इस साल 495 मामलों की पुष्टि; ये शहर सबसे ज्यादा प्रभावित
पंजाब में चिकनगुनिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, इस साल 495 मामलों की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बाढ़ के कारण जल-जमाव से मच्छरों का प्रजनन बढ़ा है। संगरूर, बरनाला और पटियाला में सबसे अधिक मामले रिपोर्ट हुए हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जागरूकता की कमी के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
24 नवम्बर, 2025 – जालंधर\अमृतसर : पंजाब में चिकनगुनिया के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। राज्य में अब तक 495 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस साल सामने आए मामले पिछले वर्ष की तुलना में दोगुने से भी अधिक हैं।
इस बार संक्रमण के फैलाव में एक बड़ा कारण राज्य में इस वर्ष आई बाढ़ मानी जा रही है। बाढ़ के बाद बने जल-जमाव ने मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पानी के ठहराव और साफ-सफाई में आई कमी के कारण एडिज़ मच्छर की संख्या तेज़ी से बढ़ी, जिस कारण चिकनगुनिया और डेंगू जैसे मच्छरजनित रोगों के मामले लगातार बढ़ते चले गए।
इस वर्ष संगरूर, बरनाला और पटियाला में सर्वाधिक मामले रिपोर्ट हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग के आँकड़ों के अनुसार संगरूर में 113 केस, बरनाला में 104, पटियाला में 74 केस रिपोर्ट हुए हैं। अमृतसर में इस बार चिकनगुनिया के 16 मरीज़ रिपोर्ट हुए हैं।
इसके अलावा लुधियाना, फरीदकोट, साहिब, फिरोजपुर, होशियारपुर और जालंधर में भी मामलों की संख्या बढ़ रही है। संगरूर और बरनाला जिले पिछले कई वर्षों से मच्छरजनित रोगों के हार्टस्पॉट रहे हैं। इस वर्ष बाढ़ के बाद बने जल-जमाव ने इन क्षेत्रों को प्रभावित किया।
| वर्ष (Year) | केसों की संख्या (Number of Cases) | नोट्स (Notes) |
| 2020 | 32 | आधार वर्ष |
| 2021 | 118 | पिछले वर्ष से वृद्धि |
| 2022 | 224 | निरंतर वृद्धि जारी |
| 2023 | 2,072 | सर्वाधिक मामले |
| 2024 | 221 | मामलों में गिरावट |
| 2025 | 495 | वर्तमान वर्ष के मामले |
प्रदेश में चिकनगुनिया के मामलों के 5 वर्षों के आंकड़े
सिविल सर्जन डॉ. भारती धवन का कहना है कि विभाग लोगों को जागरूक करने के साथ फॉगिंग व मच्छर मार दवा का छिड़काव भी कर रहा है। लोग अपने घर और आसपास की जगहों को साफ रखें। पानी जमा न होने दें व मच्छर रोधी उपाय अपनाएं।
ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता व्यवस्था कमजोर होने के कारण परिस्थितियां और बिगड़ गई हैं। चिकनगुनिया के बढ़ते मामलों के साथ अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। कई मरीज गंभीर जोड़ों के दर्द और बुखार से पीड़ित हैं, जिनके लिए लंबे समय तक आराम और दवा का आवश्यकता पड़ती है।
ग्रामीण और शहरी दोनों इलाको में अभी भी लोगों में पर्याप्त जागरूकता का अभाव दिखाई देता है। घरों में खुली बरनी, कूलरों और छतों पर जमा पानी को समय-समय पर खाली नहीं किया जा रहा, जिस कारण मच्छर तेजी से पनप रहे हैं।
डॉ. सरबजीत सिंह ने बताया कि बाढ़ के बाद साफ-सफाई और जल निकासी की धीमी गति ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया। कई इलाको में पानी के निकास की व्यवस्था कमजोर होने के कारण हफ्तों तक पानी जमा रहा, जिससे मच्छरों के लिए प्रजनन स्थलों की संख्या बहुत बढ़ गई।
एडिज एजिप्ती नामक मच्छर साफ और ठहरे हुए पानी में पनपता है, और इस मौसम में उसकी संख्या में कई गुना बढ़ौतरी दर्ज की गई है।
दैनिक जागरण