‘ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने पर पाकिस्तान देता था पैसे’, आर्मी के गद्दार जवान ने खोले राज; बैंक डिटेल खंगाल रही पुलिस
भारतीय सेना के जवान गुरप्रीत सिंह और साहिल मसीह को ISI के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने दो लाख रुपये के बदले ISI एजेंट राणा जावेद को जम्मू, दिल्ली, मेरठ और पंजाब के सैन्य ठिकानों की गोपनीय जानकारी दी। सुरक्षा एजेंसियां इस बड़े जासूसी नेटवर्क की जांच में जुटी हैं।
24 जून, 2025 – अमृतसर : पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने वाले भारतीय सेना के जवान गुरप्रीत सिंह और उसके साथी साहिल मसीह को पिछले दो महीनों में दो लाख रुपये मिले थे। यह राशि ऑनलाइन ट्रांसफर की गई है, जिसे गुरप्रीत ने अपने साथी साहिल के बैंक खाते में डलवाया।
यह भी पता चला है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी गुरप्रीत ने ISI को कई सैन्य ठिकानों की जानकारी भेजी थी। उधर, कोर्ट ने दोनों आरोपितों को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है और मंगलवार को इन्हें फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा। SSP मनिंदर सिंह ने बताया कि जांच में यह सामने आया है कि गुरप्रीत सिंह ने जम्मू के अलावा दिल्ली कैंट और मेरठ कैंट में भी अपनी ड्यूटी की है।
पुलिस को संदेह है कि वह लंबे समय से ISI के एजेंट राणा जावेद के संपर्क में था। उसने जम्मू के साथ-साथ दिल्ली, मेरठ और पंजाब के कई सैन्य ठिकानों की जानकारी राणा जावेद के माध्यम से ISI को दी है।
गुरुद्वारा साहिब में सेवादार है आरोपी का पिता
धालीवाल निवासी गुरप्रीत का राणा जावेद के साथ गांव के नशा तस्कर अर्जन नामक व्यक्ति ने संपर्क करवाया था। वह इस समय दुबई में रह रहा है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि अर्जन का जल्द ही LOC जारी किया जाएगा। गिरफ्तार किए गए गुरप्रीत सिंह का पिता गांव के ही गुरुद्वारा साहिब में सेवादार है। दोनों आरोपित फताहपुर जेल में बंद हैं।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने भी अमृतसर में डेरा डाल लिया है। सोमवार की शाम को गुरप्रीत और साहिल को JIC (ज्वाइंट इंटेरोगेशन सेंटर) में उनसे पूछताछ की। इस घटना से स्पष्ट है कि जासूसी का यह मामला केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि एक व्यापक नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं ताकि इस जासूसी के पीछे के सभी तत्वों का पता लगाया जा सके।
सौजन्य : दैनिक जागरण
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