राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने आपातकाल के दौरान संविधान पर हुए अत्याचारों की समीक्षा करने का प्रस्ताव रखा है। संघ के प्रमुख सुनील आंबेकर ने इस विषय पर खुली चर्चा की आवश्यकता जताई है।
05 जुलाई, 2025 – नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के संविधान में सेकुलर और सोशलिस्ट शब्द को लेकर दिए बयान के बाद अब फिर से संघ ने कहा है कि आपातकाल में संविधान के साथ क्या अत्याचार हुआ इस पर बहस होनी चाहिए। दत्तात्रेय के बयान को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि ‘दत्तात्रेय जी ने जो टिप्पणी की वह बहुत स्पष्ट है।
उन्होंने आपातकाल के 50 साल होने पर, आपातकाल में क्या क्या घटित हुआ, जैसे जेलों में लोगों पर अत्याचार हुआ, राजनीतिक तौर पर क्या बातें हुई, संविधान के साथ क्या अत्याचार हुआ… उन्होंने सभी प्रकार के अत्याचार का स्मरण किया है और निश्चित रूप से इन अत्याचारों पर चर्चा होनी चाहिए, उनमें से कौन सी बातों पर क्या करना चाहिए इस पर डिबेट होनी चाहिए। ये बात उन्होंने उठाई, उसे उसी अर्थ में लेना चाहिए’।
संघ पर विपक्षी दलों के अटैक को लेकर आंबेकर ने कहा कि संघ एक सामाजिक संगठन है और सब टीका टिप्पणी के साथ ही समाज से बड़ा वर्ग है जो संघ से जुड़ रहा है, संघ का समर्थन कर रहा है। जो सकारात्मक विषय उठाए हैं उनके साथ बहुत लोग जुड़ रहे हैं। लोग संघ को कैसे देख रहे हैं इससे यह स्पष्ट है। संघ को लेकर विपक्ष दलों के नेताओं के यह कहने पर कि संघ में ओबीसी और पिछड़ों की जगह नहीं है।
आंबेकर ने कहा कि संघ देश व्यापी सामाजिक संगठन है, संघ राजनीति दल की तरह काम नहीं करता। संघ जमीनी स्तर पर आर्गेनिक तरीके से अपने कार्यकर्ताओं द्वारा समाज से संपर्क करता हुआ जाता है। संघ की प्रक्रिया में पूरा समाज ही हमारी दृष्टि में है। यही कारण है कि संघ का काम इतना देशव्यापी हो रहा है। राजनीतिक तौर पर ये चर्चा रहती है… लेकिन संघ को बख्श दें। उन्होंने कहा कि संघ अपने तरीके से समाज के हर वर्ग के लोगों को जोड़ रहा है हर वर्ग से लोग इसमें शामिल हो रहे हैं।
शताब्दी वर्ष के खास कार्यक्रम
इस साल विजया दशमी को संघ के 100 साल पूरे हो जाएंगे और तब से लेकर अगली विजया दशमी तक संघ शताब्दी वर्ष मनाएगा। आंबेकर ने कहा कि शताब्दी वर्ष का उद्देश्य ही यही है कि कैसे पूरा समाज परिवर्तन के काम में सहभागी बने। 4 जुलाई से 6 जुलाई तक दिल्ली में अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक होनी है। उन्होंने कहा कि इस बैठक मे भी शताब्दी वर्ष पर बात होगी। देश भर में खंड, बस्ती के स्तर पर हिंदू सम्मेलन आयोजित होंगे। देश भर में हर स्तर पर विजयादशमी के उत्सव होंगे। घर घर जाकर भी संपर्क करेंगे। घर घर संपर्क का अभियान करीब 20 दिन चलेगा। सामाजिक सद्भाव बैठकें होंगी और युवाओं के लिए विशेष आउटरीच कार्यक्रम होंगे।
उन्होंने बताया कि संघ प्रमुख मोहन भागवत के दिल्ली, मुंबई, बैंगलुरू और कोलकाता में संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। क्या 2014 के बाद युवाओं का रुझान संघ की तरफ बढ़ा है, इस पर आंबेकर ने कहा कि संघ तो शुरू ही युवाओं से हुआ। संघ के संस्थापक ने जब शुरू किया उनके साथ युवा ही थै। बहुत सारे युवा लगातार संघ के साथ जुड़ रहे हैं।
सौजन्य : नवभारत टाइम्स
test