“वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में एकात्म मानव दर्शन” विषय पर होगा राष्ट्रीय विमर्श
05 दिसम्बर, 2025 – चण्डीगढ़ : पंचनद शोध संस्थान अपने 32वें वार्षिक व्याख्यान का आयोजन आगामी 7 दिसम्बर 2025, रविवार को प्रातः 11:30 बजे राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसन्धान संस्थान, चण्डीगढ़ के सहयोग से NITTTR के सभागार में आयोजित करने जा रहा है। डॉ. भोला राम गुर्जर, निदेशक, एनआईटीटीटीआर चंडीगढ़ ने इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहन प्रदान किया। एनआईटीटीटीआर चंडीगढ़ के डॉ. नीरज बाला और प्रोफेसर प्रमोद कुमार सिंगला ने कार्यक्रम के समन्वयक के रूप में पंचनद को महत्वपूर्ण सहयोग दिया।

इस वर्ष के पंचनद व्याख्यान का विषय “वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में एकात्म मानव दर्शन” है। व्याख्यान में विश्व समुदाय के समक्ष उपस्थित आर्थिक विषमता, सांस्कृतिक संघर्ष, पर्यावरणीय संकट और तकनीकी असंतुलन जैसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों पर भारतीय दृष्टि से समाधान तलाशने का एक महत्वपूर्ण प्रयास होगा। एकात्म मानव दर्शन को आज के संदर्भ में मानव–केन्द्रित, संतुलित और स्थायी विकास मॉडल के रूप में देखा जा रहा है, इस व्याख्यान में इसी पर गंभीर विमर्श किया जाएगा।
व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में प्रख्यात विचारक और पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. महेश चन्द्र शर्मा उपस्थित रहेंगे, जो एकात्म मानव दर्शन अनुसन्धान एवं विकास संस्थान के अध्यक्ष भी हैं। डॉ. शर्मा एकात्म मानव दर्शन के मूल सिद्धांतों को वर्तमान की भू-राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों से जोड़ते हुए एक समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे। व्याख्यान की अध्यक्षता पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा के कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी करेंगे। प्रो. तिवारी का अकादमिक नेतृत्व इस वैचारिक गोष्ठी को शैक्षणिक और शोध-आधारित दिशा प्रदान करेगा।
इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू–कश्मीर सहित उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से 500 से अधिक बुद्धिजीवियों के शामिल होने की संभावना है, जिनमें विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, शोधार्थी, शिक्षक, वकील, चार्टर्ड एकाउंटेंट, पत्रकार, समाजसेवी, नीति निर्माता और सामाजिक विषयों में रुचि रखने वाले बुद्धिजीवी शामिल होंगे। यह आयोजन उत्तर क्षेत्र के बौद्धिक समुदाय के लिए विचारों के आदान-प्रदान और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर आम सहमति बनाने का एक महत्वपूर्ण मंच सिद्ध होगा।
मनदीप कुमार अग्रवाल, पंजाब समन्यवक ने बताया कि सन् 1984 में चण्डीगढ़, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू–कश्मीर और दिल्ली के प्रमुख बुद्धिजीवियों द्वारा स्थापित पंचनद शोध संस्थान, पिछले चार दशकों से राष्ट्रीय और समसामयिक विषयों पर सतत संवाद, गहन शोध और गुणवत्तापूर्ण प्रकाशन का कार्य सफलतापूर्वक करता आ रहा है। वर्तमान में अपने 45 अध्ययन केन्द्रों के माध्यम से यह संस्थान प्रतिमाह विचार–गोष्ठियों का आयोजन करता है, जो क्षेत्रीय समस्याओं से लेकर राष्ट्रीय नीतियों तक विभिन्न आयामों को छूती हैं। संस्थान अब तक 31 सफल वार्षिक व्याख्यान आयोजित कर चुका है, इसी श्रृंखला में यह 32वाँ व्याख्यान है।