RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत को शक्तिशाली और आर्थिक रूप से मजबूत बनने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कोच्चि में एक राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि दुनिया ताकत का सम्मान करती है। भागवत ने जोर दिया कि भारत को अपनी राष्ट्रीय पहचान को संरक्षित रखना चाहिए और भारत के रूप में पहचाने जाने पर गर्व करना चाहिए।
28 जुलाई, 2025 – नई दिल्ली : RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत को शक्तिशाली और आर्थिक रूप से मजबूत बनने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनिया सिर्फ आदर्शों का नहीं, बल्कि ताकत का भी सम्मान करती है।
राष्ट्रीय पहचान पर जोर देते हुए भागवत ने कहा कि “भारत” एक व्यक्तिवाचक संज्ञा है और इसका अनुवाद नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “इंडिया भारत है। यह सच है। लेकिन भारत भारत है। इसलिए, बातचीत, लेखन और भाषण में, चाहे वह व्यक्तिगत हो या सार्वजनिक, हमें भारत को भारत ही रखना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि किसी देश की पहचान को संरक्षित रखना जरूरी है ताकि उसका सम्मान हो।
उन्होंने कहा, “भारत की पहचान का सम्मान इसलिए है क्योंकि वह भारत है। अगर आप अपनी पहचान खो देते हैं, चाहे आपके कितने भी अच्छे गुण क्यों न हों, आपको इस दुनिया में कभी सम्मान या सुरक्षा नहीं मिलेगी। यही मूलमंत्र है।”
शिक्षा को लेकर क्या बोले आरएसएस प्रमुख?
RSS प्रमुख ने शिक्षा के उद्देश्य के बारे में भी विस्तार से बात की और कहा कि इससे व्यक्तियों को स्वतंत्र रूप से रहने और समाज में योगदान करने के लिए सक्षम बनाया जाना चाहिए। भारतीय शिक्षा त्याग और दूसरों के लिए जीना सिखाती है। उन्होंने कहा कि जो चीज स्वार्थ को बढ़ावा देती है उसे सच्ची शिक्षा नहीं कहा जा सकता।
दैनिक जागरण