ग्रामीण क्षेत्रों में 18.4% से घटकर 2.8% हुई
26 अप्रैल, 2025 – नई दिल्ली : वर्ल्ड बैंक की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2011 से 2022-23 के बीच 17.1 करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी (2.15 डॉलर प्रतिदिन से कम खर्च करने वालों) से बाहर निकाला है। इस दौरान देश की अत्यधिक गरीबी दर 16.2% से घटकर मात्र 2.3% रह गई।
वर्ल्ड बैंक ने भारत की गरीबी उन्मूलन और रोजगार क्षेत्र में प्रगति की जमकर सराहना की है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने 17 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है, जो वैश्विक स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि है। इसके साथ ही, भारत में रोजगार की वृद्धि दर अब देश की कार्यशील उम्र की जनसंख्या से भी तेज हो गई है, जो किसी भी विकासशील देश के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
वर्ल्ड बैंक की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2011 से 2022-23 के बीच 17.1 करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी (2.15 डॉलर प्रतिदिन से कम खर्च करने वालों) से बाहर निकाला है। इस दौरान देश की अत्यधिक गरीबी दर 16.2% से घटकर मात्र 2.3% रह गई। इससे भारत न केवल लोअर-मिडल इनकम कैटेगरी में आया, बल्कि वैश्विक गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में अग्रणी बनकर उभरा। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी 18.4% से घटकर 2.8% और शहरी क्षेत्रों में 10.7% से घटकर 1.1% हो गई, जिससे ग्रामीण-शहरी अंतर केवल 1.7% रह गया है। 3.65 डॉलर प्रतिदिन के मापदंड पर, गरीबी दर 61.8% से गिरकर 28.1% हुई और 37.8 करोड़ लोग इससे बाहर निकले।
यूपी समेत पांच राज्यों में तेजी से घटी गरीबी
सबसे ज्यादा गरीबी पांच सर्वाधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में घटी है। वर्ष 2011-12 में देश के 65 प्रतिशत अत्यंत गरीब इन्हीं राज्यों मे थे। वर्ष 2022-23 तक अत्यंत गरीबी में होने वाली समग्र गिरावट में इनका योगदान दो-तिहाई रहा।
शहरी बेरोजगारी घटकर 6.6% पर पहुंची
2021-22 से रोजगार वृद्धि की दर कार्यशील उम्र की आबादी से अधिक रही है। शहरी बेरोजगारी घटकर 7.8 फीसद से 6.6% (वित्तवर्ष 24-25 की पहली तिमाही) पर आ गई, जो 2017-18 के बाद सबसे कम है। महिलाओं की भागीदारी और स्वरोजगार में भी इजाफा देखा गया है। हालांकि, युवा बेरोजगारी दर अभी भी 13.3% बनी हुई है और उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं में यह 29% तक है।
सौजन्य : अमर उजाला
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