पुलिस का खुलासा, इस गैंगस्टर का करीबी था बलाचौरिया; हत्या के बाद मोबाइल-पिस्टल गायब
17 दिसम्बर, 2025 – मोहाली (पंजाब) : कबड्डी प्रमोटर एवं खिलाड़ी कुंवर दिग्विजय सिंह उर्फ राणा बलाचौरिया का मंगलवार को सिविल अस्पताल फेज-6 में डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार राणा की मौत 30 बोर पिस्टल से सिर के पीछे मारी गई एक गोली से हुई।
मोहाली के सोहाना क्षेत्र के सेक्टर-82 स्थित मैदान में सोमवार शाम मशहूर कबड्डी प्रमोटर और खिलाड़ी कुंवर दिग्विजय सिंह उर्फ राणा बलाचौरिया की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि राणा बलाचौरिया की हत्या गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया का करीबी होने के चलते की गई। पुलिस के अनुसार राणा और जग्गू भगवानपुरिया के बीच कबड्डी टूर्नामेंटों को लेकर टाईअप था, इसे लेकर विरोधी गैंगों से रंजिश चल रही थी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हरमनदीप सिंह हंस ने बताया कि राणा बलाचौरिया की हत्या पूरी तरह सुनियोजित थी। बाइक पर सवार होकर आए दो शूटरों ने सेल्फी लेने के बहाने राणा के पास पहुंचकर 30 बोर पिस्टल से उनके सिर में गोली मारी। हमलावर वारदात को अंजाम देने के बाद मौके से भाग गए।
एसएसपी हंस ने बताया कि मोहाली पुलिस की दो टीमें दिल्ली-एनसीआर और दो टीमें अमृतसर में दबिश दे रही हैं। पुलिस को इनपुट मिला है कि आरोपी इन इलाकों में छिपे हो सकते हैं। इसके अलावा एक तीसरे अज्ञात व्यक्ति की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। पुलिस को शक है कि यही तीसरा व्यक्ति राणा बलाचौरिया को जानता था और उसी ने शूटरों को सेल्फी के बहाने राणा तक पहुंचाया। इस वारदात में रोपड़ के रहने वाले एक अन्य युवक जगप्रीत सिंह भी घायल हुआ है, जो वारदात के समय गोली लगने से जमीन पर गिरे राणा को उठाने के लिए गया था और छर्रे लगने से घायल हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। पुलिस उससे भी पूछताछ कर रही है।
टोल प्लाजा की खंगाली जा रही फुटेज
मंगलवार को पुलिस ने सभी टोल प्लाजा और आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। मोटरसाइकिल का नंबर ट्रेस करने के लिए तकनीकी टीमों को लगाया गया है। वहीं, शूटरों को भगाने और उन्हें पनाह देने वालों की भी पहचान की जा रही है। यह कबड्डी टूर्नामेंट बैदवान स्पोर्ट्स क्लब सोहाना की ओर से आयोजित किया गया था। टूर्नामेंट की शुरुआत 12 दिसंबर को हुई थी और 15 दिसंबर को अंतिम मुकाबले खेले गए थे। मैच समाप्त होने के बाद राणा बलाचौरिया आयोजन स्थल से बाहर निकल रहे थे, तभी इस वारदात को अंजाम दिया गया।
सिर में लगी गोली से हुई मौत, मुंह से बाहर निकली थी गोली
कबड्डी प्रमोटर एवं खिलाड़ी कुंवर दिग्विजय सिंह उर्फ राणा बलाचौरिया का मंगलवार को सिविल अस्पताल फेज-6 में डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार राणा की मौत 30 बोर पिस्टल से सिर के पीछे मारी गई एक गोली से हुई। गोली सिर के पीछे से लगकर मुंह के रास्ते बाहर निकल गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी करवाई। पोस्टमार्टम के बाद शव अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया। परिजन शव को राणा के पैतृक गांव बलाचौर के चनकोया लेकर रवाना हो गए। शव लेने उसके पिता कंवर राजीव सिंह, ताया संजीव सिंह, भाई और करीबी दोस्त अस्पताल पहुंचे थे। सोमवार को गोली लगने के बाद राणा को गंभीर हालत में फोर्टिस अस्पताल लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। मंगलवार सुबह करीब सवा 11 बजे शव पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल पहुंचा। लगभग दो घंटे तक चली प्रक्रिया के बाद दोपहर 1.47 बजे परिवार शव लेकर बलाचौर के लिए रवाना हुआ। गांव में अंतिम संस्कार किया गया।
पिता का आरोप हत्या के बाद बेटे का पिस्टल और मोबाइल गायब
राणा के पिता कंवर राजीव सिंह ने गंभीर आरोप लगाकर कहा कि हत्या के समय उनके बेटे का पिस्टल और मोबाइल फोन गायब थे। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस सुरक्षा के दौरान ही उनके बेटे की हत्या की गई और सामान भी लूट लिया गया। परिजनों का कहना है कि कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने एक व्यक्ति को राणा का पिस्टल लेकर भागते देखा है। इस पहलू को लेकर पुलिस अलग से जांच कर रही है।
दोस्त बोला- राणा का किसी गैंगस्टर से संबंध नहीं
राणा के करीबी दोस्त सुखविंदर सिंह ने कहा कि राणा का किसी भी गैंगस्टर से कोई संबंध नहीं था। उन्होंने बताया कि राणा का स्वभाव बेहद मिलनसार था और वह फुर्सत के समय दोस्तों के बीच बैठना पसंद करता था। इस दौरान पंजाब के पूर्व सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के बेटे कंवर सिद्धू भी अस्पताल पहुंचकर राणा के पिता से मिले और परिवार के प्रति संवेदना जताई। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
कबड्डी खिलाड़ी और प्रमोटरों की लगातार हो रही हत्याएं
पंजाब में बीते कुछ वर्षों में कबड्डी खिलाड़ियों और प्रमोटरों की हत्या करने की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। मार्च 2022 में संदीप नंगल अंबिया, अक्टूबर 2025 में तेजपाल सिंह और नवंबर 2025 में गुरविंदर सिंह की भी कबड्डी टूर्नामेंट के दौरान गोली मारकर हत्या की जा चुकी है। राणा बलाचौरिया की हत्या ने एक बार फिर कबड्डी जगत की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अमर उजाला