पंजाब में स्वास्थ्य विभाग ने बाढ़ के बाद एडवाइजरी जारी की है। जल और मच्छर जनित रोगों को लेकर कैंप भी लगाए गए हैं जिससे लोगों को परेशानी का सामना ना करना पड़े।
12 सितंबर, 2025 – चंडीगढ़ : पंजाब में बाढ़ की तबाही के बाद अब जल और मच्छर जनित सहित कई दूसरी बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। पानी का स्तर नीचे जाने के साथ ही मलेरिया, डेंगू, चिकगुनिया, हैजा, टाइफाइड, त्वचा और श्वसन संबंधी बीमारियों होने की संभावना बढ़ गई है। स्वास्थ्य विभाग ने भी एडवाइजरी जारी कर दी है। पानी के सैंपल भी लिए जा रहे हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 818 रैपिड रिस्पॉन्स और मोबाइल मेडिकल टीमें भी तैनात कर दी हैं, जो बीमारियों की चपेट में आए लोगों तक इलाज पहुंचाने का काम करेंगी।
बाढ़ में सांप और दूसरे कीड़े-मकौड़ों के काटने के मामले भी बढ़ जाते हैं, जिसे लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, फिरोजपुर, फाजिल्का, कपूरथला, बरनाला, बठिंडा, होशियारपुर, तरनतारन, पटियाला, जालंधर, रूपनगर और मोगा सहित 14 जिलों में 504 गाय-भैंसों, 73 भेड़-बकरियां और 160 सुअरों के मरने से बीमारियों के बढ़ने का डर है।
पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए टीमों ने ऑन द स्पॉट वाटर टेस्टिंग शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग पानी का क्लोरिनेशन भी कर रहा है। विभाग ने प्रभावित एरिया में 962 कैंप लगाए हैं। वहां 31,876 से अधिक मरीजों की जांच की गई है और दस्त, गैस्ट्रोएंटेराइटिस, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, त्वचा व आंखों की एलर्जी और कुत्तों के काटने जैसी बीमारियों का उपचार किया गया है। कैंप में अधिक मामले सामने आने के बाद ही विभाग अलर्ट हो गया है। बाढ़ प्रभावित जिलों में 11,103 से अधिक आशा वर्कर्स की भी तैनाती कर दी गई है, जो घर-घर जाकर दवाएं बांट रही हैं और जलजनित रोगों के प्रति जागरूकता फैला रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग की सलाह
जलजनित रोगों की रोकथाम : केवल उबला हुआ या क्लोरिनयुक्त पानी पिएं। जहां पानी उबालना संभव न हो, वहां क्लोरीन टैबलेट का उपयोग करें।
मच्छर जनित बीमारियों से बचाव : टंकियों को ढककर रखें, मच्छरदानी का प्रयोग करें और शरीर ढकने वाले कपड़े पहनें। प्रभावित क्षेत्रों में फॉगिंग व स्प्रे करने के निर्देश भी दिए गए हैं। नगर निकायों में पानी की निकासी के प्रबंध करने के लिए बोला गया है।
सांप के काटने से बचाव : अंधेरे में जलभराव या झाड़ीदार क्षेत्रों में न चलें। टॉर्च और डंडे का इस्तेमाल करें।
त्वचा संबंधी बीमारियों से बचाव: बाढ़ के पानी में लंबे समय तक न रहें, गीले कपड़े तुरंत बदलें और त्वचा को साफ व सूखा रखें। खुजली या त्वचा लाल होने पर स्वास्थ्यकर्मी से संपर्क करें। डायरिया होने पर तुरंत ओआरएस पीने की सलाह दी गई है।
जलजनित रोगों में हुई बढ़ोतरी
पंजाब के लिए यह भी चिंता की बात है कि इस साल जलजनित रोगों में बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2025 जून तक मलेरिया के 33 केस आए हैं, जबकि वर्ष 2024 में इस अवधि के दौरान 15 केस आए थे। इसी तरह चिकगुनिया के 2024 में 396 केस आए थे, जो इस साल बढ़कर 1824 हो गए। हालांकि डेंगू के केसों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई।
बाढ़ के बाद जलजनित बीमारियां फैलने का खतरा है। स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। साथ ही इलाज के लिए कैंप लगाए जा रहे हैं और साफ पानी के लिए क्लोरीन की गोलियां बांटी जा रही हैं। – डॉ. बलबीर सिंह, स्वास्थ्य मंत्री, पंजाब
अमर उजाला