पीएम कृषि संपदा योजना के लिए 6520 करोड़ की मंजूरी
पीएम किसान संपदा योजना के लिए 1920 करोड़ के अतिरिक्त व्यय सहित कुल 6520 करोड़ रुपये के खर्च की मंजूरी दी। एनसीडीसी को मिले दो हजार करोड़ रुपये आसानी से मिलेगा कर्ज जागरण ब्यूरो नई दिल्ली सहकारी समितियों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल करते हुए केंद्र सरकार ने एनसीडीसी को 2025-26 से 2028-29 तक चार वर्षों के लिए दो हजार करोड़ रुपये की अनुदान सहायता योजना को मंजूरी दी है।
01 अगस्त, 2025 – नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने किसानों एवं रेलवे से जुड़े छह बड़े फैसले लिए। पीएम किसान संपदा योजना के लिए 1920 करोड़ के अतिरिक्त व्यय सहित कुल 6520 करोड़ रुपये के खर्च की मंजूरी दी। यह निर्णय 15वें वित्त आयोग (2021-22 से 2025-26) के दौरान इस योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
दो प्रमुख योजनाओं में खर्च होंगे एक हजार करोड़
सरकार ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को दो हजार करोड़ रुपये के वित्तीय समर्थन की मंजूरी दी है। इससे संगठन को कर्ज देने के लिए अधिक कोष जुटाने में मदद मिलेगी। पीएम किसान संपदा योजना की कुल राशि में से एक हजार करोड़ दो प्रमुख योजनाओं में खर्च होंगे।
इसमें विभिन्न फसलों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए 50 इकाइयों का निर्माण होगा। इनकी क्षमता 20 से 30 लाख टन खाद्य संरक्षण की होगी। इसी तरह खाद्य सुरक्षा मानकों में सुधार के लिए सौ परीक्षण प्रयोगशालाएं खुलेंगी। इससे खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा।
खाद्य निर्यात को प्रोत्साहित किया जाएगा
कृषि उपज के संरक्षण, मूल्य संवर्धन एवं वैश्विक मानकों के अनुरूप प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात को प्रोत्साहित किया जाएगा। निजी क्षेत्र की भागीदारी से रोजगार और निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।
एनसीडीसी को मिले दो हजार करोड़ रुपये, आसानी से मिलेगा कर्ज
सहकारी समितियों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल करते हुए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) को 2025-26 से 2028-29 तक चार वर्षों के लिए दो हजार करोड़ रुपये की अनुदान सहायता योजना को मंजूरी दी है।
पांच सौ करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी
इसके तहत निगम को प्रत्येक वर्ष पांच सौ करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी, जिसके आधार पर वह बाजार से 20 हजार करोड़ रुपये जुटा सकेगा। इस पैसे का इस्तेमाल सहकारी समितियों को नई परियोजनाएं शुरू करने, संयंत्रों के विस्तार, तकनीकी उन्नयन एवं कार्यशील पूंजी के लिए कर्ज देने में किया जाएगा। सरकार की इस योजना से देशभर की 13,288 सहकारी समितियां लाभान्वित होंगी, जिनमें करीब दो करोड़ 90 लाख सदस्य शामिल हैं।
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को बताया कि यह योजना सहकारी समितियों को आत्मनिर्भर बनाएगी, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाएगी और महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करेगी।
किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी
साथ ही, किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। महिलाओं एवं श्रमिकों के नेतृत्व वाली समितियों को भी इस योजना से मदद मिलेगी। परियोजना की निगरानी, ऋण वितरण एवं वसूली की जिम्मेवारी एनसीडीसी की होगी।
देश में 8।25 लाख सहकारी समितियां
जरूरत के अनुसार वह राज्य सरकारों के जरिए या सीधे सहकारी समितियों को ऋण देगा। देश में 8।25 लाख सहकारी समितियां हैं जिनके 29 करोड़ से ज्यादा सदस्य हैं। इनमें 94 प्रतिशत किसान हैं। यह योजना उनके लिए आर्थिक विकास का बड़ा साधन बन सकती है।
दैनिक जागरण