मसूद अजहर की बहन सादिया संभालेगी कमान
जैश ने पहली बार महिला विंग का ऐलान किया है। मसूद अजहर के नेतृत्व वाले इस संगठन ने बुधवार को बहावलपुर के मरकज उस्मान-ओ-अली से ‘जमात-उल-मोमिनात’ की भर्ती शुरू करने की घोषणा की।
13 अक्टूबर, 2025 – नई दिल्लीः जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने ऑपरेशन सिंदूर में लगे भारी झटके के बाद अपनी पैठ फिर से बढ़ाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। अब जैश ने पहली बार महिला विंग का ऐलान किया है। मसूद अजहर के नेतृत्व वाले इस संगठन ने बुधवार को बहावलपुर के मरकज उस्मान-ओ-अली से ‘जमात-उल-मोमिनात’ की भर्ती शुरू करने की घोषणा की। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सुरक्षा बलों ने बहावलपुर में जैश के मुख्यालय पर हमला किया था; उसी हमले में संगठन को भारी क्षति उठानी पड़ी और मसूद अजहर ने बाद में बताया कि इसमें उसके परिवार के दर्जनों सदस्य मारे गए।
मसूद अजहर की बहन संभालेगी कमान
सूत्रों के हवाले से एनडीटीवी ने बताया कि महिला विंग की अगुवाई मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर करेगी, जबकि उनकी भर्ती में कमांडरों की पत्नियां और बहावलपुर, कराची, मुज़फ़्फराबाद, कोटली, हरीपुर व मंसेहरा के केंद्रों में पढ़ने वाली आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं शामिल की जा रही हैं। संगठन ने यह भी संकेत दिए हैं कि वह अब महिलाओं को आत्मघाती या अन्य हमलों में इस्तेमाल करने पर विचार कर रहा है। यह एक रणनीतिक बदलाव जो ISIS, बोको हराम, हमास और एलटीटीई जैसे समूहों के तरीकों से मिलता-जुलता है।
जमात-उल-मोमिनात की गतिविधियां
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि जमात-उल-मोमिनात की गतिविधियां सिर्फ पाकिस्तान तक सीमित रहने की संभावना नहीं है; सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक यह ब्रिगेड भारत में भी ऑनलाइन नेटवर्क के जरिए सक्रिय होने की योजना बना रही है। जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और देश के कुछ दक्षिणी हिस्सों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और व्हाट्सऐप ग्रुप्स के माध्यम से शहरी और शिक्षित मुस्लिम महिलाओं को भावनात्मक और धार्मिक संदेशों के जरिये लुभाया जाएगा और उन्हें संगठनात्मक गतिविधियों के लिए तैयार किया जाएगा। संगठन की प्रचार सामग्री में मक्का-मदीना की छवियां और भावुक अपीलें शामिल हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि लक्षित दर्शक के रूप में शहरी, पढ़ी-लिखी महिलाओं को देखा जा रहा है।
भारत में कई हमलों को अंजाम दे चुका है जैश
बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद ने भारत में कई हाई-प्रोफाइल हमलों को अंजाम दिया है, जिनमें 2001 का संसद हमला और 2019 का पुलवामा आत्मघाती हमला शामिल हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद मसूद अजहर ने अपने परिवार के सदस्यों की मौत का उल्लेख किया था, और उसी घटना के असर से संगठन अब अपनी क्षमताओं को बहाल करने के लिए नई पद्धतियां अपना रहा है।
नवभारत टाइम्स