RSS का गठन, प्रतिबंध और बाबरी विध्वंस… राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने 100 साल पूरे करने वाला है। डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में इसकी स्थापना की। यह भारत का सबसे बड़ा सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन बना। संघ ने कई उतार-चढ़ाव देखे। महात्मा गांधी की हत्या और आपातकाल के दौरान इस पर प्रतिबंध लगा। भाजपा जैसी पार्टियों का गठन भी संघ की प्रेरणा से हुआ।
03 अक्टूबर, 2025 – नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS ) गुरुवार को अपने 100 साल पूरे करने वाला है और अपनी स्थापना के बाद से इसने सबसे बड़ा सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन बनने तक एक लंबा सफर तय किया है। जानते हैं RSS के पिछले 100 सालों का इतिहास कैसा रहा…
1925: डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 27 सितंबर को RSS की स्थापना की।
1926: 17 अप्रैल को संगठन को ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ नाम मिला जब हेडगेवार के अनुयायियों के एक छोटे समूह ने चार प्रस्तावित नामों में से इस नाम को सबसे ज्यादा वोट दिए।
1926: पहली नित्य शाखा नागपुर में 28 मई से शुरू हुई।
1927: पदाधिकारियों का पहला प्रशिक्षण शिविर मई में शुरू हुआ जिसमें 17 प्रतिभागी शामिल हुए।
1928: मार्च में पहले प्रतिज्ञा समारोह में 99 स्वयंसेवक शामिल हुए।
1929: नवंबर में हुई दो दिवसीय बैठक में हेडगेवार को RSS सरसंघ चालक, बालाजी हुद्दार को सरकार्यवाह और मार्तंडराव जोग को सरसेनापति नियुक्त किया गया।
1930: कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज की घोषणा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। हेडगेवार ने सभी शाखाओं को 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का निर्देश दिया।
हेडगेवार ने कई स्वयंसेवकों के साथ जंगल सत्याग्रह में भाग लिया और गिरफ्तार हुए। खाकी टोपी के स्थान पर काली टोपी को RSS के गणवेश के हिस्से के रूप में अपनाया गया।
1940: ब्रिटिश सरकार ने संघ गणवेश और रूट मार्च पर प्रतिबंध लगा दिया। हिंदी और मराठी प्रार्थना के स्थान पर संस्कृत प्रार्थना शुरू की गई। हेडगेवार का 21 जून को निधन हो गया। माधव सदाशिव गोलवलकर को तीन जुलाई को RSS का दूसरा सरसंघचालक नियुक्त किया गया।
1947: RSS स्वयंसेवकों ने केन्या में भारतीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। ‘ऑर्गनाइजर’ और ‘पांचजन्य’ साप्ताहिक पत्रिकाएं शुरू की गईं।
1948: 30 जनवरी को महात्मा गांधी की हत्या के बाद RSS पर प्रतिबंध लगा दिया गया। तत्कालीन RSS प्रमुख माधव सदाशिव गोलवलकर और हजारों स्वयंसेवकों को गिरफ्तार कर लिया गया।
1949: सरकार ने 12 जुलाई 1949 को प्रतिबंध हटा लिया। संघ का संविधान तैयार किया गया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की स्थापना की गई।
1950: RSS की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था, अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की पहली बैठक मार्च में हुई। पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों की मदद के लिए वास्तुहारा सहायता समिति की स्थापना की गई।
1952: गोरक्षा आंदोलन का प्रारंभ। वनवासी कल्याण आश्रम प्रारंभ। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में भारतीय जनसंघ की स्थापना।
1954: दादरा नगर हवेली को पुर्तगालियों के कब्जे से मुक्त कराने में स्वयंसेवकों ने मदद की।
1955: गोवा मुक्ति संग्राम में स्वयंसेवकों की प्रभावी सहभागितता। भारतीय मजदूर संघ की स्थापना।
1963: 26 जनवरी को दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में आमंत्रण मिलने पर लगभग 3000 RSS स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश और बैंड के साथ भाग लिया।
1964: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की स्थापना हुई।
1973: पांच जून को माधव सदाशिव गोलवलकर का निधन हो गया। छह जून को बालासाहब देवरस तृतीय सरसंघचालक बने।
1975: इंदिरा गांधी सरकार ने 25 जून को आपातकाल लागू कर दिया। चार जुलाई को RSS पर दूसरी बार प्रतिबंध लगा दिया गया। बालासाहब को गिरफ्तार कर लिया गया। आपातकाल के विरुद्ध संघर्ष हेतु अखिल भारतीय लोक संघर्ष समिति की स्थापना की गई।
1977: भारतीय जनसंघ का नवगठित जनता पार्टी में विलय हो गया और वह सत्ता में आई। सरकार ने 22 मार्च को संघ पर से प्रतिबंध हटा लिया। जयप्रकाश नारायण ने 3 नवंबर को पटना में RSS की बैठक को संबोधित किया।
1978: दीनदयाल शोध संस्थान की स्थापना हुई।
1980: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गठन हुआ।
1981: संस्कार भारती की स्थापना हुई।
1992: अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद 10 दिसंबर को केंद्र ने RSS पर तीसरी बार प्रतिबंध लगा दिया।
1993: सरकार द्वारा नियुक्त न्यायाधिकरण ने चार जून को संघ पर प्रतिबंध को गलत ठहराते हुए इसे निरस्त किया। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद का गठन।
1994: 11 मार्च प्रो. राजेंद्र सिंह उर्फ रज्जूभैय्या सरसंघचालक घोषित हुए। संघ के अखिल भारतीय सेवा विभाग का प्रारंभ। लघु उद्योग भारती का गठन।
1998: भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने केंद्र में सरकार बनाई, जिसके प्रधानमंत्री RSS के पूर्व प्रचारक अटल बिहारी वाजपेयी थे।
2000: के.एस. सुदर्शन को 11 मार्च को RSS का पांचवां सरसंघचालक नियुक्त किया गया।
2009: के.एस. सुदर्शन ने डॉ. मोहन भागवत को संघ का अगला सरसंघचालक नियुक्त किया। सुरेश भैयाजी जोशी संघ के सरकार्यवाह चुने गए।
2016: RSS ने स्वयंसेवकों की वर्दी के लिए खाकी निकर की जगह भूरे रंग की पतलून को अपनाया।
2021: दत्तात्रेय होसबोले RSS के सरकार्यवाह चुने गए।
नवभारत टाइम्स