ट्रंप से क्या मांगने पहुंचे PAK वायुसेना प्रमुख?
पाकिस्तान चीनी हथियारों के विफल प्रदर्शन के बाद अमेरिकी हथियारों की तलाश में है। वायु सेना प्रमुख जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने अमेरिका की यात्रा की जो एक दशक में पहली ऐसी यात्रा है। पाकिस्तान एफ-16 लड़ाकू विमानों और वायु रक्षा प्रणालियों के साथ-साथ हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को हासिल करना चाहता है।
नई दिल्ली : गत मई में भारत के साथ संघर्ष के दौरान चीनी हथियारों के फुस्स होने के बाद पाकिस्तान अब अमेरिका की शरण में पहुंच गया है। उसकी नजर अमेरिकी लड़ाकू विमानों, वायु रक्षा प्रणालियों और मिसाइलों पर है, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीनी हथियारों और रक्षा प्रणाली पर आश्रित पाकिस्तान को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी।
पाकिस्तान के वायु सेना प्रमुख जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने इसी मंशा के साथ अमेरिका की यात्रा की। पिछले एक दशक में किसी पाकिस्तानी वायुसेना प्रमुख की यह पहली अमेरिका यात्रा है।
कुछ हफ्ते पहले पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने भी अमेरिका का दौरा किया था। 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने गत सात मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और गुलाम जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। इसके बाद दोनों के बीच संघर्ष बढ़ गया था और दस मई को संघर्ष विराम हुआ था।
पाक वायु सेना प्रमुख ने अमेरिकी सैन्य अधिकारियों से की बात
पाकिस्तानी वायु सेना ने बुधवार को एक बयान में कहा,’पाकिस्तानी वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने अमेरिका की आधिकारिक यात्रा की। यह एक दशक से अधिक समय में वायु सेना के किसी भी सेवारत प्रमुख की पहली यात्रा है। इससे द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और परस्पर हितों को बढ़ावा मिलेगा।’ जहीर ने यात्रा के दौरान जनरल डेविड एल्विन और वायु सेना प्रमुख समेत शीर्ष अमेरिकी सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं।
इन अमेरिकी हथियारों पर है नजरसूत्रों के अनुसार, चीनी हथियारों की विश्वसनीयता को लेकर उपजी चिंता के बीच पाकिस्तान अपनी वायु सेना के आधुनिकीकरण के लिए अमेरिका के एफ-16 लड़ाकू विमानों और वायु रक्षा प्रणालियों को हासिल करना चाहता है। पाकिस्तान हवा से हवा में मार करने वाली एआइएम-7 स्पैरो मिसाइलों और अमेरिका निर्मित हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम की बैटरियों को भी हासिल करने के प्रयास में है।
ये चीनी हथियार हो गए थे फुस्स ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की मिसाइलों और ड्रोन के आगे पाकिस्तान की चीनी रक्षा प्रणालियां काम नहीं आई थीं। चीन निर्मित एचक्यू-9पी और एचक्यू-16 मिसाइल रक्षा प्रणालियों को तबाह कर दिया था। इसके अलावा भारतीय सेना ने पीएल-15 मिसाइल को भी मार गिराया था। यह हवा से हवा में मारने वाली चीन की उन्नत मिसाइलों में एक है।
सौजन्य : दैनिक जागरण
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