30 अप्रैल, 2025 – जालंधर (पंजाब) : कनाडा में हो रहे आम चुनाव में खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह की हार हुई है। जगमीत सिंह खुद भी अपनी सीट हार गया है। उनकी पार्टी को कुल 12 सीटें ही मिली हैं।
कनाडा चुनाव में भारत के साथ पंगा लेने वाला खालिस्तानियों के आका जगमीत सिंह की पार्टी एनडीपी की करारी हार हुई है। कनाडा की जनता ने जस्टिन ट्रूडो के खालिस्तानी यार जगमीत सिंह को उसकी औकात दिखा दी है। इतना ही नहीं जगमीत सिंह खुद भी हार गया है। वह अपनी सीट तक बचाने में सफल नहीं हो पाया। चुनाव में मुंह की खाने के बाद जगमीत सिंह ने एनडीपी के प्रधान पद से भी इस्तीफा दे दिया है।
जगमीत सिंह ने कहा कि चुनाव की रात को करारी हार झेलने, अपनी सीट गंवाने और अपनी पार्टी को संभवतः एक अंक की सीट पर सिमटते देखने के बाद वह एनडीपी नेता के पद से इस्तीफा दे रहे हैं।खालिस्तान हिमायती सिंह बर्नबी, बीसी में समर्थकों की भीड़ को संबोधित करने के लिए मंच पर आए, तो वह 20 प्रतिशत से भी कम वोटों के साथ अपने निर्वाचन क्षेत्र में तीसरे स्थान पर थे, जो कंजर्वेटिव और लिबरल दोनों उम्मीदवारों से पीछे थे।
जगमीत सिंह ने कहा कि जाहिर है, मैं निराश हूं कि हम और सीटें नहीं जीत पाए। लेकिन मैं अपने आंदोलन से निराश नहीं हूं। मैं अपनी पार्टी के लिए आशावान हूं, मुझे पता है कि हम हमेशा डर के बजाय आशा और निराशा के बजाय आशावाद और नफरत के बजाय एकता को चुनेंगे।
जालंधर मूल के मनिंदर मैनी सिद्धू तीसरी बार सांसद बने
लिबरल पार्टी के मनिंदर सिद्धू ब्रैम्पटन ईस्ट में तीसरी बार फिर से चुने गए हैं। 2019 में पहली बार चुने गए सिद्धू ने 29 अप्रैल को 1:40 बजे तक 170 में से 160 पोल रिपोर्ट के साथ 19,883 वोट या 49.1 प्रतिशत मत प्राप्त किए। ब्रैम्पटन में डीयरहर्स्ट ड्राइव पर स्पेरंजा बैंक्वेट हॉल में अपनी चुनावी रात की पार्टी में एक साक्षात्कार में सिद्धू ने कहा कि ब्रैम्पटन ईस्ट के निवासियों ने मुझ पर भरोसा किया है कि वे मुझे और अधिक काम करने के लिए संसद में वापस भेजेंगे। मैं अपने मतदाताओं से जो सुनता हूं वह यह है कि वे (लिबरल पार्टी के नेता) (मार्क) कार्नी के (यूएस) राष्ट्रपति (डोनाल्ड) ट्रम्प के सामने खड़े होने, टैरिफ पर वापस लड़ने और ब्रैम्पटन ईस्ट में हमारे उद्योग और हमारी अर्थव्यवस्था को वास्तव में बढ़ाने के दृष्टिकोण में विश्वास करते हैं।
पंजाबी युवाओं के लिए मदद जारी रहेगी
कैबिनेट में सेवा न देने के बावजूद, सिद्धू ने 2021 से तीन अलग-अलग कैबिनेट मंत्रियों के संसदीय सचिव के रूप में कार्य किया है, हाल ही में सितंबर 2023 से मार्च 2025 तक अंतरराष्ट्रीय व्यापार और आर्थिक विकास मंत्री थे उन्होंने पार्लियामेंट हिल पर अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न समितियों में भी काम किया, जिसमें प्राकृतिक संसाधनों पर स्थायी समिति और परिवहन, बुनियादी ढांचे और समुदायों पर स्थायी समिति शामिल हैं। शुक्रवार को एक साक्षात्कार में, सिद्धू ने कहा कि अर्थव्यवस्था सवारी में शीर्ष मुद्दा है, उसके बाद सामर्थ्य और अपराध हैं। उनहोंने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि यह पंजाब के लोगों की जीत है। उनका पंजाब के युवाओं के प्रति मदद व योजना आगे भा जारी रहेगी।
सौजन्य : अमर उजाला
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