शाम ढलते ही चोरों का राज; कहां सोया प्रशासन?
तरनतारन में पुरानी कचहरी, जो कभी इंसाफ का केंद्र थी, अब नशेड़ियों का अड्डा बन गई है। शाम होते ही यहाँ असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगता है और चोरी की वारदातें बढ़ जाती हैं। वकीलों के कमरों में भी चोरी हो रही है, जिससे स्थानीय लोग चिंतित हैं। पुलिस गश्त करने का दावा कर रही है, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं दिख रहा है।
10 दिसम्बर, 2025 – तरनतारन : थाना सिटी तरनतारन समीप पुरानी कचहरी में करीब 15 वर्ष पहले विभिन्न अदालतें लगती थीं, जहां पर पहले इंसाफ मिलता था, लेकिन अब वीरान पड़ी इन इमारतों में शाम होते ही नशेड़ियों का जमावड़ा लग जाता है।
आसपास के क्षेत्र में चोरी की वारदातें भी हो रही हैं। कुल मिलाकर भूत बंगला बन रही पुरानी कचहरी गैर-समाजिक लोगों लिए किसी वरदान से कम नहीं।
देश की आजादी से पहले जिस जगह पर तहसील होती थी, उस इमारत को कंडम करार देने के बाद यहां थाना सिटी बना दिया गया। जिसकी इमारत पूरी तरह से कंडम घोषित की जा चुकी है, लेकिन पुलिस प्रशासन के पास थाना किसी और जगह तबदील करने लिए इमारत नहीं है।
नतीजन खंडर इमारत के एक हिस्से को मरम्मत करके यहां काम चलाया जा रहा है। थाना के साथ वाली पुरानी कचहरी में करीब 80 कमरे होते थे। जबकि तीन अदालतें भी लगाई जाती थीं।
बाद में बीडीपीओ की इमारत में भी दो से तीन अदालतें लगाई जाने लगीं। वर्ष 2006 में तरनतारन को जिला घोषित किया गया। वर्ष 2012-13 में सभी अदालतें जिला प्रबंधकीय काम्पलेक्स के साथ बनाए गए अदालती काम्पलेक्स में शिफ्ट कर दी गईं।
नतीजन सभी वकील भी यहां कूच करके अदालती काम्पलेक्स में चले गए। अब यहां डाकूमेंट राइटर, नोटरी टैस्ट व चुनिंदा वकील ही बैठते हैं। बाकी सारी पुरानी कचहरी वीरान हो चुकी है।
जहां वर्षों तक अदालतों में जहां इंसाफ मिलता रहा, वहां शाम होते ही नशेड़ियों का जमावड़ा लग जाता है। एक ही सुई से कई लोग नशे का टीका लगाते हैं तो कई नशेड़ी यहां पर बैठकर चिट्टे का कश लगाते हैं। आए दिन वकीलों के खाली पड़े कमरों के ताले तोड़ दिए जाते हैं।
एडवोकेट एनपी सिंह मनचंदा का कहना है कि थाना सिटी के साथ लगती पुरानी कचहरी में चोरी की अक्सर वारदातें होती हैं, लेकिन पुलिस रपट दर्ज करने तक सीमित रहती है।
थाना सिटी पास होने के बावजूद यहां नशेड़ियों का जमावड़ा लगना चिंता का विषय है। मनचंदा ने बताया कि उनके भी यहां शटर तोड़कर चोरी हो चुकी है, लेकिन अभी तक चोरों का सुराग नहीं लगा।
डीएसपी सुखबीर सिंह का कहना है कि पुरानी कचहरी वाली इमारत के साथ ही थाना सिटी है। यहां पर रात को पुलिस की पीसीआर टीमें राउंड करती हैं।
इमारत के भीतर नशेड़ी अगर आते हैं तो स्थानीय लोगों को चाहिए कि पुलिस को शिकायत करें। फिर भी सुरक्षा व्यवस्था के मामले में लगातार सख्ती बरती जा रही है। चोरी की वारदातों को रोकने लिए पुलिस गंभीर है।
दैनिक जागरण