चैरिटी के नाम धर्मांतरण का इंतजाम, बनाना चाहता है आतंक का गढ़
01 अगस्त, 2025 – Bangladesh Mosque in Nepal: इस वक्त बांग्लादेश कोपाकिस्तान ने अपना दूसरा बेस बना रखा है। वो इस देश का इस्तेमाल अपने आतंकवादी मंसूबों को पूरा करने के लिए कर रहा है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की एक और साजिश उजागर हो रही है। ISI कथित तौर पर बांग्लादेश के कट्टरवादी संगठन अल-हाज समसुल हक फाउंडेशन के जरिए नेपाल में मस्जिदों का निर्माण करा रही है। वैसे तो ये चैरिटी फाउंडेशन है, लेकिन इसका असल मकसद नेपाल में धर्मांतरण कराना है, जैसा वो भारत में करता आया है।
इस तरह की गतविधियों के जरिये पाकिस्तान नेपाली हिंदू समुदाय में धर्म परिवर्तन को बढ़ावा देकर उन्हें मुस्लिम बनाना चाहता है। वो मस्जिदों के निर्माण के जरिये उन आतंकवादियों को आश्रय देना चाहता है, जो उसके लिए काम करें और धर्म परिवर्तन कराने वाले नेक्सस का हिस्सा बनें। इस काम में वो बांग्लादेश से मदद ले रहा है और यूनुस सरकार इस पर मूक सहमति दे रही है।
क्या है अल-हाज समसुल हक फाउंडेशन?
यह संगठन पहले बांग्लादेश में इस्लाम प्रचारक NGO के रूप में सक्रिय था, लेकिन अब इसकी गतिविधियां नेपाल तक फैल गई हैं। संगठन ने विराटनगर के पास रज्जाक मस्जिद की नींव रखी है और दावा किया है कि नेपाल के लगभग 15 फीसदी लोगों को यह मस्जिद इस्लाम की ओर प्रेरित कर सकती है। संगठन के मुताबिक नेपाल में इस्लाम के प्रचार के लिए पर्याप्त अवसर हैं।
जानकारी के मुताबिक इस कट्टरवादी संगठन ने नेपाल के विराटनगर के पास रज्जाक मस्जिद की नींव रखी है। खुद संगठन ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि नेपाल में इस्लाम की दावत करने के लिए काफी स्कोप है। ऐसे में उसने इस मस्जिद को बनाने का काम शुरू किया है। इस कट्टरपंथी संगठन ने आधिकारिक तौर पर यह भी कहा है कि नेपाल की 15 फीसदी जनता को यह मस्जिद इस्लाम के लिए प्रेरित कर सकेगी। नेपाल में लगभग ढाई करोड़ लोग हिंदू धर्म को मानते हैं। ऐसी मस्जिदों के जरिए पाकिस्तान और बांग्लादेशी संगठन की नजर उनका धर्म परिवर्तन करने पर है।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की चाल
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI इस संगठन को पर्दे के पीछे से पूरा सहयोग दे रही है। पाकिस्तान में खाने को पैसे भले ही न हों, इसके लिए वो फंड भी जुटा रहा है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का मकसद है कि जहां ऐसी मस्जिदों के जरिए नेपाल का इस्लामीकरण किया जा सकेगा। वहीं भारत में घुसपैठ के लिए पाकिस्तान से आने वाले आतंकवादियों को भी इन मस्जिदों में शरण दी जा सकेगी। दिलचस्प यह भी है कि बांग्लादेश के इस कट्टरवादी संगठन NGO ने बांग्लादेशियों से ऐसी मस्जिदें बनाने के लिए दान देने की अपील की है।
HINDI NEWS18