पार्टी को सताने लगा ये बड़ा डर
चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी ने पूर्व मंत्री अनमोल गगन मान को मनाकर 24 घंटे के राजनीतिक संकट को समाप्त किया। गगन मान के इस्तीफे के बाद पार्टी को डर था कि अन्य विधायक भी ऐसा कर सकते हैं जिससे सरकार खतरे में आ सकती है। अरविंद केजरीवाल के हस्तक्षेप से अनमोल ने इस्तीफा वापस ले लिया। पार्टी पहले ही सात मंत्रियों को हटा चुकी है।
चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं खरड़ से विधायक अनमोल गगन मान को मनाकर 24 घंटे तक चले राजनीतिक ड्रामा का पटाक्षेप कर दिया। गगन मान ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद पार्टी के सारे तंत्र सक्रिय भूमिका में आ गए थे।
पार्टी को चिंता सता रही थी कि गगन मान के इस्तीफे से प्रभावित होकर कुछ और विधायक न उनका अनुसरण कर लें। उस स्थिति में सरकार की स्थिति बेहद दयनीय हो जाती क्योंकि आम आदमी पार्टी पंजाब की सरकार को लेकर ही देश की राजनीति में अपना भविष्य तलाश रही है।
यही कारण है कि पार्टी के कन्वीनर अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर प्रदेश प्रधान अमन अरोड़ा ने तुरंत डैमेज कंट्रोल किया और अनमोल गगन मान ने अपना इस्तीफा वापस लेने की घोषणा कर दी।
आम आदमी पार्टी के अंदर काफी कश्मकश चल रही है। पार्टी पहले ही सात मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर कर चुकी है। इसी माह 3 जुलाई को पार्टी ने कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल का इस्तीफा ले लिया था जबकि इससे पहले 6 मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है जिसमें अनमोल गगन मान का नाम भी शामिल है।
पार्टी में पहले से यह बात चल रही है कि जहां-जहां उपचुनाव हो रहे हैं, वहां के विजेता को कैबिनेट का रैंक मिल रहा है। जालंधर उपचुनाव जीतने पर मोहिंदर भगत को मंत्री बनाया गया तो लुधियाना से संजीव अरोड़ा के जीतने के बाद उन्हें कैबिनेट में स्थान दिया गया। अब तरनतारन में उपचुनाव होना है। इससे पहले साथ लगते जिले अजनाला से कुलदीप सिंह धालीवाल का पार्टी ने इस्तीफा ले लिया।
वहीं, कैबिनेट से हटाए जाने के बाद से ही अनमोल गगन मान पार्टी के कटी-कटी नजर आ रही थीं। 10 जुलाई से हुए विधानसभा के विशेष सत्र में भी वह हाउस में दिखाई नहीं दीं।
वहीं, पार्टी में भी वह हाशिये पर आ गई थीं। ऐसे में शिअद के नेता रंजीत सिंह गिल ने पार्टी से इस्तीफा दिया। गिल 2022 में मान से खरड़ विधानसभा सीट हार गए थे। अनमोल गगन को लगा कि वह आप में शामिल होंगे जिससे उन्होंने विधायक पद से इस्तीफे की घोषणा कर दी।
वहीं, पार्टी अनमोल के इस कदम को लेकर बिल्कुल भी तैयार नहीं थी। पार्टी की चिंता इसलिए भी बढ़ गई कि कहीं अनमोल का इस्तीफा पार्टी में विस्फोटक की स्थिति न पैदा कर दे क्योंकि इससे पहले जालंधर पश्चिमी से आप के विधायक शीतल अंगुराल ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था।
हालांकि उपचुनाव में आप ने यह सीट दोबारा जीत ली थी। तब सरकार के कार्यकाल को पूरे तीन वर्ष पड़े थे जबकि अब मात्र डेढ़ वर्ष का समय रह गया है। ऐसे में पार्टी यह नहीं चाहती कि यह संदेश जाए कि आप अपने विधायकों को संभाल नहीं पा रही है।
युवा जल्दी भावुक हो जाते हैं: सीएम
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि युवा लड़के-लड़कियां जल्द ही भावुक हो जाते हैं और जज्बाती होकर फैसला ले लेते हैं।
सौजन्या : दैनिक जागरण