केस आते हैं। बावजूद इसके दवाओं की भारी कमी से मरीजों में काफी रोष है। माता कौशल्या अस्पताल को 245 तरह की दवाओं की सप्लाई की जाती है।
खास बात यह है कि इस समय अस्पताल में केवल 115 तरह की ही दवाएं उपलब्ध हैं। हालात ये हैं कि अस्पताल में सिरिंज तक मुहैया नहीं हैं। डिलीवरी के लिए आने वाली महिलाओं के तीमारदारों को जरूरी दवाओं के साथ-साथ सिरिंज तक बाहर दुकान से लाने को कहा जा रहा है। अस्पताल में कुछ समय पहले तक पैरासिटामॉल व एंटी बायोटिक दवाओं की भी कमी थी। हालांकि इनकी फिलहाल सप्लाई हो गई है।
एक महिला ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि उनकी बहू की डिलीवरी होनी है। दवाओं के साथ बाहर से सिरिंज तक लाने को लिखा है। सिरिंज तक अस्पताल में न मिलना सरकार के दावों की पोल खोलता है। इस संबंध में अस्पताल के कार्यकारी मेडिकल अधीक्षक डॉ. वरिंदर गर्ग ने माना कि अस्पताल में दवाओं की कमी है।
उन्होंने कहा कि दवाओं की सप्लाई के लिए पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन को लिखा गया है। उम्मीद है कि अगले 10 से 15 दिन में दवाओं की सप्लाई हो जाएगी। डॉ. गर्ग ने कहा कि तब तक मरीज केंद्र सरकार के जन औषधि केंद्र से भी दवाएं ले सकते हैं, वहां भी दवाएं सस्ती ही मिलती हैं।
सौजन्य : अमर उजाला
test