एक्सपोर्ट ठप, पंजाब के किसानों में हाहाकार
अफगानिस्तान से दुश्मनी के चलते पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। सीमा बंद होने से आलू का निर्यात ठप हो गया है, जिससे घरेलू बाजारों में दाम 77% तक गिर गए हैं। किसानों को अपनी उपज की लागत भी नहीं मिल पा रही है, जिससे उनमें भारी आक्रोश है।
19 दिसम्बर, 2025 – कराची: पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से दुश्मनी मोल लेकर भारी गलती कर दी है। अब इसका खामियाजा पाकिस्तानी अवाम को भुगतना पड़ रहा है। लोग पहले ही फलों और सब्जियों की भारी कीमत अदा कर रहे हैं। अब पाकिस्तान में पैदा होने वाला आलू भी विदेशी बाजार न मिलने से देश में ही सड़ रहा है। अफगानिस्तान बॉर्डर बंद होने से पाकिस्तान के घरेलू बाजारों में आलू के दाम 70% से ज्यादा गिर गए हैं। पाकिस्तान अफगानिस्तान के रास्ते मध्य एशिया के कई बाजारों में आलू निर्यात करता था, लेकिन अब यह पूरी तरह से ठप है। इससे पंजाब के किसानों में गम और गुस्से का माहौल है।
अफगानिस्तान सीमा बंद होने से बढ़ा नुकसान
पाकिस्तान ने तालिबान के साथ हिंसक झड़पों के बाद अक्तूबर में उत्तर-पश्चिम में तोरखम और दक्षिण-पश्चिम में चमन बॉर्डर क्रॉसिंग बंद कर दिए थे। पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि अफगानिस्तान पर काबिज तालिबान उसके देश में हिंसक आतंकी घटनाओं में शामिल आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह मुहैया करा रहा है। हालांकि, तालिबान ने हमेशा इन आरोपों का खंडन किया है। इसके बावजूद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर कई बार जवाबी हमले किए हैं और बड़े पैमाने पर आम लोगों की हत्याएं की है। इसके बाद से ही दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।
आलू के दाम 77 परसेंट गिरे
ऑफिशियल डेटा के मुताबिक, जून में खत्म हुए पिछले फाइनेंशियल ईयर में युद्ध से जूझ रहे अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान का 750 मिलियन डॉलर से ज्यादा का ट्रेड सरप्लस था। ट्रेड के रुकने से हाल के हफ्तों में घरेलू बाजारों में आलू के दाम 77 परसेंट तक गिर गए हैं, जो एरिया और प्रोडक्शन के हिसाब से पाकिस्तान की सबसे बड़ी सब्ज़ी है।
पाकिस्तान में किसानों में आक्रोश
पाकिस्तान किसान इत्तिहाद (PKI) के प्रेसिडेंट खालिद महमूद खोखर ने कहा, “मार्केट के हालात बहुत खराब हैं क्योंकि इसकी सप्लाई ज्यादा है, जिससे नई फसल को खतरा है। आलू का 60 किलोग्राम का बैग, जो पहले Rs2,600 ($9.3) में बिकता था, अब उसके गोदाम के किराए Rs600 ($2.1) भी नहीं मिल पा रहा है।”
किसानों को नहीं मिल रही उपज की लागत
खोखर ने सरकार से अपील की कि वह अफगान सरकार के साथ बॉर्डर बंद होने के मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाए क्योंकि किसानों को भारी नुकसान हो रहा है, और उनकी उपज की लागत भी नहीं मिल पा रही है। PKI प्रेसिडेंट ने कहा, “अफ़गानिस्तान पाकिस्तानी आलू के लिए एक बड़ा मार्केट है।” “यह सेंट्रल एशियाई देशों के साथ-साथ रूस को हमारे एक्सपोर्ट के लिए एक ट्रांजिट देश भी है।”
नवभारत टाइम्स