इकबाल सिंह लालपुरा
श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अंदर दर्ज हैं कि भगवान नानक रूप में इस संसार में समाए है!! गुरु पातशाह अपने आपको भगवान का सेवाकार बताते रहे!!
परमेश्वर के इस अवतार ने जीवन जीने की बेहतरीन राह का भी सपष्टीकरण किया!! जाहर पीर जगत गुरु बाबा सभी के लिए एक समान है और रहेंगे!!
श्री गुरु नानक देव ने समाज के सभी वर्गों, पुजारियों, साहूकारों, गरीबों, राजाओं और गणमान्य व्यक्तियों से बातचीत की और राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक क्षेत्रों में सर्वोत्तम मार्ग स्पष्ट किया!!
गुरु जी ने कोई विवाद नहीं किया, बल्कि एक संदेश बनाया और सत्य का मार्ग स्पष्ट किया !! जो नाराज था उसकी शिकायत मत करो, जवाब दो और उसे विषय पर वापस आने के लिए कहो !!
“पंजाब जीऊंदा गुरां दे ना ते” वाले राज्य में पिछले 60 सालों से अशान्ति फैली हुई है। कोई फैक्ट्री लगाने को तैयार नहीं, व्यापार में पैसा नहीं, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं ना बराबर ही हैं!!
एक पूरी पीढ़ी दोहरे आतंकवाद से गुजरी है और आज की पीढ़ी अपने काले भविष्य के कारण विदेशों का रुख कर चुकी है !!
क्या इस दिशा के लिए किसी ने जिम्मेदारी ली?
पंजाब के हर आर्थिक संसाधन की लूट सरकारी तंत्र कर रहा है!!
वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अभियान चलाकर हर दल राजनीतिक और आर्थिक लाभ पाने की कोशिश कर रहा है !!
कानून अच्छे हों या बुरे, भारत सरकार कृषि कानून बना सकती है या नहीं यह विधानसभाओं, लोकसभा और राज्यसभा की राय और न्यायिक समीक्षा की बात है !!
सबसे अहम मुद्दा है पंजाब में संवैधानिक संस्थाओं की नाकामी !!
यदि केंद्र सरकार कानून नहीं बना सकती तो राज्य सरकार और निर्वाचित प्रतिनिधि उच्च न्यायालय और विधानसभा में पारित इन विधेयकों पर कानूनी और संवैधानिक कार्रवाई क्यों नहीं करते?
दिल्ली में एक पार्टी ने पहले कानून लागू किया, फिर राजनीतिक लाभ के लिए इसे निरस्त कर दिया! पूछो, जरा पूछो भले इंसान से क्या तुम पहले सच्चे थे या अब?
पंजाब पर 273,000 करोड़ रुपये का कर्ज, कैसे माफ होगा कर्ज? क्या आप अपने घर से अन्य मुफ्त सामान लुटाओगे? क्या हमारी जूती हमारे सिर वाली बात करोगे?
मेरा विषय यह नहीं है , मैं तो चिंतित हूँ उस बूर्सा गर्दी से जिसने 172 साल पहले पंजाब को गुलाम बनाया था, जिसने पिछले 50 सालों से पंजाब को अफरातफरी में रखा है, वे तत्व जो धर्म को अफीम कहते थे और सरोवर को भरकर वहाँ अफीम की फसल बीजने की बात करते हैं, आज वे वेश बदल कर सिख पंथ के सलाहकार बन गए हैं, संचार का रास्ता छोड़कर विवाद के रास्ते पर चलते हुए, पंजाब में डंडे के जोर पर तख्तापलट की अपनी नीति, जिस ने चीन के मानवाधिकारों को खत्म कर सोवियत संघ को भी तोड़ दिया है, जैसे अराजकता वाले हालात पंजाब में पैदा कर रहे हैं।
एक साल के अंदर किसानों के हित में एक अच्छा कानून बनाकर तैयार कर देना चाहिए था !!
डर और अंधविश्वास का डर पैदा कर इंसानियत को कमजोर करते हैं, जो यहां हो रहा है, झूठ का ढेर सत्य के चाँद को ढँक रहा है !!
समस्या को हर स्तर पर विचार, सत्य और संचार के माध्यम से हल करना है, जिसके लिए सभी को काम करने की आवश्यकता है !!
वाहेगुरु जी की फतेह!!
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